हाईकोर्ट ने लड़की-फूफा की आर्य समाज वाली शादी रद्द की: कहा- व्यक्ति ने खुद को अविवाहित बताया, शादी में गवाह भी नहीं थे

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नई दिल्ली18 मिनट पहले

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कोर्ट ने आर्य समाज को निर्देश दिया है कि वे ये सुनिश्चित करें कि सही लोग शादियों में गवाह बनें। - Dainik Bhaskar

कोर्ट ने आर्य समाज को निर्देश दिया है कि वे ये सुनिश्चित करें कि सही लोग शादियों में गवाह बनें।

दिल्ली हाईकोर्ट ने आर्य समाज में हुई एक लड़की और उसके फूफा की शादी को रद्द कर दिया है। लड़की के फूफा ने खुद के अविवाहित होने का दावा करते हुए लड़की से आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। कोर्ट ने कहा कि लड़की के फूफा का ऐसा आचरण कानून के खिलाफ था, लिहाजा यह शादी रद्द मानी जाएगी।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की अगुआई वाली बेंच ने यह भी कहा कि दिल्ली के मालवीय नगर के आर्य समाज मंदिर में हुई इस शादी में दूल्हा-दुल्हन और शादी करवाने वाले पंडित के अलावा कोई और मौजूद नहीं था। ऐसे में इस शादी की वैधता और पवित्रता संदेह के घेरे में है।

इस मामले को लेकर कोर्ट ने आर्य समाज को निर्देश दिया है कि वे ये सुनिश्चित करें कि सही लोग शादियों में गवाह बनें। आर्य समाज मंदिर को यह देखना होगा कि दूल्हा-दुल्हन दोनों के पक्ष से कम से कम एक ऐसा गवाह शादी में मौजूद रहे जो उनका रिश्तेदार हो या ऐसा परिचित हो जो लंबे समय से उन्हें जानता हो।

कोर्ट बोला- शादी के गवाहों का वेरिफिकेशन करना आर्य समाज की जिम्मेदारी
आर्य समाज ने कोर्ट में बताया था कि शादी करने के इच्छुक लोगों के मैरिटल स्टेटस को लेकर एफिडेविट यानी शपथ पत्र लिया जाता है। इसके अलावा उनका कोई वेरिफिकेशन नहीं किया जाता है।

इसे लेकर कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज को आगे से यह सुनिश्चित करना होगा कि शादी के लिए जो गवाह आर्य समाज मंदिर में पेश किए जा रहे हैं, वे ईमानदार और असली गवाह हों, जिनका स्टेटस ठीक तरीके से वेरिफाई किया जा सके।

कोर्ट ने आगे कहा कि मंदिर को यह कोशिश करनी होगी कि दूल्हा-दुल्हन दोनों की तरफ से कम से कम एक रिश्तेदार गवाह के तौर पर मौजूद रहे। और अगर कोई रिश्तेदार नहीं है, तो कोई ऐसा परिचित हो जो दूल्हा-दुल्हन को लंबे वक्त से जानता हो, उसे ही गवाह बनने की इजाजत दी जाए।

लड़की के सौतेले पिता ने दाखिल की थी याचिका
कोर्ट ने यह आदेश लड़की के पिता की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। लड़की के पिता ने अपील की थी कि उनकी बेटी 1 जुलाई से लापता है। सुनवाई के दौरान लड़की ने कहा कि याचिकाकर्ता उसका असली पिता नहीं है, बल्कि उसकी मां का दूसरा पति है और अब उसकी शादी हो गई है, इसलिए वह अपने पति के साथ रह रही है।

कोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मिस्टर एस (लड़की के फूफा) ने अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया है और अपनी ही भतीजी से शादी की है। आर्य समाज मंदिर में हुई इस कथित शादी को कोर्ट रद्द मानता है क्योंकि मिस्टर एस ने अपने एफिडेविड में अविवाहित होने का दावा किया था, जबकि उनकी पत्नी मिस के जीवित हैं और उनका एक बेटा भी है।

कोर्ट ने आगे कहा कि लड़की बालिग है और याचिकाकर्ता (लड़की के सौतेले पिता) के साथ नहीं जाना चाहती है, इसलिए इसे लेकर कोई आदेश नहीं दिया जा रहा है। हालांकि लड़की के फूफा की पत्नी को इस बात की आजादी है कि वे चाहें तो अपने पति के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई करें। पुलिस भी कानून के तहत इस मामले की जांच कर सकती है।