लापता 2 लेडी कॉन्स्टेबलों के लिए बांग्लादेश बॉर्डर पर अलर्ट: ग्वालियर की टेकनपुर छावनी में पदस्थ थीं; एक के खिलाफ किडनैपिंग का केस – Gwalior News

दोनों लेडी कॉन्स्टेबल को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर देखा गया था।

बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) की 2 लेडी कॉन्स्टेबल की तलाश में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश बॉर्डर पर निगरानी बढ़ाई गई है। दोनों करीब एक महीने से लापता हैं। इनमें आकांक्षा निखर जबलपुर और शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली है। शहाना

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बीएसएफ ग्वालियर, बीएसएफ पश्चिम बंगाल, ग्वालियर की एसआईटी और इंटेलिजेंस की टीमें दोनों को तलाश रही हैं। चिंता इसलिए भी है कि टेकनपुर में वे एसटीसी (सहायक प्रशिक्षण सेंटर) में 2021 से पदस्थ रही हैं। दोनों युद्ध कौशल, बॉर्डर पर सुरक्षा और वहां से सुरक्षित निकलने में माहिर हैं।

शहाना और आकांक्षा के बीच गहरी दोस्ती है। बीएसएफ ने बिलौआ थाने और शहाना के परिजन ने मुर्शिदाबाद थाने में गुमशुदगी दर्ज करा रखी है। आकांक्षा की मां ने मंगलवार को पुलिस की जनसुनवाई में एसपी के सामने गुहार लगाई थी। उन्होंने एसपी धर्मवीर सिंह के सामने कहा था कि बेटी की जान को खतरा है।

दोनों कॉन्स्टेबल 2021 से जबलपुर की टेकनपुर छावनी में पदस्थ रही हैं। उन्हें आखिरी बार 6 जून 2024 को साथ देखा गया था।

दोनों कॉन्स्टेबल 2021 से जबलपुर की टेकनपुर छावनी में पदस्थ रही हैं। उन्हें आखिरी बार 6 जून 2024 को साथ देखा गया था।

STC के कम्प्यूटर सेक्शन में पदस्थ हैं दोनों

लापता दोनों महिला आरक्षक बीएसएफ की एसटीसी (सहायक प्रशिक्षण सेंटर) विंग के कम्प्यूटर सेक्शन में हैं। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की सुरक्षा प्लानिंग उन्हें पता है, इसलिए बीएसएफ के अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। अफसरों को आशंका है कि दोनों सरहद पार जा सकती हैं, इसलिए सिक्योरिटी फोर्स की इंटेलिजेंस टीम बांग्लादेश बॉर्डर पर नजर रखे हैं। इधर, ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने भी मामले की जांच के लिए एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) भी बना दी है।

पहले से थी प्लानिंग, मोबाइल डाटा डिलीट किया

जांच में पता चला है कि दोनों लेडी कॉन्स्टेबल ने बीएसएफ कैंप से निकलते समय अपने मोबाइल का डाटा डिलीट कर दिया था। पुलिस अफसरों का कहना है कि इससे जाहिर है कि दोनों प्लानिंग के साथ कैंप से निकली हैं। उन्हें पता था कि पुलिस मोबाइल से ट्रैक करेगी। पश्चिम बंगाल पहुंचने तक आकांक्षा ने रास्ते में अनजान लोगों को बीएसएफ का आईडी कार्ड दिखाकर उनसे फोन मांगकर परिवार से बात की है।

बीएसएफ की दोनों महिला आरक्षक ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर दिखी थीं। शहाना जबलपुर में आकांक्षा के घर भी रुकी थी।

बीएसएफ की दोनों महिला आरक्षक ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर दिखी थीं। शहाना जबलपुर में आकांक्षा के घर भी रुकी थी।

दोनों ने एकसाथ छुट्‌टी ली, 4 दिन साथ में रहीं

पुलिस का कहना है दोनों ने अप्रैल महीने में एक साथ छुट्टी ली थी। पहले शहाना जबलपुर में आकांक्षा के घर रुकी थी। यहां चार दिन रहने के बाद दोनों ने पश्चिम बंगाल में करीब 15 दिन गुजारे थे। दोनों प्लानिंग के तहत पहले पश्चिम बंगाल में रहकर आईं। अब एक महीने पहले मतलब 6 जून को लापता हो गईं।

जबलपुर में जोगी मोहल्ला की रहने वाली आकांक्षा की मां उर्मिला निखर ने बताया, ‘मार्च 2024 में शहाना खातून और आकांक्षा जबलपुर पहुंची थीं। करीब 4 दिन यहां घूमीं। इसके बाद बंगाल घूमने जाने का कह कर दोनों निकल गईं। वहां आकांक्षा, अपनी सहेली आरक्षक शहाना खातून के घर पर ठहरी थी। इसके बाद से ही बेटी से संपर्क कुछ कम होने लगा। 5 जून को आखिरी बार बेटी से बात हुई थी। वह अनमने मन से बात कर रही थी।

मंगलवार को जबलपुर की रहने वाली महिला कॉन्स्टेबल आकांक्षा निखर की मां उर्मिला निखर ने ग्वालियर में पुलिस की जनसुनवाई में शिकायत की थी।

मंगलवार को जबलपुर की रहने वाली महिला कॉन्स्टेबल आकांक्षा निखर की मां उर्मिला निखर ने ग्वालियर में पुलिस की जनसुनवाई में शिकायत की थी।

शहाना के घर पहुंची आकांक्षा की मां, किसी ने मिलने नहीं दिया

उर्मिला ने बताया, ‘बेटी की तलाश में पश्चिम बंगाल में शहाना खातून के घर भी पहुंची थी। यहां उसने परिजन ने किसी ने नहीं मिलने दिया। उन्होंने बेटियों के बारे में भी जानकारी नहीं दी। निराश होकर लौट आए थे। उर्मिला ने पुलिस अफसरों को बताया कि बेटी की जान खतरे में है। उसे किडनैप किया गया है।’

सीएसपी अशोक सिंह जादौन का कहना है, ‘दोनों महिला आरक्षकों का फिलहाल पता नहीं चला है। अभी तक सीसीटीवी फुटेज और दूसरे साक्ष्यों से लगता है कि दोनों आरक्षक तैयारी से गई हैं। दोनों सामने आएंगी, तब लापता होने की वजह पता चलेगी। उनकी तलाश में एसआईटी गठित है। पुलिस और बीएसएफ की टीम तलाश रही है।

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बीएसएफ की दो लेडी कॉन्स्टेबल लापता

बीएसएफ की दो लेडी कॉन्स्टेबल 26 दिन से ग्वालियर की टेकनपुर छावनी से लापता हैं। आखिरी बार उन्हें 6 जून 2024 को देखा गया था। लापता महिला आरक्षक आकांक्षा निखर जबलपुर जबकि शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली हैं। बीएसएफ ने बिलौआ थाने में उनकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई है। पढ़ें पूरी खबर