हरिद्वार के अखाड़ों में दशहरे की धूम: दशनामी साधुओं ने शस्त्र पूजन किया, 2500 साल पुरानी परंपरा

हरिद्वार30 मिनट पहले

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दशहरे के दिन आदि जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित दशनामी संन्यासी परंपरा के नागा संन्यासी अखाड़ों में शस्त्र पूजन की परंपरा है। पिछले 2500 वर्षों से दशनामी संन्यासी परंपरा से जुड़े नागा संन्यासी इस परंपरा का पालन करते हैं और अपने-अपने अखाड़ों में शस्त्र पूजा करते हैं। सूर्य प्रकाश और भैरव प्रकाश नामक भाले प्राचीन काल से रखे हुए हैं और देवताओं के रूप में पूजे जाते हैं। दशनामी संन्यासी इन देवताओं की वैदिक रीति से पूजा करते हैं। भाला देवता के रूप में भैरव प्रकाश और सूर्य प्रकाश की पूजा की गई, इसके साथ ही आज के युग के हथियारों और प्राचीन काल के कई प्रकार के हत्यारों की भी मंत्रोच्चारण के साथ पूजा की गई। देखें वीडियो…