लाल किले की प्राचीर से: अगले चुनाव का एजेण्डा- परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण से मुक्ति

17 मिनट पहले

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार लाल क़िले की प्राचीर पर दसवीं बार तिरंगा फहराया। इतनी ज़्यादा बार लाल क़िले पर तिरंगा फहराने वाले वे तीसरे प्रधानमंत्री हो गए हैं। इसके पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सत्रह बार और श्रीमती इंदिरा गांधी ने सोलह बार (1966 से 77 और फिर 1980 से 84 तक) लाल क़िले पर तिरंगा फहराया था।

मोदी ने इस बार परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण से मुक्ति की अपील की। समझा जाता है कि ये तीनों शब्द उन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए ही इस्तेमाल किए हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस मुक्त भारत के अपने नारे को ही इस बार उन्होंने दूसरे अंदाज में कहा है। सब जानते हैं भ्रष्टाचार और घोटाले सबसे ज़्यादा कांग्रेस के शासनकाल में ही उजागर हुए। परिवारवाद भी सर्वाधिक कांग्रेस के वक्त ही चला। इसी तरह तुष्टिकरण को भी कांग्रेसी सत्ताओं ने ही पोषित किया।

सही है, वर्षों तक परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति करने के कारण ही कांग्रेस आज सत्ता से दूर है और मतदाताओं की पहली पसंद भी अब वह नहीं रह गई है। पिछले दस साल से तो यही देखने को मिल रहा है। आगे क्या होगा, यह नहीं कहा जा सकता। बहरहाल, परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण से मुक्ति का मंत्र देकर एक तरह से मोदी ने अगले लोकसभा चुनाव का एजेण्डा भी तय कर दिया है।

हालाँकि मोदी के इस बार के भाषण को प्रधानमंत्री का भाषण कम, और एक भाजपा नेता का भाषण ज्यादा माना जा रहा है। अपने भाषण में जब उन्होंने कहा कि अगली बार भी लाल क़िले पर तिरंगा मैं ही फहराऊँगा तो राजनीतिक हल्के में यह बात एक अतिशयोक्ति मानी जा रही है। लोगों का कहना है कि विनम्रता दिखाते हुए मोदी को यह कहना था कि जनता का आशीर्वाद रहा तो अगली बार भी तिरंगा मैं ही फहराऊँगा।

पीएम मोदी ने लगातार 10वीं बार लाल किले पर ध्वाजारोहण किया।

पीएम मोदी ने लगातार 10वीं बार लाल किले पर ध्वाजारोहण किया।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे का कहना है कि यह मोदी का दम्भ बोल रहा है। हालाँकि मोदी के भाषण की निंदा करने वाले खडगे खुद लाल क़िले पर नहीं पहुँच पाए। जब चर्चा चली कि शायद खडगे ने स्वतंत्रता दिवस समारोह का बहिष्कार किया है तब जाकर कांग्रेस की तरफ़ से जवाब आया कि चूँकि कांग्रेस कार्यालय में भी तिरंगा फहराना था, इसलिए खडगे लाल क़िले वाले समारोह में नहीं आ पाए।

हालाँकि पार्टी का यह जवाब भी लोगों के गले नहीं उतरा। वैसे दम्भ खडगे और राजद सुप्रीमो लालू यादव के कथन में भी दिखा। इन दोनों ने कहा कि अगली बार मोदी लाल क़िले पर तिरंगा नहीं फहरा पाएँगे। तिरंगा अब उन्हें अपने घर पर ही फहराना पड़ेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। उनके नाम की कुर्सी खाली पड़ी रही।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। उनके नाम की कुर्सी खाली पड़ी रही।

मोदी ने अपने भाषण में सरकार की उपलब्धियाँ गिनाने के साथ कुछ घोषणाएं भी की। इनमें सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी घोषणा यह रही कि जो लोग शहरों में किराए के मकान में रहते हैं, उन्हें अपना घर बनाने या ख़रीदने के लिए सस्ती दर पर बैंक लोन मिलेगा। शहरों में किराए पर रहने वाले परिवारों की यह आज भी सबसे बड़ी ज़रूरत है। हालाँकि प्रधानमंत्री ने फ़िलहाल यह नहीं बताया कि ऐसे लोगों को ब्याज में कितने प्रतिशत की राहत मिलेगी।