8 राज्यों की 57 सीटों पर वोटिंग कल: वाराणसी से PM मोदी मैदान में; कंगना, रवि किशन, पवन सिंह समेत 4 एक्टर भी चुनाव लड़ रहे

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नई दिल्ली3 घंटे पहले

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लोकसभा चुनाव-2024 के सातवें और अंतिम फेज में शनिवार (1 जून) को 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की 57 सीटों पर वोटिंग होगी।

2019 में इन सीटों में से सबसे ज्यादा भाजपा 25, TMC 9, बीजद 4, JDU और अपना दल (एस) 2-2, JMM महज 1 सीट जीत सकी थी। कांग्रेस को केवल पंजाब की बदौलत 8 सीटों पर जीत मिली थी।

इस फेज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 2 केंद्रीय मंत्री आरके सिंह और अनुराग ठाकुर मैदान में हैं। 4 एक्टर- कंगना रनोट, रवि किशन, पवन सिंह, काजल निषाद भी चुनाव लड़ रहे हैं।

इनके अलावा ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी, अफजाल अंसारी, विक्रमादित्य सिंह भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

चुनाव आयोग के मुताबिक इलेक्शन के सातवें फेज में 904 कैंडिडेट्स चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें 809 पुरुष और 95 महिला उम्मीदवार हैं।

इस फेज में सबसे अमीर प्रत्याशी बठिंडा, पंजाब से उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल हैं। उनके पास 198 करोड़ रुपए की संपत्ति है।

542 लोकसभा सीटों के लिए छठे फेज तक 485 सीटों पर मतदान हो चुका है। 1 जून को आखिरी 57 सीटों पर वोटिंग होगी।

गुजरात में सूरत से भाजपा के उम्मीदवार रहे मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं, इसलिए वोटिंग 542 सीटों पर ही हो रही है।

199 कैंडिडेट्स पर क्रिमिनल केस, 155 ने किए हत्या-किडनैपिंग जैसे गंभीर अपराध
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 199 कैंडिडेट ऐसे हैं, जिन पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। वहीं 155 उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन पर हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें से 13 उम्मीदवारों को किसी न किसी मामले में दोषी ठहराया गया है।

4 उम्मीदवारों पर हत्या और 21 पर हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 27 उम्मीदवारों पर दर्ज हैं। 3 उम्मीदवारों के खिलाफ दुष्कर्म (IPC-376) का केस दर्ज है। वहीं, 25 कैंडिडेट्स पर भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज है।

33% उम्मीदवार करोड़पति, भाजपा के सबसे ज्यादा 48
लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में 904 उम्मीदवारों में से 33 फीसदी यानी 299 करोड़पति हैं। इन कैंडिडेट्स के पास औसत संपत्ति 3.27 करोड़ रुपए है। सबसे ज्यादा भाजपा के 44 उम्मीदवार करोड़पति हैं। बठिंडा, पंजाब से उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल सबसे अमीर कैंडिडेट हैं। उनके पास 198 करोड़ की संपत्ति है।

लिस्ट में दूसरा नाम ओडिशा से BJP कैंडिडेट बैजयंत पांडा (148 करोड़ रुपए) और तीसरा नाम चंडीगढ़ से BJP कैंडिडेट संजय टंडन (111 करोड़ रुपए) का है। शिरोमणि अकाली दल के सभी 13, आम आदमी पार्टी के सभी 13, बीजू जनता दल के सभी 6 कैंडिडेट करोड़पति हैं। सपा के 9, TMC के 8, कांग्रेस के 30 और CPI-M के 4 कैंडिडेटस की संपत्ति एक करोड़ या उससे ज्यादा है।

सबसे कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों में ओडिशा के जगतसिंहपुर से उत्कल समाज की उम्मीदवार भानुमती दास का नाम है। उनके पास 1500 रुपए की संपत्ति है। इनके अलावा पंजाब के लुधियाना से जन सेवा ड्राइवर पार्टी के राजीव कुमार मेहरा और पश्चिम बंगाल के जादवपुर से निर्दलीय उम्मीदवार बलराम मंडल के पास 2500 रुपए की कुल संपत्ति है।

सातवें चरण में प्रधानमंत्री समेत 6 केंद्रीय मंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री और 4 एक्टर चुनाव लड़ रहे हैं…

