8 राज्यों की 57 सीटों पर 60.37% वोटिंग: बलिया में वोट देने पहुंचे बुजुर्ग की मौत, बंगाल में VVPAT तालाब में फेंकी

12:22 AM1 जून 2024

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सातवें चरण की हॉट सीटें

1. वाराणसी, उत्तर प्रदेश

वाराणसी सबसे VIP सीट है। पीएम मोदी पिछले 10 साल से यहां के सांसद हैं। तीसरी बार उनकी नजर बहुत बड़े अंतर से जीत हासिल करने पर है। इस बार यहां से केवल 6 उम्मीदवार ही पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं। शुरुआत में 141 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था। एक ने वापस ले लिया। बाकियों में से केवल 7 ही स्क्रूटनी में पास हो सके।

कांग्रेस-सपा और इंडी गठबंधन की तरफ से अजय राय ही मुकाबले में हैं, लेकिन पिछले तीनों चुनाव में वे बड़े अंतर से हारे हैं।

2. मंडी, हिमाचल प्रदेश

राज्य के 6 बार के सीएम रहे वीरभद्र सिंह और मंडी संसदीय सीट से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह मौजूदा विधायक हैं। विक्रमादित्य, सुक्खू कैबिनेट में मंत्री भी हैं। BJP ने कंगना रनोट को टिकट दिया है। कंगना विवादों की क्वीन हैं, लेकिन उनके पक्ष में उनका बॉलीवुड स्टारडम, राजपूत-ब्राह्मण और भाजपा को मिलने वाले वोट भी जा सकते हैं।

कंगना को टिकट देने का फैसला हाईकमान का था, ऐसे में कुछ BJP नेता इससे खफा भी हैं। इनमें से एक दिनेश भाटी पार्टी छोड़कर कंगना के खिलाफ ही निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

3. गाजीपुर, उत्तर प्रदेश

गाजीपुर सीट पर अफजाल अंसारी का मुकाबला पारसनाथ से नहीं बल्कि सीधा BJP से है, क्योंकि पारस नाथ राय राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी नहीं हैं, इसलिए यहां प्रचार करने कई राज्यों के सीएम समेत पीएम मोदी खुद पहुंचे थे। इस सीट पर बसपा से डॉ. उमेश कुमार चुनावी ताल ठोक रहे हैं। वहीं बात अगर अफजाल की करें तो मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर की सियासत में बदलाव आया है। मुख्तार की मौत की सहानुभूति वोट के तौर पर अफजाल अंसारी को मिल सकती है।

4. गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

गोरखपुर सीट पर दो एक्टर आमने सामने हैं। रवि किशन यहां दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं तो काजल भी पहली बार लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरी हैं। काजल ने अपना पॉलिटिकल करियर कांग्रेस के साथ 2012 में शुरू किया था। इसके बाद वे सपा के टिकट पर विधानसभा और मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन दोनों ही चुनावों में उन्हें जीत नसीब नहीं हुई।

रवि किशन मौजूदा सांसद के साथ-साथ CM योगी की पुरानी सीट को बाकायदा संभाले हैं। इस बार भी उन्हें योगी के नाम पर वोट मिल सकते हैं।

5. हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश

इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए हमीरपुर सीट में माहौल गर्म है। यह सीट बीजेपी का गढ़ रही है। BJP ने यहां 12 में से 10 चुनाव जीते हैं। यहां से केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी कैंडिडेट अनुराग ठाकुर जीत का चौका पहले ही लगा चुके हैं। अब पार्टी ने उन्हें यहां से पांचवीं बार उम्मीदवार बनाया है।

जबकि कांग्रेस ने इस बार ऊना से आने वाले पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को कैंडिडेट बनाया है। इस सीट पर CM सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की साख भी दांव पर है।

