सभी एयरपोर्ट और बंदरगाह को मंकीपॉक्स का अलर्ट: केंद्र सरकार ने उपचार के लिए दिल्ली के तीन अस्पताल चिन्हित किए; 2022 से अब तक 30 मामले

नई दिल्ली13 मिनट पहले

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फिलहाल भारत में अभी एमपॉक्स के एक भी मामले नहीं हैं। - Dainik Bhaskar

फिलहाल भारत में अभी एमपॉक्स के एक भी मामले नहीं हैं।

दुनिया भर में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने देशभर के सभी एयरपोर्ट और बंदरगाहों को अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं से मंकीपॉक्स फैलने का अधिक खतरा है। ऐसे में किसी भी अंतरराष्ट्रीय यात्री को मंकीपॉक्स का लक्षण दिखने पर सतर्क रहें।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के इलाज के लिए दिल्ली में तीन केंद्र संचालित अस्पतालों का नाम बताया है। इसमें राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज शामिल है। इन अस्पतालों में ही एमपॉक्स के पेसेन्ट को क्वारंटीन और उपचार किया जाएगा।

क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स चेचक जैसी एक वायरल बीमारी है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह घातक हो सकता है। इसके चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक (स्मालपॉक्स) के लिए भी जिम्मेदार है।

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केंद्र ने कहा- मंकीपॉक्स के लिए राज्य सरकार भी अस्पतालों की पहचान करें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के लिए राज्य सरकारों को भी अस्पतालों की पहचान करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों को भी निर्देश है कि मंकीपॉक्स के केस पर लगातार निगरानी रखें। वहीं सरकार ने बताया कि देश भर में अभी एमपॉक्स के परीक्षण के लिए 32 लैब मौजूद हैं।

18 अगस्त को सरकार ने मंकीपॉक्स के लिए तैयारियों का जायज लिया था
रविवार (18 अगस्त) को पीएम के मुख्य सचिव पीके मिश्रा ने एमपॉक्स के लिए देश की तैयारियों का जायजा लिया था। इसके लिए सरकार ने एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग में मंकीपॉक्स के केस को जल्द पता लगाने के लिए निगरानी बढ़ाने पर जोर दिया गया। फिलहाल भारत में अभी एमपॉक्स के एक भी मामले नहीं हैं।

WHO ने मंकीपॉक्स के लिए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित की
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कई अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स फैलने की वजह से पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वायरस का मौजूदा स्ट्रेन खतरनाक और संक्रामक है, लेकिन भारत में बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना कम है।

WHO के अनुसार, 2022 से दुनियाभर के 116 देशों में मंकीपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज किया गया है। लेकिन इस साल दुनियाभर में केसस की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है। इस साल 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं।

लेकिन भारत में 2022 से अब तक मंकीपॉक्स के केवल 30 मामले सामने आए हैं। जिसमें अंतिम मामला मार्च 2024 में पाया गया था।
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