दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भिवाड़ी के जिन पहाड़ों में अल-कायदा का आतंकी ट्रेनिंग कैंप पकड़ा है, वो बेहद संवेदनशील इलाका है। इसके 5 से 7 किलोमीटर के दायरे में भारतीय वायु सेना का प्रतिबंधित क्षेत्र और नूंह का नल्हड़ महादेव मंदिर है, जहां साल 2
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जिन पहाड़ों से श्रद्धालुओं पर गोलियां बरसी, वह स्थान भी महज 8 किलोमीटर दूर है। देश की राजधानी से सटे इलाके में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई कर 6 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
6 संदिग्धों के पास हथियार भी मिले
दिल्ली पुलिस के पीआरओ आईपीएस सुमन नलवा के मुताबिक पकड़े गए 6 संदिग्ध आतंकी हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे। नेटवर्क झारखंड और यूपी तक फैला है। कुल 8 लोग पकड़े गए हैं, जिनसे हथियार, गोला-बारूद, आतंकी विचारधारा की किताबें मिली हैं। रांची में 15 स्थानों और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भी छापेमारी की गई है। मॉड्यूल का सरगना रांची का डॉ. इश्तियाक बताया गया है, जो देश में खिलाफत डिक्लेरेशन के साथ बड़ी आतंकी वारदातें प्लान कर रहा था।
3 साल पहले भी पकड़ा गया था अल-कायदा का स्लीपर एजेंट
अल-कायदा मॉड्यूल का लिंक जुलाई 2021 में भी सामने आया था। तब तिजारा थाने के गांव बैंगनहेड़ी के असरूद्दीन को जयपुर रेंज आईजी की टीम ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का सोशल मीडिया पर संचालन करने को लेकर गिरफ्तार किया था। उसके पास से देश विरोधी सामग्री मिली थी। मोबाइल में जिहादी और राष्ट्र विरोधी मानसिकता वाले कई ग्रुप से जुड़ा मिला था।
टेलीग्राम पर वह 51 लोगों का इस्लामिक मीडिया नाम का ग्रुप चला रहा था, जिनमें 9 कश्मीरी, 9 पाकिस्तानी और शेष ईरान, म्यांमार और मेवात से थे। तब जांच में खुलासा हुआ कि असरूद्दीन अल-कायदा के मॉड्यूल के हिसाब से सेकेंड स्टेज तक पहुंच चुका था।
असरूद्दीन टेलीग्राम के 50 से अधिक चैनल से जुड़ा था। अल-कायदा से जुड़े लोगों के #313 मुजाहिद, लेकर रहेंगे आजादी, शरीयत ए शहादत, मौलाना की तकरीर ग्रुप में एक्टिव था। वहीद पुलवामा नाम के अलगाववादी सहित अन्य के लिए वो बेहतर वर्कर का दर्जा पा चुका था और लोकल युवाओं को जोड़कर ब्रेन वॉश का जिम्मा संभाल रहा था। महाराष्ट्र-गुजरात में नेटवर्क बना रहा था। साल 2019 में भी पुलिस के रडार पर आया था। तब उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, लेकिन वह स्लीपर सेल के बतौर सक्रिय बना रहा।
मेवात में पकड़ा जा चुका है आईएसआई एजेंट
राजस्थान और हरियाणा के मेवात इलाके में देश विरोधी गतिविधि के नेटवर्क चलते रहे हैं। दोहा गांव में दो दशक पहले आईएसआई एजेंट पकड़ा गया था। इसके बाद भरतपुर क्षेत्र के सीकरी में संदिग्ध आईएसआई एजेंट पकड़ा गया। नगीना इलाके के गुमट बिहारी गांव में भी कार्रवाई हुई। अब चौपानकी इलाके के सारे कलां में 6 संदिग्ध पकड़े गए हैं। हरियाणा से सटे पहाड़ी इलाके को देश विरोधी मानसिकता के लोग ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।
पहाड़ों में फायरिंग होती थी, पुलिस को पता क्यों नहीं चला?
उद्योग नगरी भिवाड़ी के पास आतंकी गतिविधि चल रही थी। हैरानी की बात ये है कि पकड़े गए लोग यहां हथियार चलाना सीख रहे थे। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लगी। जो रास्ता ट्रेनिंग कैंप को जाता है, उसी के पास पहाड़ी रास्ते से एयर फोर्स की तारबंदी है। आगे पहाड़ पर इंदौर किला और पहाड़ से नीचे उतरते ही हरियाणा में नूंह का नल्हड़ महादेव मंदिर है। कुल 10 किमी के दायरे में देश की सुरक्षा में सेंध का इतना खतरनाक मॉड्यूल बैठा रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारी को लेकर शुक्रवार को जोधपुर जाते समय डीजीपी उत्कल रंजन साहू जमेर में रुके। इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की।
डीजीपी बोले- राजस्थान एटीएस की टीम जांच में जुटी
डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने कहा- भिवाड़ी में संदिग्धों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने मदद मांगी थी और 6 लोगों को गिरफ्तार किया। अब राजस्थान की एटीएस टीम काम कर रही है। उनके मॉड्यूल का क्या प्लान और प्रोग्राम था, राजस्थान में कहां इनके कॉन्टैक्ट्स हैं। किसने सहायता पहुंचाई, कितने दिन से यह चीज हो रही थी। सभी के बारे में एटीएस एडीजी काम कर रहे हैं। आगे जैसी भी जानकारी आएगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इन देशों में एक्टिव है आतंकी संगठन
कैसे बना आतंकी संगठन AQIS
अल-कायदा इन इंडियन सब-कॉन्टिनेंट (AQIS) की शुरुआत 2014 में पूर्व अल-कायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी ने की थी। पाकिस्तान मूल का असीम उमर इसका शुरुआती सदस्य था। तब अल-जवाहिरी की तरफ से एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उसने भारत के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की बात कही थी।
अब इसकी अगुवाई ओसामा महमूद कर रहा है, जो पाकिस्तान मूल का बताया जाता है। US-अफगान मिलिट्री ऑपरेशन में उमर मारा गया था। इसके बाद 2019 में महमूद ने इसकी बागडोर अपने हाथ में ले ली थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन सब-कॉन्टिनेंट में अल-कायदा के एक संगठन AQIS के 200 लड़ाके मौजूद हैं। इनका लीडर आतंकी ओसामा महमूद है। वहीं अफगानिस्तान में इस संगठन के 400 लड़ाके हैं। UN के एक मेंबर स्टेट ने दावा किया है कि AQIS क्षेत्र में ISIS के खोरासान प्रॉविंस (ISIL-K) से जुड़ने के लिए तैयार है।
भारत में आतंकी संगठन AQIS कितना एक्टिव
दिल्ली में 2015 में तीन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद AQIS की भारत में मौजूदगी का पहली बार पता चला था। दिल्ली पुलिस ने बाद में AQIS के आतंकी मौलाना अब्दुल रहमान कासमी को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने दावा किया कि इस आतंकी संगठन ने झारखंड के जंगलों में ट्रेनिंग कैंप बना रखा है। जुलाई 2021 में UP पुलिस ने अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन अंसार गजवत उल हिंद के 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। भारत में अब AQIS का कोई बेस नहीं है।
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