नई दिल्ली23 मिनट पहले
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![16 अप्रैल को दूरदर्शन के लोगो के बदले रंग की जानकारी शेयर की गई थी। - Dainik Bhaskar](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/04/20/k-2024-04-20t163833228_1713611315.jpg)
16 अप्रैल को दूरदर्शन के लोगो के बदले रंग की जानकारी शेयर की गई थी।
पब्लिक ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन के लोगो का रंग लाल से बदलकर नारंगी किया गया है। 16 अप्रैल को दूरदर्शन के अंग्रेजी चैनल डीडी न्यूज ने एक्स हैंडल पर नया प्रमोशनल वीडियो शेयर किया था।
इसके कैप्शन में लिखा था- हालांकि हमारे मूल्य वही हैं, अब हम एक नए अवतार में उपलब्ध हैं। ऐसी समाचार यात्रा के लिए तैयार हो जाएं जो पहले कभी नहीं देखी गई। बिल्कुल नए डीडी न्यूज का अनुभव करें। डीडी न्यूज – भरोसा सच का।”
अब दूरदर्शन के लोगो के बदले रंग को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी हो रही है। विपक्ष से लेकर प्रसार भारती (DD, AIR) के पूर्व सीईओ और TMC सांसद जवाहर सरकार ने दूरदर्शन लोगो के रंग के बदले जाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह अब प्रसार भारती नहीं है – यह प्रचार भारती है।
दूरदर्शन के लोगो का भगवाकरण देखकर दुख होता
जवाहर सरकार ने X पर वीडियो शेयर करते हुए कहा, ”चुनाव से ठीक पहले प्रसार भारती के पूर्व सीईओ के रूप में दूरदर्शन के लोगो का भगवाकरण देखकर दुख होता है। एक तटस्थ पब्लिक ब्रॉडकास्टर अब पक्षपाती सरकार के साथ एक धर्म और संघ (RSS) परिवार के रंग को शामिल करके मतदाताओं को प्रभावित करेगा।”
उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक पहले दूरदर्शन के लोगो का भगवाकरण देखकर दुख होता है। नेशनल ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो को भगवा रंग में रंग दिया है। अपनी ब्रांडिंग के लिए भगवा रंग को चुना है। इसका पूर्व सीईओ होने के नाते मैं इसके भगवाकरण को चिंता के साथ देख रहा हूं। मैं यह महसूस कर रहा हूं कि यह अब प्रसार भारती नहीं है – यह प्रचार भारती है।
सरकार ने दूरदर्शन को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी बताया है। सरकार साल 2012 से साल 2016 तक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो की देखरेख करने वाली संस्था प्रसार भारती के CEO रहे थे।
लोगो का रंग नारंगी है न कि भगवा- CEO गौरव द्विवेदी
लोगो के रंग के बदलने पर लगाए जा रहे आरोपों पर प्रसार भारती के वर्तमान सीईओ गौरव द्विवेदी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘नारंगी रंग का नया लोगो देखने में आकर्षक है और यह बदलाव विजुअल एस्थेटिक को ध्यान में रखते हुए किया गया है। लोगो का रंग नारंगी है न कि भगवा। सिर्फ लोगो में ही बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि हमने डीडी के पूरे लुक और फील को अपग्रेड किया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इस बारे में अर्नगल टिप्पणी कर रहे हैं। हम पिछले छह-आठ महीने डीडी के लुक और फील को बदलने पर काम कर रहे थे।”
मनीष तिवारी ने कहा – सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का प्रयास
आजतक के बातचीत में कांग्रेस के मनीष तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार की ओर से भगवावाद और सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने का एक प्रयास है। यह कदम स्पष्ट रूप से भारत के पब्लिक ब्रॉडकास्टर की तटस्थता और विश्वसनीयता को कमजोर करता है। मनीष तिवारी यूपीए सरकार के दौरान 2012 से 2014 तक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री चुके हैं।
1959 में हुई थी दूरदर्शन की शुरुआत
दूरदर्शन का पुराना लोगो, जब इसका रंग लाल था।
दूरदर्शन की शुरुआत 1959 में इंडियन टेलीविजन के रूप में हुई थी। पहले ये आकाशवाणी का ही हिस्सा था, लेकिन बाद में उससे अलग हो गया था। यूनेस्को की मदद से शुरुआत में दूरदर्शन पर हफ्ते में दो दिन केवल एक-एक घंटे के कार्यक्रम प्रसारित होते थे। इनका उद्देश्य नागरिकों को जागरूक करना होता था।
1965 में इसका रोजाना प्रसारण शुरू हुआ। समाचार आने लगे। फिर कृषि दर्शन आया, जो आज भी दूरदर्शन के अलग-अलग चैनलों पर प्रसारित होता है। चित्रहार पर फिल्मी गाने प्रसारित होते थे।
80 के दशक में दूरदर्शन घर-घर में छा गया। दूरदर्शन पर प्रसारित पहला सीरियल हम लोग था। इसके बाद इस पर प्रसारित होने वाले रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक सीरियलों ने जबर्दस्त लोकप्रियता हासिल की। इन दोनों सीरियल के प्रसारण के समय देश में सड़कें वीरान हो जाया करती थीं।