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नई दिल्ली5 घंटे पहले
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद में शनिवार को सेंटर-स्टेट साइंस कॉन्क्लेव का वर्चुअली उद्घाटन किया। PM मोदी ने कहा कि जब ज्ञान-विज्ञान से हमारा परिचय होता है तब संसार की सभी संकटों से मुक्ति का रास्ता अपने आप खुल जाता है। सॉल्यूशन और इनोवेशन का आधार विज्ञान ही है। इसी प्रेरणा से आज का नया भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में भारत को रिसर्च और इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बनाने के लिए हमें एक साथ अनेक मोर्चों पर काम करना है। अपनी साइंस और टेक्नॉलॉजी से जुड़ी रिसर्च को हमें लोकल स्तर पर लेकर जाना है। PM के मुताबिक भारत की इंडेक्स रैंकिंग में भी सुधार हो रहा है।
PM मोदी ने कहा कि हमारी सरकार विज्ञान आधारित विकास की सोच के साथ काम कर रही है। 2014 के बाद से साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश में काफी वृद्धि की गई है। सरकार के प्रयासों से आज भारत इंटरनेशनल इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर है, जबकि 2015 में भारत 81 नंबर पर था।
उन्होंने आगे कहा- 21वीं सदी के भारत के विकास में विज्ञान उस ऊर्जा की तरह है जिसमें हर क्षेत्र के विकास को, हर राज्य के विकास को गति देने का सामर्थ्य है। आज जब भारत चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की तरफ बढ़ रहा है तो उसमें भारत की विज्ञान और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भूमिका बहुत अहम है।
2 दिनों तक चलेगा कार्यक्रम
अहमदाबाद की साइंस सिटी में यह कार्यक्रम 2 दिनों तक चलेगा। PMO की ओर से इस बारे में जानकारी साझा की गई है। बताया गया कि यह कार्यक्रम देश में इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों की दिशा में एक अहम कदम है।
देशभर के 100 स्टार्टअप्स के CEO भी मौजूद रहे
इस कॉन्क्लेव में गुजरात के मुख्यमंत्री, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के साथ राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों के सचिव, उद्योग जगत के दिग्गज, उद्यमी, गैर-सरकारी संगठन, वैज्ञानिक और छात्र भी मौजूद थे। साथ ही देशभर के 100 से अधिक स्टार्टअप के CEO इस सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं।
इनोवेशन को बढ़ावा देना है उद्देश्य
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि इस सम्मेलन का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय बनाना है, जिससे देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इनोवेशन के एक सशक्त इको-सिस्टम का निर्माण हो। इस सम्मेलन में एसटीआई विजन 2047 सहित कई अन्य विषयों पर सेशन होंगे।
इस सम्मेलन का लक्ष्य 2030 तक अनुसंधान और विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को दोगुना करना है। साथ ही कृषि और किसानों की आय में सुधार के लिए तकनीकी हस्तक्षेप, पीने के पानी के लिए नवाचार करना है। जिससे रोजगार पैदा होंगे और लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी, जो देश के विकास और अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है।