विधायक मणि की टिप्पणी- विधवा होना उनका भाग्य था: विपक्ष के नेता सतीसन बोले- केरल विधानसभा कौरव सभा नहीं जहां महिलाओं को अपमान हो

तिरुअनंतपुरम7 मिनट पहले

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केरल विधानसभा में माकपा विधायक एमएम मणि का एक बयान पिछले हफ्ते से सुर्खियों में हैं। मणि ने CPI(M) विधायक केके रेमा के लिए कहा था कि विधवा होना उनका भाग्य था, इसमें वाम मोर्चे की कोई गलती नहीं है। 15 जुलाई को जब विधानसभा की कार्रवाई शुरू हुई तो सदस्यों ने इस टिप्पणी के विरोध में जमकर हंगामा किया। विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि सदन को कौरव सभा ​​में न बदलें जहां महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।

कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF ने सोमवार को सदन से मांग की कि माकपा विधायक एमएम मणि की एक महिला विधायक के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणी वापस ली जाए।

रेमा-मणि दोनों ने नहीं मानी बात
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा कि उन्होंने शुरू में मणि से अपनी टिप्पणी वापस लेने के लिए कहा था और फिर उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से अनुरोध किया था कि वे CPI(M) विधायक केके रेमा को आरएमपी के खिलाफ कही गई बातों को वापस लेने का निर्देश दें। हालांकि, दोनों में से कोई भी ऐसा करने के लिए तैयार नहीं था। इससे दो सवाल उठते हैं कि क्या विधानसभा ये मानती है कि विधवा होना एक महिला का भाग्य है। दूसरा, क्या सदन एक कौरव सभा ​​है जहां महिलाओं का अपमान और दुर्व्यवहार किया जा सकता है।

केरल में महिला का अपमान अनुचित है
सतीसन ने कहा- “केरल जैसा प्रगतिशील राज्य में रहते हुए इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता कि विधवा होना महिलाओं का भाग्य है। इस तरह की बात सामने आने के पीछे सती प्रथा है। केरल में ऐसी बातें होना अनुचित है। हमारी विधानसभा कोई कौरव सभा ​​नहीं है जहां दुर्योधन और दुशासन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। यह एक नियमसभा है। इसे कौरव सभा ​​में न बदलने दें। हम सभापति से अनुरोध करते हैं कि सदन के रिकॉर्ड से माकपा विधायक (मणि) की टिप्पणी हटाई जाए।”

इस पूरे मामले को लेकर केरल विधानसभा के डिप्टी स्पीकर चित्तयम गोपकुमार ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी।

15 जुलाई को बंद रही सदन की कार्रवाई
14 जुलाई को सदन में पुलिस की फंड रिक्वेस्ट पर चर्चा हो रही थी। इस बीच रेमा की ओर इशारा करते मणि ने कहा था कि एक महान व्यक्ति जो CM पिनाराई विजयन और एलडीएफ के खिलाफ बोलती थीं, विधवा हो गई और यह उसकी किस्मत थी। इसके लिए हम यानी वाम मोर्चा तो जिम्मेदार नहीं हैं। विपक्ष ने मणि का जमकर विरोध करते हुए उनसे अपने शब्द वापस लेने और रेमा से माफी मांगने कहा गया था।

गौरतलब है कि एमएस रेमा के पति टीपी चंद्रशेखरन एक सीपीआई (एम) के बागी नेता थे। जिनकी मई 2012 में हत्या कर दी गई थी, जब उन्होंने उत्तरी केरल के ओंचियाम में रिवोल्यूशनरी मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपी) नाम से एक समानांतर वामपंथी संगठन बनाया था।

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