सातवें चरण की हॉट सीटें, जिन पर रहेगी नजर…

1. वाराणसी, उत्तर प्रदेश

वाराणसी सबसे VIP सीट है। पीएम मोदी पिछले 10 साल से यहां के सांसद हैं। तीसरी बार उनकी नजर बहुत बड़े अंतर से जीत हासिल करने पर है। इस बार यहां से केवल 6 उम्मीदवार ही पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं। शुरुआत में 141 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था। एक ने वापस ले लिया। बाकियों में से केवल 7 ही स्क्रूटनी में पास हो सके।

कांग्रेस-सपा और इंडी गठबंधन की तरफ से अजय राय ही मुकाबले में हैं, लेकिन पिछले तीनों चुनाव में वे बड़े अंतर से हारे हैं।

2. मंडी, हिमाचल प्रदेश

राज्य के 6 बार के सीएम रहे वीरभद्र सिंह और मंडी संसदीय सीट से मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह मौजूदा विधायक हैं। विक्रमादित्य, सुक्खू कैबिनेट में मंत्री भी हैं। BJP ने कंगना रनोट को टिकट दिया है। कंगना विवादों की क्वीन हैं, लेकिन उनके पक्ष में उनका बॉलीवुड स्टारडम, राजपूत-ब्राह्मण और भाजपा को मिलने वाले वोट भी जा सकते हैं।

कंगना को टिकट देने का फैसला हाईकमान का था, ऐसे में कुछ BJP नेता इससे खफा भी हैं। इनमें से एक दिनेश भाटी पार्टी छोड़कर कंगना के खिलाफ ही निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

3. गाजीपुर, उत्तर प्रदेश

गाजीपुर सीट पर अफजाल अंसारी का मुकाबला पारसनाथ से नहीं बल्कि सीधा BJP से है, क्योंकि पारस नाथ राय राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी नहीं हैं, इसलिए यहां प्रचार करने कई राज्यों के सीएम समेत पीएम मोदी खुद पहुंचे थे। इस सीट पर बसपा से डॉ. उमेश कुमार चुनावी ताल ठोक रहे हैं। वहीं बात अगर अफजाल की करें तो मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर की सियासत में बदलाव आया है। मुख्तार की मौत की सहानुभूति वोट के तौर पर अफजाल अंसारी को मिल सकती है।

4. गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

गोरखपुर सीट पर दो एक्टर आमने सामने हैं। रवि किशन यहां दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं तो काजल भी पहली बार लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरी हैं। काजल ने अपना पॉलिटिकल करियर कांग्रेस के साथ 2012 में शुरू किया था। इसके बाद वे सपा के टिकट पर विधानसभा और मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन दोनों ही चुनावों में उन्हें जीत नसीब नहीं हुई।

रवि किशन मौजूदा सांसद के साथ-साथ CM योगी की पुरानी सीट को बाकायदा संभाले हैं। इस बार भी उन्हें योगी के नाम पर वोट मिल सकते हैं।

5. हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश

इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए हमीरपुर सीट में माहौल गर्म है। यह सीट बीजेपी का गढ़ रही है। BJP ने यहां 12 में से 10 चुनाव जीते हैं। यहां से केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी कैंडिडेट अनुराग ठाकुर जीत का चौका पहले ही लगा चुके हैं। अब पार्टी ने उन्हें यहां से पांचवीं बार उम्मीदवार बनाया है।

जबकि कांग्रेस ने इस बार ऊना से आने वाले पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को कैंडिडेट बनाया है। इस सीट पर CM सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की साख भी दांव पर है।

6. डायमंड हार्बर, पश्चिम बंगाल

ममता के भतीजे और TMC के महासचिव अभिषेक बनर्जी की जीत की राह यहां आसान लग रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां की जनता का मानना है कि भाजपा ने अभिषेक के मुकाबले काफी कमजोर उम्मीदवार अभिजीत दास को टिकट दिया है। अभिजीत 2019 और 2009 में भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके।

बात अगर अभिषेक की करें तो उन्हें पार्टी और बंगाल के राजनीतिक हलकों में निर्विवाद तौर पर ममता का उत्तराधिकारी मान लिया गया है। इन दोनों के अलावा कांग्रेस से अलायंस के तहत यहां सीपीएम ने एक छात्र नेता प्रतीक उर रहमान को टिकट दिया है।

7. मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश

मिर्जापुर सीट से अनुप्रिया तीसरी बार सांसद बनने के लिए मैदान में हैं। NDA की तरफ से चुनाव में उतरी अनुप्रिया का दावा है कि उन्हें यूपी में कुशवाहा, मौर्य, निषाद, पाल और सैनी का समर्थन मिला है। इधर, अनुप्रिया के खिलाफ सपा ने रमेश बिंद को टिकट दिया है।

6 महीने पहले ही सपा में आए बिंद ने 2019 में भाजपा की टिकट पर भदोही से जीत हासिल की थी। सपा ने बिंद को टिकट देकर करी ब डेढ़ लाख वोट पाने की कोशिश की है।

8. बठिंडा, पंजाब

हरसिमरत कौर बादल इस सीट से लगातार चौथी बार चुनाव मैदान में हैं। इसे शिरोमणि अकाली दल का गढ़ माना जाता है। हरसिमरत के ससुर प्रकाश सिंह बादल यहां से 5 बार मुख्यमंत्री रहे। हरसिमरत खुद इस सीट पर 2009 से जीत रही हैं। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के राजा वडिंग को हराया था। इस बार भी उनकी कोशिश सीट अपने पास रखने की है। हरसिमरत के खिलाफ इस बार BJP ने अपना कैंडिडेट पूर्व IAS परमपार को उतारा है।

9. गोड्‌डा, झारखंड

गोड्डा सीट पर तीन बार के सांसद निशिकांत दुबे चौथी बार मैदान में हैं। कांग्रेस ने उनके खिलाफ दीपिका पांडेय को टिकट दिया। मगर बाद में उनकी जगह प्रदीप यादव को उतार दिया। प्रदीप 2019 में भी निशिकांत के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

इनके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार अभिषेक झा के मैदान में आने और AIMIM उम्मीदवार मोहम्मद मंसूर के मैदान से हटने से इस सीट पर मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।

10. काराकाट, बिहार

बिहार की सबसे ज्यादा चर्चित सीट है काराकाट। इस सीट पर भाजपा से बागी हुए भोजपुरी स्टार पवन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। काराकाट सीट से NDA के उपेंद्र कुशवाहा और इंडी अलायंस के राजाराम कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन पवन सिंह ने मैदान में उतर कर इस मुकाबले को ट्राएंगल बना दिया है।

11. पाटलिपुत्र, बिहार

पाटलिपुत्र सीट से RJD चीफ लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती चुनावी मैदान में तीसरी बार उतरीं हैं। मीसा भारती का मुकाबला सीधे उनके मुंहबोले चाचा और BJP कैंडिडेट राम कृपाल यादव से है।

रामकृपाल पहले लालू के करीबी थी, 2014 चुनाव से ठीक पहले RJD से टिकट नहीं मिलने पर BJP का दामन थाम लिया था। इसके बाद वे मीसा को ही हराकर संसद पहुंचे थे।

12. खडूर साहिब, पंजाब

पंजाब की खडूर साहिब को राजनीतिक गलियारों में पंथक सीट के नाम से जाना जाता है। खडूर साहिब लोकसभा सीट ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। यह सीट शिरोमणि अकाली दल के गढ़ों में से एक है। अमृतपाल सिंह के चुनाव लड़ने के ऐलान से पूरा समीकरण ही बदल गया है।

अब यहां पंचकोणीय मुकाबला हो गया है। यानी शिरोमणि अकाली दल के विरसा सिंह वल्टोहा, आम आदमी पार्टी के लालजीत सिंह भुल्लर, कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा और बीजेपी के मंजीत सिंह मियांविंड मैदान में हैं।

13. दुमका, झारखंड

दुमका में चुनावी माहौल बेहद गरम है। इसकी वजह है झारखंड मुक्ति मोर्चा- जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन की बगावत। चुनाव की घोषणा के 3 दिन बाद पारिवारिक पार्टी से 15 साल पुराना नाता तोड़कर BJP में चली गईं। इसके 5 दिन बाद बीजेपी ने पहले से घोषित उम्मीदवार और मौजूदा सांसद सुनील सोरेन का नाम काट कर सीता सोरेन को टिकट दे दिया।

इधर, JMM ने 45 साल में पहली बार परिवार से बाहर शिकारीपाड़ा के 7 बार से विधायक नलिन सोरेन को उतारकर भाजपा को चुनौती दे दी है।

