सुप्रीम कोर्ट बोला-यहां से मणिपुर का शासन नहीं चलाना चाहते: राज्य सरकार को आदेश- UIDAI रिकॉर्ड से विस्थापितों के आधार कार्ड बनाएं

नई दिल्ली6 घंटे पहले

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केंद्र की तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 30 दिनों में 2638 मामले सुनवाई के लिए लिस्टेड किए गए थे। - Dainik Bhaskar

केंद्र की तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 30 दिनों में 2638 मामले सुनवाई के लिए लिस्टेड किए गए थे।

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार 25 सितंबर को मणिपुर हिंसा से जुड़ी याचिकाओं के बैच पर सुनवाई हुई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई 3 जजों की कमेटी ने 9वीं रिपोर्ट सौंपी।

सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने मणिपुर सरकार को निर्देश दिया कि जिन विस्थापितों के आधार कार्ड जल गए या खो गए हैं। उनके आधार कार्ड बनाए जाएं।

बेंच ने यह भी कहा कि इसके लिए UIDAI के रिकॉर्ड और बायो-मैट्रिक्स का डेटा इस्तेमाल किया जाए, ताकि सत्यापन के बाद मूल निवासियों को ही आधार कार्ड लागू हों।

मामले को अगले हफ्ते सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है।

जब कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाने से नाराज हुए CJI
कमेटी की वकील विभा माखीजा ने जब कोर्ट को बताया कि 60% मृतकों को मुआवजा दे दिया गया है। इसके बाद भी गोंसाल्वेस ने मृतकों के परिजन के लिए मुआवजे की मांग की।इस पर CJI ने कहा – कभी-कभी आप जो बहस कर रहे होते हैं, आपको पता नहीं होता कि जमीन पर क्या चल रहा है।

CJI बोले- एडवोकेट माखीजा ने अभी हमें बताया कि 60% मुआवजा दे दिया गया है। यदि प्रक्रिया चल रही है तो हमें इसे चलने देना चाहिए। हर बार जब हम आदेश पारित करते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे जमीन पर कुछ भी नहीं हुआ है।

वहीं, इंदिरा जयसिंह ने शवों को दफनाने की बात कही तो CJI ने कहा कि या तो हम समिति को रद्द कर दें और इस मामले की सुनवाई खुद करें। हमारा यहां सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर प्रशासन चलाने का इरादा नहीं है।

पढ़िए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान और क्या कहा…

  • मणिपुर सरकार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं स्थापित और संचालित करे ताकि बार का कोई भी सदस्य या पीड़ित कोर्ट से जुड़ सके। यह सुविधा एक हफ्ते में शुरू हो जाए।
  • बार के सदस्य यह सुनिश्चित करें कि किसी भी समुदाय के वकील को अदालत में पेश होने से रोका न जाए। इस निर्देश का कोई भी उल्लंघन अवमानना ​​माना जाएगा। हमने किसी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की है, सिर्फ चेतावनी दी है।
  • केंद्र सरकार 9वीं रिपोर्ट में सुझाए गए निर्देशों पर एक सप्ताह में जवाब देगी। मणिपुर सरकार ही पीड़ितों को मुआवजा जारी करने के लिए पर्याप्त फंड देगी।
  • कुकी वकील ने सवाल उठाया कि SG ने उनके समुदाय के म्यांमार जाने का आरोप लगाया तो CJI ने कहा- क्या हम एक-दूसरे पर कीचड़ उछालना बंद करेंगे। कुछ मुद्दों को इस अदालत में न उठाया जाना ही बेहतर है।

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