नई दिल्ली2 मिनट पहले
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ये फोटो 22 अप्रैल 2023 की है। मोदी सरनेम मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल को ये बंगला खाली करना पड़ा था।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को मंगलवार को पुराना सरकारी बंगला 12 तुगलक लेने वापस मिल गया। संसद की हाउसिंग कमेटी ने राहुल की सांसदी बहाल होने के एक दिन बाद बंगला अलॉट किया।
12 तुगलक लेन में राहुल गांधी 19 साल रहे। मोदी सरनेम मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद 22 अप्रैल 2023 को उन्हें ये बंगला खाली करना पड़ा था।
राहुल 12 और 13 अगस्त को अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड भी जाएंगी। सांसदी बहाल होने के बाद यह उनका पहला वायनॉड दौरा होगा।
राहुल गांधी के साथ उनकी बहन प्रियंका भी बंगला खाली कराने गई थीं। इसके बाद राहुल अपनी मां सोनिया गांधी के बंगले में शिफ्ट हो गए थे।
2005 में अलॉट हुआ था 12, तुगलक लेन बंगला
राहुल गांधी 2004 में पहली बार अमेठी से सांसद बने। तब तक वो अपनी मां के साथ 10 जनपथ स्थित बंगले में रहते थे। सांसद बनने पर 2005 में उन्हें पहली बार 12 तुगलक लेन वाला बंगला एलॉट किया गया था।
ये दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित टाइप-8 बंगला है, जो हाइएस्ट कैटेगरी है। इस आलीशान बंगले में 5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 डायनिंग रूम, 1 स्टडी रूम और सर्वेंट क्वार्टर हैं। राहुल गांधी इस बंगले में एक प्राइवेट गृह प्रवेश के बाद शिफ्ट हुए थे। इस सेरेमनी में सोनिया, प्रियंका, रॉबर्ड समेत उनके करीबी लोग ही शामिल थे। इसकी कोई सार्वजनिक तस्वीर भी मौजूद नहीं है।
मां सोनिया के बंगले में शिफ्ट हो गए थे राहुल गांधी
राहुल ने इसी साल 26 फरवरी को कांग्रेस के 85वें अधिवेशन में बताया था कि मेरे पास कोई घर नहीं है। राहुल 12, तुगलक लेन वाले सरकारी बंगले को खाली करने के बाद 10 जनपथ स्थित अपनी मां सोनिया गांधी के आवास में शिफ्ट हो गए थे।
इसी बंगले में डॉग से खेल रहे थे राहुल, हिमंत पर ध्यान नहीं दिया
12 तुगलक लेन से जुड़ा एक चर्चित किस्सा 2016 का है। उस वक्त हिमंत बिस्वा सरमा कांग्रेस में थे। एक इंटरव्यू में में उन्होंने बताया कि वो असम की समस्याएं डिस्कस करने के लिए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने पहुंचे। राहुल उस वक्त अपने पालतू डॉग के साथ खेल रहे थे। राहुल ने हिमंत पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसी से नाराज होकर हिमंत ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और BJP ज्वॉइन कर ली।
जिन सांसदों को बंगला नहीं मिलता, वो किसी होटल में सरकारी खर्चे पर रह सकते हैं
जिन सांसदों को सरकार बंगला नहीं दे पाती वो सांसद दिल्ली के किसी भी होटल में सरकार के खर्चे पर रह सकते हैं। सांसद जितने दिन भी अपने काम से दिल्ली में ठहरता है उसका खर्च केंद्र सरकार उठाती है।
सरकार सांसदों के लिए होटल में अस्थायी आवास कैटेगरी के तहत भी रहने की व्यवस्था करती है।
होटल में सिंगल सूइट दिया जाता है। यह तब तक के लिए होता है जब तक सरकार उस सांसद के लिए नियमित घर की व्यवस्था नहीं कर देती है।