नई दिल्ली9 मिनट पहले
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इसी केस की सुनवाई के दौरान रेवंत रेड्डी ने 28 अगस्त को आरोप लगाया था कि BRS ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए काम किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी से जुड़े 2015 के कैश-फॉर-वोट मामले को तेलंगाना से भोपाल ट्रांसफर करने से मना कर दिया। याचिका BRS विधायक गुंटाकंडला जगदीश रेड्डी ने लगाई थी।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने रेड्डी को निर्देश दिया कि वे मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो के कामकाज में किसी भी तरह से दखल न दें।
कोर्ट ने कहा, ‘ACB के डायरेक्टर मामले के बारे में तेलंगाना के सीएम को रिपोर्ट नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं संविधान के तीन अंग एक-दूसरे के कामकाज को लेकर सम्मान दिखाएंगे।’
मई 2015 में ACB ने ही रेड्डी को विधान परिषद चुनावों में TDP उम्मीदवार को सपोर्ट के बदले ₹50 लाख की रिश्वत देते हुए गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट उसी मामले की सुनवाई कर रहा था।
पिछली सुनवाई में कोर्ट पर कमेंट करने के लिए रेड्डी को फटकारा था सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर पिछली सुनवाई 29 अगस्त को हुई थी। इससे पहले दिल्ली शराब नीति केस में BRS नेता के कविता को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। इसके बाद रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया था कि BRS ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के लिए काम किया। कविता को BRS और भाजपा के बीच समझौते के कारण जमानत मिली।
29 अगस्त की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रेवंत रेड्डी को फटकार लगाते हुए कहा था- सियासी लड़ाई में कोर्ट को घसीटना ठीक नहीं है। कोर्ट नेताओं से पूछकर फैसले नहीं सुनाती। ऐसे बयान लोगों के मन में आशंका पैदा करते हैं। पढ़ें पूरी खबर…
हालांकि, CM रेड्डी ने अपने बयान के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी थी। रेवंत ने X पर एक पोस्ट में लिखा था- मेरे बयान को लेकर जो खबरें छापी गई, उनमें कमेंट का गलत अर्थ निकाला गया।
कैश फॉर वोट घोटाला क्या है सुप्रीम कोर्ट की बेंच BRS विधायक गुंटाकंडला जगदीश रेड्डी की तरफ से लगाई याचिका पर सुनवाई कर रही था। जगदीश ने मुकदमे को तेलंगाना से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की मांग की थी।
रेवंत रेड्डी को 31 मई 2015 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने विधान परिषद चुनावों में TDP उम्मीदवार वेम नरेंद्र रेड्डी का सपोर्ट करने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को ₹50 लाख की रिश्वत देते हुए गिरफ्तार किया था। रेवंत, तब तेलुगु देशम पार्टी में थे।
जुलाई 2015 में एसीबी ने रेड्डी और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत चार्जशीट दायर की गई थी।