सोनाली के गांव भूथनकलां से ग्राउंड रिपोर्ट: गांव की दिक्कतें दूर कराने में हमेशा आगे रहीं, ग्रामीणों को मौत पर यकीन नहीं; क्लासमेट बोला- CBI जांच हो

फतेहाबाद3 घंटे पहले

हरियाणा भाजपा की नेता सोनाली फोगाट की अचानक हुई मौत से फतेहाबाद जिले के भूथनकलां गांव में हर कोई हैरान है। सोनाली इसी गांव की रहने वाली थी। पूरे गांव में इस खबर से शोक की लहर है। सोनाली फोगाट के 2 भाई और दो बहने हैं। उसके दोनों भाई भूथनकलां गांव में ही रहते हैं और यहीं ज्वैलरी की शॉप करते हैं।

परिवार को सोनाली के निधन की सूचना मंगलवार सुबह 8 बजे मिली। इसके तुरंत बाद सोनाली का चचेरा भाई रिंकू गांव के ही तीन-चार लोगों के साथ नई दिल्ली रवाना हो गया। वहां से वह गोवा की फ्लाइट लेंगे। परिवार के अनुसार, रिंकू गोवा में पोस्टमार्टम और पुलिस की कार्रवाई पूरी करवाने के बाद सोनाली की बॉडी लेकर सीधे हिसार पहुंचेगा। उसके बुधवार तक ही हिसार पहुंच जाने की उम्मीद है।

सोनाली का संस्कार हिसार में ही किया जाएगा। बाकी रिश्तेदारों का भी घर पहुंचना शुरू हो गया। सोनाली के भाई वतन ढाका ने बताया कि सोमवार रात ही उनकी सोनाली से बात हुई थी। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि बहन से वह आखिरी बातचीत थी। अब कभी सोनाली की आवाज सुनाई नहीं देगी।

फतेहाबाद में गांव भूथनकलां के सरकारी स्कूल में पढ़ी थी सोनाली फोगाट।

फतेहाबाद में गांव भूथनकलां के सरकारी स्कूल में पढ़ी थी सोनाली फोगाट।

चौपाल पर सोनाली की ही चर्चा

74 सौ की आबादी वाले भूथनकलां गांव में सोनाली का घर चौपाल से कुछ दूर सुनार वाली गली में है। सोनाली अकसर अकेले ही गाड़ी ड्राइव करके गांव आया करती थी। यहां उनके माता-पिता के अलावा दो भाई और भाभियां रहती हैं। सोनाली के पिता के पास 5 एकड़ जमीन है। साधारण किसान परिवार से निकलकर सोनाली ने सोशल मीडिया और पॉलिटिक्स में अपनी अलग पहचान बनाई। इस पर पूरा गांव गर्व करता है।

गांव में सोनाली की मौत की खबर से हर कोई स्तब्ध नजर आया। छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग और महिलाएं तक सोनाली का ही जिक्र कर रही थीं। गांव के लोग भी शोक जताने के लिए सोनाली के भाई वतन के घर पहुंचते रहे। सबकी जुबां पर एक ही सवाल था कि अचानक क्या हो गया बेटी को?

फतेहाबाद में सोनाली फोगाट के गांव भूथनकलां का पंचायत भवन।

फतेहाबाद में सोनाली फोगाट के गांव भूथनकलां का पंचायत भवन।

क्लासमेट बोला- ये मर्डर, CBI जांच हो

सोनाली के गांव में तमाम लोगों ने उसकी अचानक हुई मौत पर सवाल उठाए। गांव की चौपाल पर भी इसी मुद्दे पर बातचीत चल रही थी। चौपाल पर भूप सिंह भी बैठे मिले जो स्कूल में सोनाली से एक क्लास सीनियर थे। भूप सिंह ने बताया कि स्कूल टाइम से ही सोनाली की कला जगत और सियासत में रुचि थी। भूप सिंह ने दावा किया कि सोनाली की मौत स्वाभाविक नहीं है। उसे मारा गया है। महज 42 साल की उम्र में हार्ट अटैक की बात पच नहीं रही। इस पूरे मामले की CBI जांच करानी चाहिए।

गांववालों की सुनती थी समस्याएं

सोनाली फोगाट जब भी भूथनकलां गांव आती थी तो यहां लोगों से खुलकर मिलती थी। 2019 में पॉलिटिक्स में एक्टिव होने के बाद उसका लोगों से मिलना-जुलना और भी बढ़ गया। सोनाली हर 15-20 दिन बाद भूथनकलां आती रहती थी। पॉलिटिक्स में वह बेशक आदमपुर से एक्टिव थीं मगर अपने गांववालों की समस्याएं सुनने के साथ सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारियों से उन्हें हल कराने में सोनाली हमेशा आगे रहती थी। भूथनकलां के निवर्तमान सरपंच महेंद्र सिंह ने बताया कि गांव में वाटर वर्कर्स की परेशानी थी और स्कूल में स्टाफ नहीं था। सोनाली ने इन दोनों ही दिक्कतों को दूर कराया।

फतेहाबाद में सोनाली फोगाट के गांव भूथनकलां में चबूतरे पर बैठे ग्रामीण।

फतेहाबाद में सोनाली फोगाट के गांव भूथनकलां में चबूतरे पर बैठे ग्रामीण।

पूरा गांव गया था चुनाव में प्रचार करने

गांव की चौपाल पर बैठे रमेश ताखर, दलबीर सिंह और राम सिंह ने कहा कि सोनाली फोगाट उनके गांव की बेटी थी। पूरा गांव उनकी इस तरह हुई मौत से दुखी और हैरान है। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में जब सोनाली BJP की टिकट पर हिसार की आदमपुर सीट से चुनाव में उतरी तो पूरे गांव के लोग उसका प्रचार करने उस इलाके में गए थे। यह बात अलग है कि तब सोनाली कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कुलदीप बिश्नोई से हार गई थी।

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