14. पटना साहिब, बिहार

पटना साहिब सीट पर पिछले चुनावों में उम्मीदवार के चेहरे बदल गए, लेकिन सीट भाजपा के ही पास रही। 2009 और 2014 में भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव जीते थे। 2019 में पार्टी ने रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा। वे भी जीत गए।

रविशंकर के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अंशुल अविजित मैदान में हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे हैं। विदेश से पढ़ाई की और अब राजनीति में आ रहे हैं।

15. आरा, बिहार

आरा सीट पर भी NDA और इंडी गठबंधन के बीच सीधी टक्कर है। NDA ने मौजूदा सांसद आर के सिंह को फिर से मैदान में उतारा है तो महागठबंधन की ओर से CPI-M के सुदामा प्रसाद हैं। सुदामा तरारी विधानसभा सीट से विधायक भी हैं। इस बार जातीय समीकरण को मजबूत करने के लिए पार्टी ने वैश्य वर्ग के विधायक सुदामा प्रसाद पर दांव लगाया है।

16. जालंधर, पंजाब

जालंधर सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और तीन दल-बदलू उम्मीदवारों के बीच रोचक मुकाबला है। कांग्रेस ने अपना गढ़ कही जाने वाली जालंधर लोकसभा सीट से दलित नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को मैदान में उतारा है।

BJP ने मौजूदा सांसद सुशील रिंकू पर दांव लगाया है। रिंकू को आप ने पहले अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन लिया और जालंधर सीट से नामांकन दाखिल किया। रिंकू पिछले वर्ष कांग्रेस को छोड़कर आप में शामिल हुए थे।

17. देवरिया, यूपी

BJP के पास लगातार जीत की हैट्रिक लगाने का मौका है। बीजेपी ने शशांक मणि त्रिपाठी को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने अखिलेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने संदेश यादव उर्फ मिस्टर को मैदान में उतारा है। कांग्रेस इस सीट पर 40 साल से जीत की तलाश में है।

18. महाराज गंज, उत्तर प्रदेश

महाराज गंज में बीजेपी और इंडिया गठबंधन की सीधी लड़ाई है। केंद्र सरकार में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी 9वीं बार बीजेपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से फरेंदा से विधायक चुने गए वीरेंद्र चौधरी पर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलते हुए लोकसभा का टिकट दिया है।

यहां कुर्मी वोटर काफी संख्या में है। जिनका समर्थन पंकज चौधरी को मिलता रहा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र चौधरी के चुनाव लड़ने से कुर्मी मतों में बंटवारा होना तय माना जा रहा है।

19. चंदौली, उत्तर प्रदेश

भारी उद्योग केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय इस सीट पर हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं। समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर प्रदेश के पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह को चुनावी अखाड़े में उतारा है। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने यहां पर सत्येंद्र कुमार मौर्य को अपना प्रत्याशी बनाया है। लेकिन असली मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है।

ओडिशा में विधानसभा की 42 सीटों पर भी वोटिंग
ओडिशा में शनिवार (1 जून) को 42 विधानसभा सीटों पर भी वोटिंग होगी। 147 विधानसभा सीटों पर चार चरणों में चुनाव हुए हैं। 13 मई को 28, 20 मई को 63, 25 मई को 42 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। बाकी 42 सीटों पर वोटिंग होगी। मतगणना लोकसभा चुनावों की काउंटिंग के साथ 4 जून को होगी।

ओडिशा में बीजू जनता दल (BJD), भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई (एम) प्रमुख पार्टियां हैं। राज्य में अभी CM नवीन पटनायक के नेतृत्व में BJD की सरकार है। वो 5 मार्च 2000 से लगातार CM हैं। पटनायक CM पद पर रहने वाले देश के दूसरे सबसे बड़े नेता हैं। वे 24 साल से लगातार पद पर हैं। उनसे आगे सिक्किम के पूर्व CM पवन चामलिंग हैं, जो 24 साल 166 दिन तक CM पद पर रहे।

ओडिशा में 2019 के विधानसभा चुनाव में BJD ने 147 में से 113 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को 23, कांग्रेस को 9, सीपीआई (एम) और निर्दलीय को 1-1 सीटें मिली थीं।

लोकसभा चुनाव 7 फेज में, नतीजे 4 जून को आएंगे

देश की 543 सीटों के लिए चुनाव सात फेज में होगा। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी जारी की हैं। ओडिशा में 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी। पूरी खबर पढ़ें …

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