सीरम इंस्टीट्यूट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: IT एक्ट में संशोधन को चुनौती दी; इसके तहत सब्सिडी भी टैक्स के दायरे में आएगी

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नई दिल्ली11 मिनट पहले

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इस संशोधन के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसे 4 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। - Dainik Bhaskar

इस संशोधन के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसे 4 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। SII ने इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन को चुनौती दी है। दरअसल, 2016 में इनकम को परिभाषित करने वाले फाइनेंस एक्ट, 2015 के सेक्शन 2(24) में संशोधन करके एक सब-क्लॉज (xviii) जोड़ा गया था। इसके खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसे 4 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

सीरम इंस्टीट्यूट ने इनकम टैक्स में संशोधन और हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। मामले को पिछली सुनवाई 6 मई को हुई, जिसमें SII की तरफ एडवोकेट अरविंद पी दातर ने दलीलें रखने के लिए कुछ और समय मांगा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई आज के लिए टाल दी थी।

अदार पूनावाला सीरम इंस्टीट्यूट के CEO हैं। फरवरी 2024 में कंपनी का मार्केट कैप 1.92 लाख करोड़ रुपए था।

अदार पूनावाला सीरम इंस्टीट्यूट के CEO हैं। फरवरी 2024 में कंपनी का मार्केट कैप 1.92 लाख करोड़ रुपए था।

इनकम टैक्स संशोधन से क्या बदलाव आएगा
इनकम टैक्स एक्ट में हुए संशोधन के मुताबिक, केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से दी गई सब्सिडी, ग्रांट, छूट, रियायत या रिइंबर्समेंट, कैश या किसी और तरह की मदद भी टैक्स के दायरे में आएगी। SII का तर्क है कि ये चीजें टैक्स के दायरे में नहीं आनी चाहिए।

हाईकोर्ट ने कहा कि एक सब-क्लॉज के जरिए इस टैक्स का भार याचिकाकर्ता पर पड़ेगा, सिर्फ इस वास्तविकता के आधार पर कानूनी प्रावधान खत्म नहीं हो जाता है। यह संविधान आर्टिकल 19(1)(g) के तहत व्यापार की आजादी देता है, लेकिन मुनाफे की आजादी इसका हिस्सा नहीं है।

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