सुसाइड से रोजाना 450 लोगों की मौत: हर जिले में डॉक्टर्स तैनात कर खुदकुशी रोकने की तैयारी

नई दिल्ली27 मिनट पहले

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केंद्र ने देश में आत्महत्या की राेकथाम काे लेकर पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति की घाेषणा की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति’ जारी की है। इसमें साल 2030 तक आत्महत्या से मृत्यु दर में 10% की कमी लाने का लक्ष्य है। इसके लिए समयबद्ध कार्य योजना और बहु-क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाया जाएगा।

जिला स्तर पर मनोचिकित्सक और मानसिक रोग विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाएगा, जो खुदकुशी रोकने से जुड़ी सेवाएं देंगे। तीन साल के भीतर प्रभावी निगरानी तंत्र स्थापित किया जाएगा। अगले 5 सालाें में सभी जिलों में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से आत्महत्या राेकथाम सेवाएं शुरू की जाएंगी।

8 साल में खुदकुशी रोकने से जुड़ी शिक्षा दी जाएगी
अस्पतालाें में मनाेराेगी बाह्य राेगी विभागाें की स्थापना होगी। राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति में मानसिक कल्याण काे एकीकृत करने का प्रयास किया गया है। अगले 8 सालाें में सभी शिक्षण संस्थानाें में आत्महत्या काे राेकने से जुड़ा पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।

आत्महत्याओं के लिए जिम्मेदार मीडिया रिपोर्टिंग और आत्महत्या के साधनों तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के दिशा-निर्देश विकसित किए जाएंगे। आत्महत्या रोकने के लिए विशेष रूप से जनजागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है, जिसने 9 सितंबर 2022 को आत्महत्या रोकथाम के लिए रणनीति का डॉक्यूमेंट तैयार करने की घाेषणा की थी।

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