हरियाणा सरकारी भर्ती में महिलाओं की छाती नहीं नापी जाएगी: सरकार ने लगाई रोक; 74 सेमी सामान्य, फुलाने पर 79 सेमी था नियम – Haryana News

हरियाणा में सरकारी भर्तियों में महिलाओं के सीने की माप को लेकर सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। नियमों में बदलाव करते हुए सरकार ने फैसला किया है कि अब वन विभाग में रेंजर, डिप्टी रेंजर व अन्य पदों के लिए महिलाओं के फिजिकल टेस्ट (PMT) में सीने की माप नहीं

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पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में जुलाई 2023 में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने वन विभाग में भर्ती के लिए नया नियम जोड़ा था, जिसके तहत महिला अभ्यर्थियों के सीने का ‘सामान्य’ आकार 74 सेमी या फुलाए जाने पर 79 सेमी होना चाहिए।

वहीं, पुरुषों के लिए सीना बिना फुलाए 79 सेमी और फुलाए जाने के बाद 84 सेमी होना चाहिए। इसे लेकर हरियाणा में विपक्षी दलों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी सरकार से नियमों में बदलाव की मांग की थी।

सरकार ने इसलिए लिया फैसला

सरकार ने वन विभाग की नियम संशोधन बैठक में हरियाणा राज्य वन कार्यकारी शाखा ग्रुप-सी सेवा (संशोधन) नियम, 2021 में संशोधन को मंजूरी दी थी। इसके बाद शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। हरियाणा वन्यजीव संरक्षण विभाग, राज्य सेवा लिपिक, कार्यकारी और विविध ग्रुप-सी संशोधन नियम, 1998 सेवा में महिलाओं के शारीरिक मानकों में संशोधन किया गया।

इन नियमों में संशोधन के कारण विभागीय नियमों में असमानता आ रही थी। इसलिए महिलाओं की भर्ती के लिए विभागीय नियमों में एक समान मापदंड बनाए रखने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है। अब किए गए संशोधन के अनुसार शारीरिक मानक श्रेणी के तहत महिलाओं के मामले में 74 और 79 सेंटीमीटर को नियमों से हटा दिया गया है।

खट्टर के कार्यकाल में हुआ था विवाद

दरअसल, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में 7 जुलाई 2023 को वन विभाग में रेंजर, डिप्टी रेंजर और अन्य पदों के लिए महिलाओं के फिजिकल टेस्ट (पीएमटी) में सीने की माप ली गई थी। जब विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए तो हरियाणा सरकार ने कहा था कि ये भर्तियां हरियाणा वन सेवा (कार्यकारी) ग्रुप सी नियम, 1998 के अनुसार की जा रही हैं, जिसके तहत महिला उम्मीदवारों की छाती का ‘सामान्य’ आकार 74 सेंटीमीटर या फुलाकर 79 सेंटीमीटर होना चाहिए।

महिला कार्यकर्ताओं ने उठाए सवाल

हरियाणा के इस नियम ने विवाद खड़ा कर दिया था और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस नियम की आलोचना की थी। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे ‘तुगलकी फरमान’ करार दिया था।

कई महिला उम्मीदवारों ने इस फैसले के पीछे के औचित्य पर सवाल उठाए थे। एक महिला उम्मीदवार ने सवाल किया था, ‘यह निश्चित रूप से हमारी गरिमा के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास है। अगर वे हमारे फेफड़ों की क्षमता की जांच करना चाहते हैं, तो हम समझ सकते हैं, लेकिन न्यूनतम शर्त क्या है?’

कांग्रेस ने नियम वापस लेने की मांग की थी

विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इस नियम का विरोध किया था। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा था कि खट्टर-दुष्यंत की जोड़ी की जानकारी के लिए उनके 7 जुलाई 2023 के फरमान की कॉपी, हरियाणा पुलिस और केंद्रीय पुलिस बलों में ऐसी कोई शर्त न होने का सबूत भी संलग्न किया है। अब इस तुगलकी आदेश को वापस लें और बेटियों से माफी मांगें।