शिवसेना किसकी, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज: शिंदे गुट बोला- शिवसेना का मामला ECI में, आप फैसला नहीं ले सकते; बड़ी बेंच बनाई जा सकती है

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एक घंटा पहले

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महाराष्ट्र में 54 दिन से जारी सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट की ओर से दाखिल 5 याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। सुनवाई से पहले बड़ी बेंच बनाई जा सकती है। दरअसल, पिछले सुनवाई में चीफ जस्टिस एनवी रमना ने इसके संकेत दिए थे।

शिंदे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे जबकि उद्धव गुट की ओर से कपिल सिब्ब और अभिषेक मनु सिंघवी पेश होंगे।

शिंदे गुट बोला- याचिका खारिज हो
सोमवार को शिंदे गुट ने हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें कहा कि उद्धव गुट की याचिका को खारिज किया जाए। शिंदे गुट ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में बहुमत खो दिया था।

शिवसेना में लोकतांत्रिक तरीके से विभाजन हुआ, इसलिए कोर्ट इसमें हस्तक्षेप ना करें। शिंदे गुट ने कहा कि शिवसेना पर फैसला चुनाव आयोग को लेने दें। कोर्ट में यह तय नहीं होगा कि विभाजन सही है या नही?

20 जुलाई को सुनवाई में शिंदे गुट ने कहा था कि उद्धव ने बहुमत नहीं होने पर इस्तीफा दिया था।

20 जुलाई को सुनवाई में शिंदे गुट ने कहा था कि उद्धव ने बहुमत नहीं होने पर इस्तीफा दिया था।

उद्धव के पास सिर्फ 16 विधायक, हम बागी कैसे?
शिंदे गुट ने पिछले सुनवाई में तर्क दिया था कि उद्धव ठाकरे के पास सिर्फ 16 विधायक है, जबकि हमारे पास 39 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में हम बागी कैसे हो गए? उद्धव की याचिका पर सुनवाई करने का मतलब है कि बहुमत का अपमान। शिंदे के वकील साल्वे ने कहा कि बहुमत से प्रधानमंत्री को भी हटाया जा सकता है।

कोर्ट में किन-किन याचिकाओं पर होगी सुनवाई?
1. शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द के नोटिस के खिलाफ याचिका पर
2. डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर
3. शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने और फ्लोर टेस्ट के खिलाफ याचिका पर
4. शिंदे गुट को विधानसभा में शिवसेना दल के रूप मान्यता के खिलाफ याचिका पर
5. लोकसभा में शिंदे गुट को शिवसेना दल के रूप में मान्यता देने के खिलाफ याचिका पर

फैसले के कारण मंत्रिमंडल विस्तार अटका
30 जून को महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे के साथ डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली थी। उनके शपथ ग्रहण के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार का कार्यक्रम अटका हुआ है। विधायकों की सदस्यता पर फैसला होने के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार होने की संभावनाएं है।

सरकार बनने के बाद एकनाथ शिंदे 30 दिन में छह बार दिल्ली आ चुके हैं। मगर कैबिनेट विस्तार का मसला अब तक नहीं सुलझा है।

सरकार बनने के बाद एकनाथ शिंदे 30 दिन में छह बार दिल्ली आ चुके हैं। मगर कैबिनेट विस्तार का मसला अब तक नहीं सुलझा है।

महाराष्ट्र सियासी संकट का पूरा घटनाक्रम जानिए

  • 20 जून को शिवसेना के 15 विधायक 10 निर्दलीय विधायकों के साथ पहले सूरत और फिर गुवाहाटी के लिए निकल गए।
  • 23 जून को शिंदे ने दावा किया कि उनके पास शिवसेना के 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। लेटर जारी किया गया।
  • 25 जून को डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों को सदस्यता रद्द करने का नोटिस भेजा। बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
  • 26 जून को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना, केंद्र, महाराष्ट्र पुलिस और डिप्टी स्पीकर को नोटिस भेजा। बागी विधायकों को राहत कोर्ट से राहत मिली।
  • 28 जून को राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहा। देवेंद्र फडणवीस ने मांग की थी।
  • 29 जून को सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
  • 30 जून को एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बनाए गए।
  • 3 जुलाई को विधानसभा के नए स्पीकर ने शिंदे गुट को सदन में मान्यता दे दी। अगले दिन शिंदे ने विश्वास मत हासिल कर लिया।

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