संसद सत्र का 11वां दिन: विपक्ष ने पूछा- सहारा ग्रुप के कितने निवेशकों को पैसा वापस मिला, वित्त मंत्री बोलीं- कोर्ट में जाकर पूछिए

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नई दिल्ली9 घंटे पहले

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सहारा बकाया पैसे के मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया-  आप सारे कागजात लाइए, हम पैसे देने के लिए तैयार हैं। - Dainik Bhaskar

सहारा बकाया पैसे के मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया- आप सारे कागजात लाइए, हम पैसे देने के लिए तैयार हैं।

संसद के मानसून सत्र का सोमवार को 11वां दिन है। लोकसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान सीकर (राजस्थान) से CPI(M) सांसद अमरा राम ने पूछा कि सहारा ग्रुप में निवेश करने वाले कितने लोगों को पैसा वापस किया और कितना किया?

इस पर पहले वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि अभी तक 138 करोड़ रुपए वापस किए जा चुके हैं। अमरा राम इस पर संतुष्ट नहीं हुए और दोबारा सवाल किया। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- कोर्ट में जाकर पूछिए।

वित्त मंत्री बोलीं- सुप्रीम कोर्ट हमें सुपरवाइज कर रहा है। हमारे ऊपर हाथ उठाने का कोई फायदा नहीं है। सरकार निर्णय नहीं कर सकती। कोई सदस्य बाहर जाकर यह न बोले कि सरकार पैसे नहीं दे रही है। सरकार हाथ जोड़कर बुला रही है कि लोग कागजात के साथ आएं। हम पैसा देने के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सिरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस (SFIO) रिफन्ड मामले की पूरी जांच कर रहा है। इसका पता लगाया जा रहा है कि आखिर बड़ी संख्या में निवेशक कंपनी में निवेश किए गए पैसे वापस लेने आगे क्यों नहीं आ रहे हैं। इस पूरे मामलें की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है और सरकार भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर काम कर रहा है।

सूत्रों का दावा- पहले राज्य सभा में पेश होगा वक्फ बोर्ड संसोधन

वक्फ बोर्ड की पावर्स को सीमित करने के लिए सरकार वक्फ बोर्ड अमेंडमेंट बिल को सबसे पहले राज्य सभा में पेश कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, ये कहा जा रहा है कि 12 अगस्त को बजट सत्र खत्म होने से पहले ही संशोधन प्रस्ताव पेश हो सकता है। सूत्रों में ये भी दावा किया जा रहा है कि, सरकार ने संशोधन लाने से पहले कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों और संगठनों से विचार-विमर्श किया गया है। वक्फ बोर्ड एक्ट में लगभग 32-40 संशोधनों पर विचार किया जा रहा है।

1995 और फिर 2013 में वक्फ बोर्ड की पावर्स बढ़ाई गई

वक्फ एक्ट को पहली बार 1954 में संसद द्वारा पारित किया गया था। इसके बाद, इसे निरस्त कर दिया गया और 1995 में एक नया वक्फ एक्ट पारित किया गया, जिसमें वक्फ बोर्ड को ज्यादा अधिक अधिकार दिए गए। 2013 में, इस अधिनियम में फिर संशोधन किया गया और वक्फ बोर्ड को संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ के रूप में नामित करने का अधिकार दिए गया।

अब सूत्रों के अनुसार सरकार प्रस्तावित संशोधन में वक्फ बोर्ड के लिए जिला कलेक्टर के कार्यालय में अपनी संपत्ति पंजीकृत कराना अनिवार्य किया जा सकता है। इससे संपत्ति का मूल्यांकन किया जा सकेगा। इसके अलावा संशोधनों में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य के बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी बढ़ाया जा सकता है।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) अधिनियम, 1948 में संशोधन करने के लिए तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश करेंगे।

इधर कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। उन्होंने मांग की है कि ओबीसी-क्रीमी लेयर के आय मानदंड को संशोधित करें या ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर को हटा दें।

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