19 तस्वीरों में राजकोट आग हादसा: TRP गेम जोन में 28 बच्चे-बड़े खेलते-खेलते जिंदा जल गए; जान बचाने के लिए चीखते-भागते दिखे

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राजकोट41 मिनट पहले

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गेम जोन में आग लगने से 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई। मामले में मालिक सहित 10 को हिरासत में लिया गया है। - Dainik Bhaskar

गेम जोन में आग लगने से 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई। मामले में मालिक सहित 10 को हिरासत में लिया गया है।

गुजरात में राजकोट के टीआरपी (TRP) गेम जोन में शनिवार दोपहर 4.30 बजे भीषण आग लगने से 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई। हादसा उस वक्त हुआ, जब बच्चे गेम खेल रहे थे।

अचानक आग लगने से लोगों को गेम जोन से बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। मुश्किल से 25 लोगों को बाहर निकाला। गेम खेलते-खेलते ही बच्चे जिंदा जल जल गए। चीख पुकार के बीच लोग भागते नजर आए।

इस पूरे घटनाक्रम को 19 फोटोज से समझिए…

राजकोट के टीआरपी (TRP) गेम जोन में दोपहर 4.30 बजे आग लग गई। यह इतनी भीषण थी कि 5 किमी तक धुआं दिखाई दिया।

राजकोट के टीआरपी (TRP) गेम जोन में दोपहर 4.30 बजे आग लग गई। यह इतनी भीषण थी कि 5 किमी तक धुआं दिखाई दिया।

टीआरपी (TRP) गेम जोन करीब दो एकड़ में फैला है। यहां 10 तरह के खेल खेले जा सकते थे।

टीआरपी (TRP) गेम जोन करीब दो एकड़ में फैला है। यहां 10 तरह के खेल खेले जा सकते थे।

आग बुझाने में 4 घंटे लगे। टायर की वजह से आग ज्यादा भड़की।

आग बुझाने में 4 घंटे लगे। टायर की वजह से आग ज्यादा भड़की।

TRP गेम जोन के लिए कालावाड रोड पर फाइव स्टार होटल सयाजी के बगल में लकड़ी-टीन शेड का अस्थायी ढांचा खड़ा किया गया था। यह आग से पूरी तरह खाक हो गया।

TRP गेम जोन के लिए कालावाड रोड पर फाइव स्टार होटल सयाजी के बगल में लकड़ी-टीन शेड का अस्थायी ढांचा खड़ा किया गया था। यह आग से पूरी तरह खाक हो गया।

गेम जोन के स्टाफ और स्थानीय लोगों ने टीन का ढांचा काटकर लोगों को रेस्क्यू किया।

गेम जोन के स्टाफ और स्थानीय लोगों ने टीन का ढांचा काटकर लोगों को रेस्क्यू किया।

स्थानीय लोगों के साथ फायर बिग्रेड की टीम ने 3 घंटे में आग पर काबू पाया। लोगों ने बताया कि लकड़ी की वजह से आग बुझाने में दिक्कत आई।

स्थानीय लोगों के साथ फायर बिग्रेड की टीम ने 3 घंटे में आग पर काबू पाया। लोगों ने बताया कि लकड़ी की वजह से आग बुझाने में दिक्कत आई।

कुछ लोगों ने कैन में पानी भरकर आग बुझाने की कोशिश की।

कुछ लोगों ने कैन में पानी भरकर आग बुझाने की कोशिश की।

स्थानीय लोगों ने रेक्स्यू टीम के साथ मिलकर घायलों को निकालने में मदद की। कई लोग दूसरी मंजिल में फंसे थे।

स्थानीय लोगों ने रेक्स्यू टीम के साथ मिलकर घायलों को निकालने में मदद की। कई लोग दूसरी मंजिल में फंसे थे।

घायल हुए लोगों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।

घायल हुए लोगों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।

रेस्क्यू टीम के साथ स्थानीय लोगों ने भी घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।

रेस्क्यू टीम के साथ स्थानीय लोगों ने भी घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की।

स्थानीय लोगों ने मरने वालों को बोरी और चादर में लपेटकर अस्पताल पहुंचाया।

स्थानीय लोगों ने मरने वालों को बोरी और चादर में लपेटकर अस्पताल पहुंचाया।

मृतकों के शव इतनी बुरी तरह झुलसे हैं कि उनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।

मृतकों के शव इतनी बुरी तरह झुलसे हैं कि उनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।

शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा।

शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा।

आग बुझने के बाद कई लोग अपने परिजन को खोजने पहुंचे।

आग बुझने के बाद कई लोग अपने परिजन को खोजने पहुंचे।

अस्पताल के बाहर घायलों के परिजन की ये तस्वीर है। लोगों को अपने परिजन पहचाने में दिक्कत हुई।

अस्पताल के बाहर घायलों के परिजन की ये तस्वीर है। लोगों को अपने परिजन पहचाने में दिक्कत हुई।

राजकोट के सिविल अस्पताल के बाहर शनिवार देर रात लोगों की भीड़ जुटी।

राजकोट के सिविल अस्पताल के बाहर शनिवार देर रात लोगों की भीड़ जुटी।

गेम जोन में अग्निशमक यंत्र पाइप से ही नहीं जुड़े थे।

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गेम जोन के लिए यहां भारी संख्या में टायर और फर्नीचर से लेकर लकड़ियों का भी काफी मटेरियल मौजूद था और यही सामान भीषण आग का कारण बना। खास बात यह है कि ईंट, क्रांकीट के बजाय पूरे गेम जोन का स्ट्रक्चर लकड़ियों और शीट के शेड से किया गया था। पूरी खबर पढ़ें …

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