हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से 6 महीने बाद मिली जमानत: जमीन घोटाले में ED ने किया था गिरफ्तार; 13 जून को पूरी हुई थी सुनवाई – Jharkhand News

जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। 30 जनवरी को ED ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था।

.

जमानत याचिका पर 13 जून को सुनवाई पूरी हो चुकी थी। जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में पिछले तीन दिनों तक सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

13 जून को ईडी की ओर से वकील एसवी राजू ने पक्ष रखते हुए कहा कि हेमंत सोरेन को जमानत नहीं दी जा सकती है। वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उन्हें जमानत मिल जाता है तो जांच प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य की मिशनरी का इस्तेमाल करते हुए वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

वहीं, ED ने कोर्ट को बताया कि हेमंत सोरेन ने अवैध तरीके से बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है। यह पीएमएलए-2002 में निहित प्रावधानों के अनुसार मनी लांड्रिंग है।

हालांकि, हेमंत सोरेन का पक्ष सुप्रीम कोर्ट के वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने रखा। उन्होंने कहा कि इस केस में मनी लांड्रिंग का मामला नहीं बनता है। यह पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का मसला है। उन्होंने कहा कि ED अपनी चार्जशीट में जिस जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की बात कही है, वह महज उनका अनुमान है।

इससे पहले हेमंत सोरेन के वकील ने कोर्ट को बताया कि जिस 8.86 एकड़ जमीन को लेकर ईडी कार्रवाई कर रही है, वह उनके नाम है ही नहीं। ईडी सिविल मामले को क्रिमिनल बना रही है। ऐसे में उन्हें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर जमानत दी जाए।

वहीं 12 जून को हुई दूसरी सुनवाई में ईडी ने अपना पक्ष रखा। ईडी की ओर ‎‎से एडवोकेट एसवी राजू‎ ने हाईकोर्ट को​​ बताया कि हेमंत सोरेन बरियातू के बड़गाई की 8.86 एकड़ की जिस जमीन को लेकर अपनी अनभिज्ञता बता रहे हैं, दरअसल में वह जमीन उनके नाम से ही है।

इस बात की पुष्टि खुद पूर्व सीएम के प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक प्रसाद पिंटू ने अपने बयान में की है। यही बात बड़गाई अंचल के सीओ और राजस्व कर्मी भानु प्रताप ने भी पूछताछ में कही है।

ईडी ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था।

ईडी ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था।

हेमंत सोरेन के आदेश पर ही विवादित जमीन के सत्यापन का दिया गया निर्देश‎

ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि जब अभिषेक प्रसाद पिंटू से पूछताछ की गई थी, तब उसने ही बताया कि हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही उन्होंने सीएमओ में कार्यरत उदय शंकर को बरियातू की विवादित जमीन का सत्यापन का निर्देश दिया था।

इसके बाद उदय शंकर ने बड़गाईं के तत्कालीन अंचलाधिकारी मनोज कुमार को उक्त जमीन का सत्यापन करने को कहा था। भानु प्रताप अवैध कब्जे‎ से जुड़ी गतिविधियों में हेमंत सोरेन की मदद‎ कर रहे थे।‎

कई सरकारी अफसर जमीन ‎कब्जा करने के सिंडिकेट में हैं शामिल‎-ईडी
ईडी ने अपना पक्ष रखने के क्रम में बताया कि राज्य की सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए सिंडिकेट काम कर रहा था। इसमें पूर्व सीएम हेमंत सोरेन और उनके अधिकारी भी मदद कर रहे थे।

ईडी ने अदालत को बताया कि भानु प्रताप प्रसाद, सद्दाम हुसैन एवं अन्य लोग सरकारी जमीनों का फर्जी दस्तावेज बनाते थे। फिर नए दस्तावेज के आधार पर जमीन पर कब्जा करते थे।

ईडी ने कोर्ट को बताया कि जमीन का असली मालिक राजकुमार पाहन ने जमीन पर कब्जा होने की शिकायत सक्षम अधिकारी से की थी। उसे मुक्त करने‎ का आग्रह संबंधित अधिकारी से किया था।

सोरेन ने‎ इस प्लॉट पर गैर कानूनी तरीके से साल 2009-10 में‎ कब्जा जमाया था। इस जमीन पर बाउंड्री वॉल भी बना ‎दी गई है। इस प्रॉपर्टी का दो सर्वे ईडी ने किया था।‎

ईडी ने कोर्ट को बताया कि अभिषेक ने हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही विवादित जमीन के सत्यापन का निर्देश दिया था।

ईडी ने कोर्ट को बताया कि अभिषेक ने हेमंत सोरेन के निर्देश पर ही विवादित जमीन के सत्यापन का निर्देश दिया था।

10 जून की सुनवाई में क्या हुआ था
याचिका की सुनवाई के पहले दिन लगभग दो घंटे तक बहस चली। अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस करते हुए अदालत में कहा कि जिस जमीन को लेकर मामला चल रहा है, वह भूईहरी नेचर की है।

इसका स्थानांतरण नहीं हो सकता है। ईडी उक्त जमीन पर प्रार्थी के कब्जे की बात कह रहा है। जबकि जांच एजेंसी के पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है जो यह बताए कि जमीन कब्जे में है।

13 मई को पीएमएलए कोर्ट में याचिका हुई थी खारिज
नियमित जमानत को लेकर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी की विशेष अदालत में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने गलत तरीके से आरोपी बनाने का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी।

स्पेशल कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई भी हुई। ईडी की स्पेशल कोर्ट ने 13 मई को हेमंत सोरेन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

13 मई को पीएमएलए कोर्ट में जमानत याचिका हुई थी खारिज।

13 मई को पीएमएलए कोर्ट में जमानत याचिका हुई थी खारिज।

सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से किया इनकार
इससे पहले हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी। सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पूर्व सीएम की पैरवी कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में 21-22 मई कोवेकेशन बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सोरेन की ओर से फाइल की गई याचिका में फैक्ट को छिपाया गया है।

अदालत ने उनसे कहा कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की स्पेशल कोर्ट संज्ञान ले चुकी है। आपने इस बात की जानकारी नहीं दी। इसके बाद अदालत ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।

इसे भी पढ़िए…

हेमंत की जमानत याचिका पर कल फिर होगी सुनवाई:ED ने कोर्ट में कहा- पूर्व सीएम के निर्देश पर बरियातू की विवादित जमीन का हुआ सत्यापन

जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुर्ह। ईडी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने कहा कि प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक प्रसाद पिंटू ने बताया कि हेमंत सोरेन के निर्देश पर बरियातू की विवादित जमीन का सत्यापन हुआ। इस मामले में कल भी सुनवाई होगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।