सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का FCRA लाइसेंस रद्द: विदेशी फंडिंग कानूनों के उल्लंघन का आरोप; कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी हैं संस्था की CEO

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11 मिनट पहले

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सेंटर फॉर रिसर्च पॉलिसी (CPR) की स्थापना 1973 में की गई थी। - Dainik Bhaskar

सेंटर फॉर रिसर्च पॉलिसी (CPR) की स्थापना 1973 में की गई थी।

सरकार ने देश के टॉप थिंक-टैंक एनजीओ सेंटर फॉर रिसर्च पॉलिसी (CPR) का फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया है। सरकार ने विदेशी फंडिंग में किए गए कानून के उल्लंघन के मामले में यह कदम उठाया है।

इससे पहले फरवरी 2023 में गृह मंत्रालय ने 6 महीने के लिए CPR का लाइसेंस सस्पेंड किया था। दिल्ली स्थित इस संस्थान की सीईओं कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिन अय्यर हैं।

आयकर विभाग के रडार पर था CPR
सितंबर 2022 में आयकर विभाग ने सीपीआर के दफ्तरों में तलाशी ली थी। इसके बाद से ही यह आयकर विभाग के रडार पर था। गृह मंत्रालय ने जुलाई 2023 में सस्पेंशन खत्म होने के पहले ही उसे 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया था। लेकिन अब मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के FCRA डिविजन ने इसका लाइसेंस हमेशा के लिए कैंसिल कर दिया है।

CPR की सीईओ यामिन अय्यर की यह तस्वीर मार्च 2020 की है। वे एक प्रोग्राम में अपने संस्था के बारे में बता रही थीं।

CPR की सीईओ यामिन अय्यर की यह तस्वीर मार्च 2020 की है। वे एक प्रोग्राम में अपने संस्था के बारे में बता रही थीं।

CPR पर विदेशी फंडिंग कानून के उल्लंघन का आरोप
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि CPR को फंडिग देने वालों में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, हेवलेट फाउंडेशन, वर्ल्ड बैंक, फोर्ड फाउंडेशन, ब्राउन यूनिवम र्सिटी जैसे संस्थान शामिल हैं। CPR ने साल 2023 में अपने संस्पेशन को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। तब गृह मंत्रालय ने तर्क दिया था कि इसकी विदेशी फंडिंग को रोकने की जरूरत है, क्योंकि इसे गलत मकसद से फंडिग मिल रही है। इससे देश के आर्थिक हित प्रभावित हो सकते हैं।

ऑक्सफैम इंडिया का FCRA लाइसेंस भी हो चुका रद्द
ऑक्सफैम इंडिया देशभर में आदिवासियों, दलितों, मुसलमानों और महिला अधिकारों के लिए काम करती है। गृह मंत्रालय ने दिसंबर 2021 में ऑक्सफैम इंडिया के FCRA लाइसेंस को रिन्यू करने से इनकार कर दिया था। FCRA नियमों के गड़बड़ी के आरोप के चलते ये लाइसेंस रद्द हुआ था। इसके अलावा न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक समेत कई संस्थान भी विदेशी फंडिंग को लेकर जांच के दायरे में हैं।

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