5 दिन से बेतवा नदी में फंसे 4 युवक एयरलिफ्ट: झांसी में आर्मी ने किया रेस्क्यू; बोले- जिंदा लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी

झांसी8 मिनट पहले

झांसी में बेतवा नदी के बीच 2 टापुओं पर फंसे चार लोगों को आर्मी ने सुरक्षित एयर लिफ्ट कर लिया है। चारों बीते 5 दिनों से नदी के बीच फंसे थे। चारों 19 अगस्त को मछली मारने नदी में गए थे। तभी अचानक मध्य प्रदेश से पानी छोड़ दिया गया। इससे टापू के चारों तरफ पानी भर गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि वे निकल नहीं पाए। परिवार से संपर्क भी टूट गया था।

बुधवार को परिवार वालों की सूचना पर प्रशासन ने चित्रकूट से SDRF बुलाया। लेकिन जवाब रेस्क्यू में नाकाम हो गए तो आर्मी को बुलाया गया। गुरुवार सुबह आर्मी की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू के लिए मैपिंग की। इसके बाद सेना के 2 हेलिकॉप्टर पहुंचे। जवानों ने पहले छोटे टापू से भूरे और अशोक को एयर लिफ्ट किया। इसके करीब एक घंटे बाद दो अन्य मनीराम और हरि को भी एयर लिफ्ट कर लिया गया। परिवार ने राहत की सांस ली है।

19 अगस्त से टापू पर फंसे थे चारों लोग
खड़ेसर गांव से सटी बेतवा नदी पर 2 टापू बने हैं। बड़े टापू पर गांव के किसानों की 8 एकड़ जमीन है। 19 अगस्त को मनीराम और हरि खेत गए थे। जबकि फूल सिंह उर्फ भूरे और अशोक मछली मारने गए थे। भूरे के पिता जमुना ने बताया, “19 अगस्त को नदी का जलस्तर कम था। इसलिए बेटा भूरे और अशोक मछली पकड़ने के लिए छोटू टापू पर गए थे। खाने के लिए ढाई किलो आटा ले गए। शाम को नदी का जलस्तर एकदम बढ़ गया और दोनों टापू पर फंस गए।”

परिवार से नहीं हो पाया कोई संपर्क
अशोक के पास मोबाइल नहीं था। भूरे के पास मोबाइल है, लेकिन बारिश होने के कारण वह घर पर ही छोड़ गया था। इसलिए दोनों से 5 दिन से कोई संपर्क नहीं हो पाया। बुधवार को नदी का जलस्तर एकदम और बढ़ गया। इससे परिजन घबरा गए। भूरे भी नदी में कूदने वाला था, लेकिन ग्रामीणों ने नदी किनारे से तौलिया हिलाकर उसे मना किया।

बुधवार को गांववालों की सूचना पर प्रशासन की टीम एक्टिव हुई। SDRF बुलाई गई, लेकिन रेस्क्यू नहीं कर सकी। अफसरों का कहना था कि नदी में बड़े-बड़े पत्थर है, इसलिए स्टीमर नहीं चल सकती। अगर स्टीमर नदी में उतारी तो फैन क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसलिए स्टीमर का टापू तक जा पाना मुश्किल है। इसके बाद गुरुवार को सेना की टीम ने मोर्चा संभाला।

बेतवा नदी के बीच बने टापू पर बैठे अशोक और भूरे। दोनों ने कपड़े लहराकर सेना के जवानों को अपने जीवित होने का इशारा किया था।

बेतवा नदी के बीच बने टापू पर बैठे अशोक और भूरे। दोनों ने कपड़े लहराकर सेना के जवानों को अपने जीवित होने का इशारा किया था।

हेलिकॉप्टर देखकर झाड़ियों में छिप गए थे मनीराम और हरि
सेना और NDRF की टीम ने हेलीपैड के लिए जगह देखी। दोपहर 12 बजे हेलीपैड बनकर तैयार हो गया। इसके बाद सेना के दो हेलिकॉप्टर मौके पर पहुंचे। छोटे टापू पर फंसे भूरे और अशोक को एयर लिफ्ट कर लिया गया। जबकि बड़े टापू पर मनीराम और हरि फंसे हुए थे। दोनों सेना के हेलिकॉप्टर देखकर छुप गए। कुछ देर आसमान में मंडराने के बाद हेलिकॉप्टर वापस हो गए। दोनों खेत छोड़कर वापस नहीं आना चाहते थे।

डीएम-एसएसपी ने दोनों को बाहर आने के लिए मनाया
डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी शिवहरी मीना ने फोन से मनीराम से बात की। डीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में लगातार बारिश के कारण जलस्तर बढ़ रहा है। कब कम होगा, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। अभी मौके पर हेलिकॉप्टर है, आप लोग आ जाएं। आपके परिवार वाले बैठे हैं और रो रहे हैं। इसके बाद दोनों आने के लिए राजी हो गए और बोले कि टापू किनारे आकर कपड़ा हिला रहे हैं। थोड़ी देर बाद दोनों टापू के किनारे पहुंचे और कपड़े हिलाए। सेना के जवानों ने करीब सवा डेढ़ बजे दोनों का रेस्क्यू किया है।

रोते हुए मां बोली- देवदूत बनकर आए सेना के जवान
रेस्क्यू के बाद से भूरे और अशोक के परिवार ने राहत की सांस ली है। भूरे की मां रति देवी ने कहा, ”5 दिन मेरा बेटा भूखा प्यासा फंसा रहा। वो पहली बार रात को टापू पर रुका था। एक दिन का आटा लेकर गया था। अगले दिन उसे लौटना था, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से वह टापू पर फंस गया। सेना के जवान देवदूत बनकर आए हैं।”

अशोक और भूरे ने कहा- पानी पीकर गुजारे 4 दिन

एयर लिफ्ट कर नदी से बाहर निकाले गए भूरे (नीली शर्ट में) और अशोक (पिंक गमछा वाले)।

एयर लिफ्ट कर नदी से बाहर निकाले गए भूरे (नीली शर्ट में) और अशोक (पिंक गमछा वाले)।

एयरलिफ्ट हुए अशोक और भूरे अपने परिवार से मिलकर काफी खुश हैं। डॉक्टरों ने दोनों की सेहत जांची है। अशोक ने कहा कि एक दिन का राशन था, तो पहले दिन दिक्कत नहीं हुई। लेकिन इसके बाद 4 दिन पानी पीकर गुजारे हैं। डर लग रहा था कि अब वापस नहीं लौट पाएंगे। जिंदा लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी।

रात को नदी किनारे परिजनों के साथ डेरा जमाए पूर्व मंत्री।

रात को नदी किनारे परिजनों के साथ डेरा जमाए पूर्व मंत्री।

घटना की जानकारी मिलने पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य बुधवार दोपहर को मौके पर पहुंच गए और परिवार को ढांढस बंधाया। रात को भी पूर्व मंत्री परिजनों के साथ नदी किनारे डेरा डाले हुए थे। पूर्व मंत्री ने कहा कि वे लगातार अफसरों से संपर्क बनाए हुए हैं।

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