6. डायमंड हार्बर, पश्चिम बंगाल

ममता के भतीजे और TMC के महासचिव अभिषेक बनर्जी की जीत की राह यहां आसान लग रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की जनता का मानना है कि भाजपा ने अभिषेक के मुकाबले काफी कमजोर उम्मीदवार अभिजीत दास को टिकट दिया है। अभिजीत 2019 और 2009 में भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके।

बात अगर अभिषेक की करें तो उन्हें पार्टी और बंगाल के राजनीतिक हलकों में निर्विवाद तौर पर ममता का उत्तराधिकारी मान लिया गया है। इन दोनों के अलावा कांग्रेस से अलायंस के तहत यहां सीपीएम ने एक छात्र नेता प्रतीक उर रहमान को टिकट दिया है।

7. मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश

मिर्जापुर सीट से अनुप्रिया तीसरी बार सांसद बनने के लिए मैदान में हैं। NDA की तरफ से चुनाव में उतरी अनुप्रिया का दावा है कि उन्हें यूपी में कुशवाहा, मौर्य, निषाद, पाल और सैनी का समर्थन मिला है। इधर, अनुप्रिया के खिलाफ सपा ने रमेश बिंद को टिकट दिया है।

6 महीने पहले ही सपा में आए बिंद ने 2019 में भाजपा की टिकट पर भदोही से जीत हासिल की थी। सपा ने बिंद को टिकट देकर करी ब डेढ़ लाख वोट पाने की कोशिश की है।

8. बठिंडा, पंजाब

हरसिमरत कौर बादल इस सीट से लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में हैं। इसे शिरोमणि अकाली दल का गढ़ माना जाता है। हरसिमरत के ससुर प्रकाश सिंह बादल यहां से 5 बार मुख्यमंत्री रहे। हरसिमरत खुद इस सीट पर 2009 से जीत रही हैं। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के राजा वडिंग को हराया था। इस बार भी उनकी कोशिश सीट अपने पास रखने की है। हरसिमरत के खिलाफ इस बार BJP ने अपना कैंडिडेट पूर्व IAS परमपार को उतारा है।

9. गोड्‌डा, झारखंड

गोड्डा सीट पर तीन बार के सांसद निशिकांत दुबे चौथी बार मैदान में हैं। कांग्रेस ने उनके खिलाफ दीपिका पांडेय को टिकट दिया। मगर बाद में उनकी जगह प्रदीप यादव को उतार दिया। प्रदीप 2019 में भी निशिकांत के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

इनके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार अभिषेक झा के मैदान में आने और AIMIM उम्मीदवार मोहम्मद मंसूर के मैदान से हटने से इस सीट पर मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।

10. काराकाट, बिहार

बिहार की सबसे ज्यादा चर्चित सीट है काराकाट। इस सीट पर भाजपा से बागी हुए भोजपुरी स्टार पवन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। काराकाट सीट से NDA के उपेंद्र कुशवाहा और इंडी अलायंस के राजाराम कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन पवन सिंह ने मैदान में उतर कर इस मुकाबले को ट्राएंगल बना दिया है।

11. पाटलिपुत्र, बिहार

पाटलिपुत्र सीट से RJD चीफ लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनावी मैदान में तीसरी बार उतरीं हैं। मीसा भारती का मुकाबला सीधे उनके मुंहबोले चाचा और BJP कैंडिडेट राम कृपाल यादव से है।

रामकृपाल पहले लालू के करीबी थी, 2014 चुनाव से ठीक पहले RJD से टिकट नहीं मिलने पर BJP का दामन थाम लिया था। इसके बाद वे मीसा को ही हराकर संसद पहुंचे थे।

12. खडूर साहिब, पंजाब

पंजाब की खडूर साहिब को राजनीतिक गलियारों में पंथक सीट के नाम से जाना जाता है। खडूर साहिब लोकसभा सीट ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। यह सीट शिरोमणि अकाली दल के गढ़ों में से एक है। अमृतपाल सिंह के चुनाव लड़ने के ऐलान से पूरा समीकरण ही बदल गया है।

