चाइल्ड राइट बॉडी का नेटफ्लिक्स को समन: 29 जुलाई को पेश होने को कहा; OTT प्लेटफॉर्म पर नाबालिग को सेक्सुअल कंटेट एक्सेस का मुद्दा

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नई दिल्ली12 मिनट पहले

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नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने मंगलवार (23 जुलाई) को OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स को समन जारी किया। इसमें लिखा गया है कि नेटफ्लिक्स के प्लेटफॉर्म पर सेक्सुअल कंटेट दिखाया जाता है और ये कंटेंट नाबालिगों के लिए भी बड़ी आसानी से उपलब्ध है। ऐसा होना पोक्सो एक्ट 2012 का उल्लंघन है।

एनसीपीसीआर ने कहा है कि इसी मामले पर जून की शुरुआत में नेटफ्लिक्स को पत्र लिखा गया था, लेकिन उसका जवाब नहीं मिला था। वहीं, कमीनश के जारी नए समन पर नेटफ्लिक्स की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया।

कमीशन ने CPCR एक्ट 2005 की धारा 14 के तहत नेटफ्लिक्स से जुड़े अधिकारियों से इस मामले में अबतक के उनके उठाए गए कदमों की डिटेल के साथ 29 जुलाई को दोपहर 3 बजे फिजिकली उपस्थित होने का कहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में नेटफ्लिक्स के 12 मिलियन सब्सक्राइबर हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में नेटफ्लिक्स के 12 मिलियन सब्सक्राइबर हैं।

वेब सीरीज के तौर पर बी-ग्रेड और लो बजट सॉफ्ट पोर्न कंटेंट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2018 से 2024 के बीच कई OTT प्लेटफॉर्म्स ने वेब सीरीज के तौर पर बी-ग्रेड और लो बजट सॉफ्ट पोर्न कंटेंट पेश करना शुरू किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने ओटीटी पर रेगुलेशन के नियम लागू किए। अब सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट की निगरानी इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड रूल्स, 2021 के जरिए करती है।

नियमों के मुताबिक ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अपने कंटेंट का क्लासिफिकेशन, ऐज रेटिंग और सेल्फ रेगुलेशन का खुद पालन करना होता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो इस एक्ट की धारा 67, 67A और 67B के तहत सरकार पेश किए जा रहे आपत्तिजनक कंटेंट को ब्लॉक कर सकती है।

2004 से शुरू हुई नेटफ्लिक्स की सफलता की कहानी
2004 से नेटफ्लिक्स की सफलता की कहानी शुरू हुई। जब इसका सलाना रेवेन्यू बढ़कर 3.73 हजार करोड़ रुपए हो गया था। इसके बाद कंपनी की पॉपुलैरिटी और सब्सक्राइबर्स की संख्या काफी तेजी से बढ़ी। 2005 तक दुनिया भर में करीब 50 लाख लोगों ने इसे सब्सक्राइब किया था। लेकिन 2005 में यूट्यूब भी आ चुका था।

ट्यूब जिस तरीके से अपने पांव पसार रहा था उसको देखते हुए 2007 शुरू होते ही नेटफ्लिक्स ने पहली बार अपनी एप पर वीडियो स्ट्रीमिंग भी शुरु कर दी। अब एप पर WATCH NOW का ऑप्शन था। लोग बिना किसी DVD के सीधे अपने पसंद की फिल्म देख सकते थे। यह कंपनी के लिए गेमचेंजर साबित हुआ। कंपनी ने फिर ब्लू रे, एक्सबॉक्स 360 के साथ डील की और अब ये कंपनी अपना कंटेंट नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर सकती थी।

बिंज वॉचिंग का कल्चर नेटफ्लिक्स ही लाया
हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू को दिए इंटरव्यू में नेटफ्लिक्स के सीईओ ने कहा था कि डिसरप्शन मार्केट में बने रहने के लिए बेहद जरूरी है। नेटफ्लिक्स ने शुरुआत में कुरिअर से लोगों के घरों तक डीवीडी पहुंचाई। फिर फिल्म और टीवी शो को डिजिटली प्रसारित करना शुरू किया।

उन्होंने आगे कहा था कि अब नेटफ्लिक्स कंटेंट बनाने में काफी पैसा खर्च कर रहा है। 2021 में ऑरिजनल कंटेंट पर इसने 1.35 लाख करोड़ रुपए खर्च किए। जहां पहले एक एपिसोड रिलीज होने के बाद हफ्ते भर दूसरे एपिसोड का इंतजार करना पड़ता था। इस कल्चर को खत्म करते हुए, नेटफ्लिक्स ने एकसाथ सारे एपिसोड रिलीज करके बिंज वॉचिंग का कल्चर विकसित किया।

भारत में OTT की शुरुआत की कहानी
देश में OTT की शुरुआत 2008 में हुई थी। पहला डिपेंडेंट ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘बिगफ्लिक्स’ था। इसे रिलायंस एंटरटेनमेंट ने साल 2008 में रिलीज किया था। इसके बाद 2010 में डिजिवाइव ने ‘नेक्सजीटीवी’ नाम से इंडिया का पहला ओटीटी मोबाइल ऐप लॉन्च किया था।

2013 और 2014 में नेक्सजीटीवी, आईपीएल मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग करने वाला पहला ऐप बना था। इसके बाद 2015 में आईपीएल की लाइव स्ट्रीमिंग ने ही हॉटस्टार (जो अब डिज्नी+हॉटस्टार है) को देश का सबसे लोकप्रिय ओटीटी प्लेटफॉर्म बनाया गया था।

2013 में डिट्‌टो टीवी और सोनी लिव जैसे ऐप भी लॉन्च हुए जिन्होंने स्टार, सोनी, वायकॉम और जी जैसे चैनल्स पर प्रसारित किए जाने वाले शोज भी ओटीटी पर स्ट्रीम करने शुरू किए थे। इसके बाद दर्शकों ने बड़े पैमाने पर इन ओटीटी ऐप्स को डाउनलोड करके मनमर्जी से किसी भी वक्त अपने फेवरेट शोज देखना शुरू कर दिया था।

कोरोना काल में आया हाइप
2020 में कोराेना काल के शुरुआती तीन महीने में भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को 2019 के अंतिम तीन महीनों के मुकाबले 13% ज्यादा व्यूज मिले थे। पहले लॉकडाउन के दौरान जी-5 के सब्सक्राइबर सबसे ज्यादा 80% बढ़े, वहीं अमेजन प्राइम को 67% नए यूजर्स ने सब्सक्राइब किया था।

इन्वेस्ट इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में अमेजन प्राइम, नेटफ्लिक्स और डिज्नी प्लस हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेफॉर्म्स पर यूजर्स का टाइम स्पेंड 82.63% बढ़ा। इसी दौरान यू-ट्यूब जैसे फ्री एक्सेस प्लेटफॉर्म पर देश के लोगों ने 20.5% ज्यादा समय खर्च किया था।

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