हरियाणा में IAS की मां को BJP ने दिया टिकट: कांग्रेस ने ECI पहुंच जताई आपत्ति, कहा- बेटा कुरुक्षेत्र का DC, तुरंत हो तबादला – Haryana News

हरियाणा में IAS सुशील सारवान की मां संतोष सारवान को BJP से टिकट मिलने पर विवाद हो गया है। कांग्रेस ने इसकी शिकायत भारतीय चुनाव आयोग (ECI) और हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) से की है।

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शिकायत में कहा गया है कि IAS सुशील सारवान की मां काे BJP ने अंबाला लोकसभा क्षेत्र की मुलाना विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। जबकि, इस विधानसभा की सीमा कुरुक्षेत्र जिले की सीमा से लगी हुई है।

शिकायत में लिखा है कि मुलाना विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा कुरुक्षेत्र जिले से लगता है और कुरुक्षेत्र में BJP कैंडिडेट का बेटा DC है। ऐसे में वह चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। ECI से मांग की गई है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई की जाए।

चुनाव आयोग को दी शिकायत…

आयोग को दी शिकायत में क्या?
चुनाव आयोग को शिकायत हरियाणा कांग्रेस कमेटी के मेंबर सुरेश उनीसपुर ने दी है। उन्होंने शिकायत में लिखा है, “आपके संज्ञान में लाया जा रहा है कि सुशील सारवान IAS, जो संतोष सारवान BJP उम्मीदवार मुल्लाना (06) विधानसभा क्षेत्र का बेटा है, इनकी तुरंत प्रभाव से बदली की जाए।

पिछले लोकसभा चुनाव में भी चुनाव आयोग के आदेश पर सुशील सारवान को पंचकूला DC पद से हटाया गया था। अब ये DC कुरुक्षेत्र में तैनात हैं, जिसकी सीमा मुलाना विधानसभा क्षेत्र से लगती है।’

शिकायत में लगाए गंभीर आरोप
शिकायत में कांग्रेस की तरफ से कुछ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि भाजपा की लिस्ट जारी होने के बाद से ही सुशील सारवान स्थानीय लोगों पर भाजपा को वोट देने का दबाव बना रहे हैं।

शिकायत में नियमों का हवाला देते हुए कांग्रेस ने लिखा- “चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार किसी भी पार्टी के प्रत्याशी के रिश्तेदार को चुनाव ड्यूटी में तैनात नहीं किया जा सकता और जिसका पिछले चुनाव में ही ट्रांसफर हुआ हो, तो वह चुनाव ड्यूटी कैसे कर सकता है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि हरियाणा में निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए सुशील सारवान DC कुरुक्षेत्र का तुरंत प्रभाव से तबादला किया जाए”।

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले जारी किया गया आयोग का आदेश…

ECI के ट्रांसफर के क्या हैं मापदंड
लोकसभा चुनाव से पहले ECI की ओर से राज्यों को जारी निर्देश में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के तबादले का आधार संसदीय क्षेत्र को बनाया गया है। मसलन चुनाव के दौरान अपने गृह जिले वाले संसदीय क्षेत्र में अफसरों की तैनाती नहीं की जाएगी। इसी आधार पर ही चुनाव आयोग के पास अफसरों व कर्मचारियों की शिकायतें पहुंच रही हैं।

RO के लिए ECI में स्पष्ट गाइडलाइन नहीं
चुनावी प्रक्रिया में RO यानी रिटर्निंग अफसर की अहम भूमिका होती है। वह सीधे तौर से चुनाव से जुड़ा होता है। जबकि, उपायुक्त यानी जिला चुनाव अधिकारी को लेकर आयोग की हिदायत स्पष्ट नहीं हैं। कांग्रेस की शिकायत के बाद अब चुनाव आयोग की ओर से जिस तरह का निर्देश आता है, सरकार की ओर से उसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।