अब यहां पंचकोणीय मुकाबला हो गया है। यानी शिरोमणि अकाली दल के विरसा सिंह वल्टोहा, आम आदमी पार्टी के लालजीत सिंह भुल्लर, कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा और बीजेपी के मंजीत सिंह मियांविंड मैदान में हैं।

13. दुमका, झारखंड

दुमका में चुनावी माहौल बेहद गरम है। इसकी वजह है झारखंड मुक्ति मोर्चा- जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन की बगावत। चुनाव की घोषणा के 3 दिन बाद पारिवारिक पार्टी से 15 साल पुराना नाता तोड़कर BJP में चली गईं। इसके 5 दिन बाद बीजेपी ने पहले से घोषित उम्मीदवार और मौजूदा सांसद सुनील सोरेन का नाम काट कर सीता सोरेन को टिकट दे दिया।

इधर, JMM ने 45 साल में पहली बार परिवार से बाहर शिकारीपाड़ा के 7 बार से विधायक नलिन सोरेन को उतारकर भाजपा को चुनौती दे दी है।

14. पटना साहिब, बिहार

पटना साहिब सीट पर पिछले चुनावों में उम्मीदवार के चेहरे बदल गए, लेकिन सीट भाजपा के ही पास रही। 2009 और 2014 में भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव जीते थे। 2019 में पार्टी ने रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा। वे भी जीत गए।

रविशंकर के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अंशुल अविजित मैदान में हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे हैं। विदेश से पढ़ाई की और अब राजनीति में आ रहे हैं।

15. आरा, बिहार

आरा सीट पर भी NDA और इंडी गठबंधन के बीच सीधी टक्कर है। NDA ने मौजूदा सांसद आर के सिंह को फिर से मैदान में उतारा है तो महागठबंधन की ओर से CPI-M के सुदामा प्रसाद हैं। सुदामा तरारी विधानसभा सीट से विधायक भी हैं। इस बार जातीय समीकरण को मजबूत करने के लिए पार्टी ने वैश्य वर्ग के विधायक सुदामा प्रसाद पर दांव लगाया है।

16. जालंधर, पंजाब

जालंधर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और तीन दल-बदलू उम्मीदवारों के बीच रोचक मुकाबला है। कांग्रेस ने अपना गढ़ कही जाने वाली जालंधर लोकसभा सीट से दलित नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को मैदान में उतारा है।

BJP ने मौजूदा सांसद सुशील रिंकू पर दांव लगाया है। रिंकू को आप ने पहले अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन लिया और जालंधर सीट से नामांकन दाखिल किया। रिंकू पिछले वर्ष कांग्रेस को छोड़कर आप में शामिल हुए थे।

17. देवरिया, यूपी

BJP के पास लगातार जीत की हैट्रिक लगाने का मौका है। बीजेपी ने शशांक मणि त्रिपाठी को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने अखिलेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने संदेश यादव उर्फ मिस्टर को मैदान में उतारा है। कांग्रेस इस सीट पर 40 साल से जीत की तलाश में है।

18. महाराज गंज, उत्तर प्रदेश

महाराज गंज में बीजेपी और इंडिया गठबंधन की सीधी लड़ाई है। केंद्र सरकार में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी 9वीं बार बीजेपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से फरेंदा से विधायक चुने गए वीरेंद्र चौधरी पर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए लोकसभा का टिकट दिया है।

यहां कुर्मी वोटर काफी संख्या में है। जिनका समर्थन पंकज चौधरी को मिलता रहा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र चौधरी के चुनाव लड़ने से कुर्मी मतों में बंटवारा होना तय माना जा रहा है।

19. चंदौली, उत्तर प्रदेश

भारी उद्योग केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय इस सीट पर हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं। समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर प्रदेश के पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह को चुनावी अखाड़े में उतारा है। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने यहां पर सत्येंद्र कुमार मौर्य को अपना प्रत्याशी बनाया है। लेकिन असली मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है।