हिमाचल में कांग्रेस की सरकार से खतरा टला: उपचुनाव वाली 6 विधानसभा सीटों में से 4 में पार्टी जीती; अब 38 विधायक हुए, बहुमत से 3 ज्यादा – Shimla News

हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर बेशक कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया लेकिन पार्टी ने उपचुनाव वाली 6 विधानसभा सीटों में से 4 दोबारा जीत लीं। इसके साथ ही CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली राज्य सरकार पर मंडरा रहा संकट टल गया।

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अब कांग्रेस विधायकों की संख्या 34 से बढ़कर 38 हो गई है। 68 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए कुल 35 विधायक चाहिए। 3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद इस समय विधानसभा में कुल 65 विधायक हैं और इस लिहाज से कांग्रेस के पास बहुमत से 5 MLA अधिक हैं।

उपचुनाव वाली 6 में से बाकी 2 विधानसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार विजयी रहे। बड़सर सीट पर इंद्रदत्त लखनपाल और धर्मशाला सीट पर सुधीर शर्मा विजयी रहे। यह दोनों कांग्रेस की ओर से भी चार-चार बार विधायक रह चुके हैं। इन दोनों की जीत के साथ विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या भी 29 से बढ़कर 31 हो गई।

उपचुनाव वाली 6 में से 4 विधानसभा सीटों पर हार जाने के कारण राज्य में सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा को करारा झटका लगा है। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि 4 जून को चुनाव नतीजे आने के बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी।

सुजानपुर विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र राणा को हराने वाले कांग्रेस के कैप्टन रणजीत सिंह राणा ने पिछले दिनों मतदान से पहले भाजपा के पूर्व सीएम प्रेमकुमार धूमल के पास पहुंचकर उनका आशीर्वाद लिया था। - फाइल फोटो

सुजानपुर विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र राणा को हराने वाले कांग्रेस के कैप्टन रणजीत सिंह राणा ने पिछले दिनों मतदान से पहले भाजपा के पूर्व सीएम प्रेमकुमार धूमल के पास पहुंचकर उनका आशीर्वाद लिया था। – फाइल फोटो

राणा के हारते ही धूमल समर्थकों की टीस खत्म
सुजानपुर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले राजेंद्र राणा की उपचुनाव में हुई हार से भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम प्रेमकुमार धूमल के समर्थकों की टीस खत्म हो गई। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राजेंद्र राणा ने ही भाजपा के CM चेहरे प्रेमकुमार धूमल को हराया था। उसके बाद धूमल सक्रिय राजनीति से दूर होते चले गए।

अब उपचुनाव में राजेंद्र राणा धूमल के हनुमान कहे जाने वाले कैप्टन रणजीत से चुनाव हार गए। 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सुजानपुर से जीतने वाले राजेंद्र राणा ने कुछ महीने पहले राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने के बाद भाजपा जॉइन कर ली थी। उसके बाद पूर्व CM प्रेमकुमार धूमल के करीबी कैप्टन रणजीत सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे।

उपचुनाव में राजेंद्र राणा की हार के बाद उनके समर्थक अंदरखाते धूमल गुट पर भितरघात के आरोप लगा रहे हैं।

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले इंद्रदत्त लखनपाल और सुधीर शर्मा उपचुनाव में विजयी रहे।

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले इंद्रदत्त लखनपाल और सुधीर शर्मा उपचुनाव में विजयी रहे।

भितरघात को हार का कारण बता रहे समर्थक
उपचुनाव में कुटलैहड़ सीट पर देवेंद्र भुट्टो और गगरेट में चैतन्य शर्मा की हार के बाद उनके समर्थक अपने इलाकों के भाजपा के पुराने नेताओं पर भितरघात के आरोप लगा रहे हैं। उनका दावा है कि इन दोनों की BJP में एंट्री होने के बाद पार्टी के पुराने नेताओं को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी थी। कुटलैहड़ सीट से भाजपा के दिग्गज वीरेंद्र कंवर चुनाव लड़ते रहे हैं।

उधर, लाहौल-स्पीति सीट पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए रवि ठाकुर की करारी हार हुई। वह यहां तीसरे स्थान पर रहे। BJP से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले रामलाल मारकंडा यहां उपचुनाव में दूसरे स्थान पर रहे।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू।

धर्मशाला-बड़सर सीट नहीं जीत पाए सीएम
उपचुनाव वाली धर्मशाला और बड़सर सीट पर कांग्रेस हार गई। दलबदल के बावजूद बड़सर सीट पर इंद्रदत्त लखनपाल और धर्मशाला सीट पर सुधीर शर्मा विजयी रहे। राज्यसभा सीट के लिए हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोटिंग और बजट पारित कराने के दौरान सदन से गैरहाजिर रहने पर कांग्रेस की याचिका पर विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी थी।

उसके बाद दोनों भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने दोनों को धर्मशाला और बड़सर से टिकट दिया। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन दोनों पर बगावत के लिए तीखे हमले किए। इसके बावजूद सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल उपचुनाव में विजयी रहे।

भाजपा को कांगड़ा में मिला ब्राह्मण चेहरा

सुधीर शर्मा के रूप में BJP को कांगड़ा जिले में ब्राह्मण चेहरा मिल गया है। पूर्व सीएम शांता कुमार के सक्रिय राजनीति से दूर हो जाने के बाद पार्टी के पास कांगड़ा में कोई ब्राह्मण चेहरा नहीं था।

अब 44 महीने घर बैठेंगे चारों पूर्व विधायक

2022 में हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव में सुजानपुर से राजेंद्र राणा, ​​​​​​​कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो, गगरेट से चैतन्य शर्मा ​​​​​और लाहौल-स्पीति सीट से रवि ठाकुर कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। कांग्रेस से बगावत करने के कारण महज 18 महीने में इन चारों की विधानसभा सदस्यता चली गई। अब उपचुनाव में जनता ने इन चारों को हराकर अगले 44 महीने के लिए घर बैठा दिया।