सुप्रीम कोर्ट ने जाति जनगणना पर सुनवाई से इनकार किया: याचिकाकर्ता ने जनसंख्या के आकड़ों की जल्द गणना करवाने की मांग की थी

नई दिल्ली1 घंटे पहले

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सुप्रीम कोर्ट बोला- जनगणना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। - Dainik Bhaskar

सुप्रीम कोर्ट बोला- जनगणना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार(2 सितंबर) को जाति जनगणना करवाने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि जाति जनगणना एक नीतिगत मामला है। यह मुद्दा केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं।

याचिककर्ता ने कहा- जनगणना में देरी से डेटा में बड़ा अंतर पैदा हो गया
याचिकाकर्ता पी प्रसाद नायडू ने सुप्रीम कोर्ट से जाति जनगणना कराने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की थी। नायडू ने याचिका में कहा था कि केंद्र और उसकी एजेंसियों ने आज तक जनगणना-2021 के लिए गणना नहीं की है। शुरुआत में कोविड-19 महामारी और फिर कई बार स्थगित किया जा चुका है। जनगणना में देरी के कारण डेटा में बड़ा अंतर पैदा हो गया है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील रविशंकर जंडियाला ने कहा कि कई देशों ने जातिगत जनगणना की, लेकिन भारत ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। 1992 के इंद्रा साहनी फैसले में कहा गया है कि यह जनगणना समय-समय पर की जानी चाहिए।

राहुल बोले थे- कॉर्पोरेट, ​​​मीडिया, बैंकिंग सिस्टम में भी दलित नहीं
इससे पहले राहुल गांधी ने 24 अगस्त को एक कार्यक्रम में​​​​​​ जाति जनगणना का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था- देश के कितने संस्थानों में दलितों-आदिवासियों की भागीदारी है। अगर उद्योगपतियों की लिस्ट निकालूं तो एक भी बड़े उद्योगपति 90% वाले लोगों में नहीं हैं। सिर्फ उद्योग में ही नहीं, कॉर्पोरेट, ​​​मीडिया, बैंकिंग सिस्टम में भी दलित नहीं है।

कांग्रेस नेता ने अपने भाषण में कहा था- जाति जनगणना संविधान को मजबूत करने का काम है। इसको 10% ने नहीं बनाया। इसको 100% ने बनाया है। इसकी रक्षा आप लोग करते हो। अडाणी जी नहीं करते है।

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RSS ने कहा- जाति जनगणना संवेदनशील मुद्दा:समाज के विकास के लिए ये करनी चाहिए, चुनाव प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल न हो

RSS के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने सोमवार को केरल के पलक्कड़ में 3 दिन चली समन्वय बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

RSS के प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने सोमवार को केरल के पलक्कड़ में 3 दिन चली समन्वय बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने 2 सितंबर को कहा कि जाति आधारित जनगणना लोगों के कल्याण के लिए सही है, लेकिन इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को सिर्फ डेटा के लिए जातिगत जनगणना करवानी चाहिए। हमारे हिंदू समाज में जाति बहुत संवेदनशील मुद्दा है। जनगणना हमारी राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए अहम है। किसी जाति या समुदाय की भलाई के लिए भी सरकार को आंकड़ों की जरूरत होती है। ऐसा पहले भी हो चुका है, लेकिन इसे सिर्फ समाज की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। इसे चुनावों का पॉलिटिकल टूल न बनाएं। पूरी खबर पढ़ें…

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