सुप्रीम कोर्ट ने सेना में अनुशासन को सर्वोच्च बताया: ज्यादा छुट्टी के चलते जवान बर्खास्त, कोर्ट बोला- सही दस्तावेज पेश नहीं कर पाया

नई दिल्ली10 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने सैनिक के पास मेडिकल रिपोर्ट न होने की वजह से उसकी अपील खारिज कर दी। - Dainik Bhaskar

सुप्रीम कोर्ट ने सैनिक के पास मेडिकल रिपोर्ट न होने की वजह से उसकी अपील खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने सेना में अनुशासन को सबसे जरूरी बताया है। कोर्ट ने ये बात एक जवान की याचिका को खारिज करते हुए कही। इस जवान को जरूरत से ज्यादा छुट्टी लेने पर सेना से निकाल दिया गया था। कोर्ट ने कहा- जवान ने सेना के अनुशासन को तोड़ा है। जवान को पहले 39 दिन और फिर 30 दिन की छुट्टी दी गई थी। इसके बाद भी जवान ने जॉइन नहीं किया। इसके बाद सेना ने कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त कर दिया।

क्या था पूरा मामला

4 जनवरी 1983 को एक व्यक्ति की सेना में ट्रांसपोर्ट ड्राइवर के पद पर भर्ती हुई। इस ड्राइवर ने 1998 में 8 नवंबर से लेकर 16 दिसंबर तक 39 दिन की छुट्टी ली। घर की परिस्थितियां ठीक न होने पर उन्होंने 17 दिसंबर से 15 जनवरी 1999 तक 30 दिन की और छुट्टी ले ली। इसके बाद भी उसने जॉइन नहीं किया।

15 फरवरी 1999 को जवान पर आर्मी एक्ट (सेक्शन 106) के तहत कोर्ट ऑफ इंक्वायरी हुई, जिसमें उन्हें दोषी पाया और उनका कोर्ट मार्शल हो गया। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सेना का अनुशासन न मानने पर सैनिक को बर्खास्त कर दिया गया।

सेना का अनुशासन न मानने पर सैनिक को बर्खास्त कर दिया गया।

सबूतों के अभाव में अपील खारिज

सैनिक ने कहा कि उनकी पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब थी, जिस वजह से उन्होंने ज्यादा छुट्टी ली। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस राजेश बंसल ने उन्हें मेडिकल रिपोर्ट दिखाने को कहा तो उनके पास कोई भी ऐसा डॉक्यूमेंट नहीं था, जिससे ये पता लग सके कि उसकी पत्नी गंभीर रूप से बीमार थी और पति की जरूरत थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों के अभाव में जवान की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि सेना में किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता की अनुमति नहीं होती।

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