शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले- काशी विश्वनाथ में भी सोना घोटाला हुआ: गर्भगृह का सोना 6 महीने में पीतल हुआ; CEO का जवाब-स्वामी के पास दिव्यदृष्टि – Varanasi News

ज्योतिर्मय मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने एक बार फिर बड़ा दावा किया। दिल्ली में उन्होंने कहा- सिर्फ बाबा केदारनाथ धाम से ही नहीं, बाबा विश्वनाथ समेत देश के और कई मंदिरों से भी सोना घोटाला हुआ है। काशी विश्वनाथ के गर्भगृह में कैसा सोना

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10 दिन पहले अविमुक्तेश्वरानंद ने केदारनाथ से 228 किलो सोना चोरी होने का खुलासा किया था। वे अपने उस दावे पर आज भी कायम हैं। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री ने अभी नहीं बोला है, मगर एक वक्त आएगा, बोलना ही पड़ेगा। बात सिर्फ केदारनाथ की नहीं, बात तो विश्वनाथ मंदिर की भी है। उनके गर्भगृह में भी सोना ऐसे ही लगाया गया है। और भी कई मंदिरों में इस तरह से सोना लगाया गया है। अब तो बात आगे बढ़ गई है। स्वामी एक निजी मीडिया से बात कर रहे थे।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक निजी मीडिया से बात करते हुए बड़ा खुलासा किया।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक निजी मीडिया से बात करते हुए बड़ा खुलासा किया।

हमने जांच की मांग की तो लोग बदनाम करने पर उतर आए
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- ये क्या है, कोई व्यक्ति अचानक सामने आता है, वो सभी मंदिरों में जाकर सोना मढ़ देता है। हमारे राजा रणजीत सिंह ने काशी विश्वनाथ के ऊपर सोना मढ़वाया था। कितने साल हो गए? धूप लग रही है, ताप लग रही है। सोने की चमक कम नहीं हो रही है। लेकिन, गर्भगृह में लगे सोने की चमक कम हो गई है। हम इसकी जांच की मांग कर रहे हैं। लेकिन, हमें ही आरोपी बनाकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

भगवान के साथ अगर कहीं छल हुआ है, तो उसे सामने आना चाहिए। क्योंकि ध्यान दिलाने के बावजूद समितियां जांच करने को तैयार नहीं है।

विश्वनाथ धाम के CEO बोले- पहले की तरह चमक रहा सोना
काशी विश्वनाथ धाम मंदिर के CEO विश्वभूषण मिश्रा ने कहा- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद हाल में मंदिर नहीं आए हैं। वह सनातन धर्म के श्रेष्ठ गुरु हैं, हो सकता है कि उनको दिव्य दृष्टि से पता चला हो। 5 टाइम की आरती में इन दीवारों पर कालिख भी लगती है। साफ करने पर पहले की तरह सोना चमकने लगता है। चादर में कोई क्षरण नहीं आया है। अभी तक कोई शिकायत भी नहीं आई है। ये पहली बार है, जब कोई ऐसा कह रहा है।

ये काशी विश्वनाथ धाम के गर्भगृह की तस्वीर है। गर्भगृह में सोना मढ़ा गया है।

ये काशी विश्वनाथ धाम के गर्भगृह की तस्वीर है। गर्भगृह में सोना मढ़ा गया है।

15 जुलाई को केदारनाथ से सोना चोरी होने का किया था दावा
दरअसल, शंकराचार्य स्वामी॑ अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 15 जुलाई को मुंबई में थे। उन्होंने केदारनाथ मंदिर की अनुकृति दिल्ली में बनाए जाने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा- भगवान के हजार नाम हैं, किसी और नाम से मंदिर बनाएं…पूजा करें। जनता को भ्रम में न डालें।

क्या दिल्ली में मंदिर बनाने के पीछे राजनीति है, इस सवाल पर शंकराचार्य ने कहा- हमारे धर्म स्थानों पर राजनीति वाले प्रवेश कर रहे हैं। केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया और आज तक जांच नहीं हुई। कौन जिम्मेदार है? अब वहां घोटाला कर लिया तो दिल्ली में मंदिर बनाएंगे? वहां दूसरा घोटाला करेंगे? हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस बयान के बाद शिवसेना UBT के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के घर गए थे।

शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा- अविमुक्तेश्वरानंद को सबूत भी देना चाहिए
अविमुक्ते​​​​​​श्वरानंद इस बयान पर चौतरफा घिरते नजर आए। रायपुर में 18 जुलाई को शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने के मामले को झूठा करार देते हुए कहा कि भ्रम फैलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा- मंदिर में इतना सोना कभी नहीं था। कैदारनाथ मंदिर ट्रस्ट ने भी बताया दिया है कि गर्भगृह में तांबे की प्लेट पर सोने की परत चढ़ाई गई है। यह सोना भी दान में मिला था। उन्होंने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि जो बिना सोचे-समझे और बगैर तथ्यों को जाने बोल रहे हैं। उन्हें इसका सबूत भी देना चाहिए।

वहीं, बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सिर्फ सनसनी फैलाना चाहते हैं। सबूत हैं तो सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट जाएं।

सोना चोरी होने का विवाद कहां से शुरू हुआ

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में इससे पहले चांदी की परत लगी हुई थी, जिस पर अक्टूबर 2022 में सोने की परत चढ़ाई गई।

केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में इससे पहले चांदी की परत लगी हुई थी, जिस पर अक्टूबर 2022 में सोने की परत चढ़ाई गई।

केदारनाथ मंदिर में सितंबर-अक्टूबर 2022 में चांदी की परत हटाकर सोने की परत चढ़ाने का काम पूरा हुआ था। इसके लिए मुंबई के एक व्यापारी ने 23 किलो सोना मंदिर समिति को दान किया था। जिसके बाद गर्भगृह की दीवारों और छत पर सोना मढ़ा गया।

गोल्ड प्लेटिंग का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के दो अधिकारियों की देखरेख में हुआ था। करीब 19 कारीगरों ने 3 दिन में इस काम को पूरा किया था। सोने की परत चढ़ाने से पहले IIT रुड़की, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च रुड़की और ASI की 6 सदस्यों की टीम ने केदारनाथ का दौरा किया था और गर्भगृह का निरीक्षण किया था।

जून 2023 में केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित और चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने मंदिर को दान में मिला 23 किलो सोना चोरी होने का आरोप लगाया। पुजारी ने केदारनाथ मंदिर समिति पर 125 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए सोने को पीतल से बदलने की बात कही।

आरोपों पर मंदिर समिति ने कहा था कि यह केदारनाथ धाम की छवि को खराब करने की साजिश है। गोल्ड प्लेटिंग का काम नियम के मुताबिक और अधिकारियों की देखरेख में किया गया है। मंदिर समिति की इसमें कोई सीधी भूमिका नहीं है। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम, 1939 में इस तरह के दान देने की छूट है।

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