- 30 घंटे बाद भी हावड़ा-टाटा मार्ग पर सामान्य नहीं हो सका रेल परिचालन
- भारी दबाव के बीच मार्ग बदलकर दक्षिण बिहार एक्सप्रेस को रवाना किया गया
JAMSHEDPUR. चक्रधरपुर रेलमंडल के बड़ाबाम्बो में मंगलवार तड़के मुंबई-हावड़ा मेल हादसे के 30 घंटे बाद भी हावड़ा-मुंबई रेलमार्ग पर ट्रेनों का परिचालन सामान्य नहीं सका है. लंबी दूरी की ट्रेनों को मार्ग बदलकर रवाना किया जा रहा है जबकि कई ट्रेनों को रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी गयी है. इस क्रम में बुधवार की सुबह आरा से टाटानगर पहुंची आरा-दुर्ग दक्षिण बिहार एक्सप्रेस को टाटानगर में रद्द करने की घोषणा कर दी गयी. बताया गया कि अब ट्रेन आगे नहीं जायेगी. इस ट्रेन में बड़ी संख्या कावंरिया थे जो बाबाधाम से लौट रहे थे.
टाटानगर में कावंरियों का विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो में
इनमें बड़ी संख्या में लोगों को झारसुगुड़ा, बिलाससपुर, रायपुर और दुर्ग आदि के जाना था. आगे की यात्रा जारी रखने के लिए दूसरी व्यवस्था के लिए पहले तो यात्रियों ने रेलवे अधिकारियों के सामने अनुनय-विनय किया लेकिन जब उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझा तो बड़ी संख्या में यात्री स्टेशन अधीक्षक कार्यालय पहुंच गये और हंगामा करने लगे. लोग बोल-बम के नारे लगा रहे थे. यहां से बात नहीं बनने पर यात्री स्टेशन डायरेक्टर एल राव से मिले और अपना विरोध दर्ज कराया. कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिलने पर बड़ी संख्या में लोग पटरी पर उतर गये और सामने से आ रही राजधानी एक्सप्रेस को रोक दिया.
पटरी पर उतरे कावंरियां यात्रियों ने लाइट इंजन और मालगाड़ी का परिचालन भी बाधित करने का प्रयास किया. इस सूचना के मंडल मुख्यालय पहुंचने के बाद अधिकारी हरकत में आये और आनन-फानन में दक्षिण बिहार एक्सप्रेस को रद्द करने का निर्णय बदलते ही मुरी के रास्ते ट्रेन को आगे रवाना करने का आदेश जारी किया गया. इस क्रम में एक घंटे तक यात्री स्टेशन और पटरी पर हंगामा मचाते रहे. राजधानी को लगभग 10 मिनट तक रोका गया. बाद में यात्री माने और आरा-दुर्ग दक्षिण बिहार एक्सप्रेस से आगे की यात्रा जारी रखी.
सीआरएस की रिपोर्ट के बाद मामले में बड़ी कार्रवाई संभव
चक्रधरपुर रेलमंडल के बड़ाबाम्बो में मालगाड़ी से टक्कर के बाद मुंबई मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गये थे. दुर्घटना में दो लोगों की मौत होने के साथ 20 से अधिक यात्री घायल हो गये है. इस हादसे के बाद से मंगलवार की सुबह से ही हावड़ा-मुंबई मार्ग पर रेल परिचालन बाधित है और रेलवे ट्रैक की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है. इस रेल हादसे को रेलवे बोर्ड गंभीरता से ले रहा है. ऐसा माना जाता है कि सीआरएस की रिपोर्ट के बाद हादसे के मामले में जिम्मेदारी तय की जा सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि हादसे की आंच सीनियर डीईएन को-ऑर्डिनेशन, डीईएन साउथ के साथ डीआरएम और जीएम तक पहुंच सकती है.
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