रेलवे ने तीन माह में ई-नीलामी से 844 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया – Rail Hunt

नयी दिल्ली. रेलवे ने तीन माह में परिसंपत्तियों की ई-नीलामी से 844 करोड़ रुपये की उगाही की है. यह राजस्व पार्किंग स्थल, रेल परिसर में विज्ञापन लगाने, पार्सल की जगह को पट्टे पर देने और शौचालयों के अनुबंधों से जुटाया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गत जून में इन वाणिज्यिक गतिविधियों को ई-नीलामी के जरिये अंजाम देने की शुरुआत की थी. उनका कहना था कि इससे  न सिर्फ ठेका आवंटन की प्रक्रिया में तेजी आएगी बल्कि छोटे उद्यमियों के लिए काम हासिल कर पाना भी आसान होगा.

रेलवे ने कहा कि ई-नीलामी पोर्टल शुरू हो जाने से उसकी आय बढ़ी है और रेल परिसंपत्तियों का वास्तविक मूल्य पाने में मदद मिली है. रेलवे ने कहा, ‘‘वाणिज्यिक परिसंपत्तियों के लिए ई-नीलामी पोर्टल शुरू होने के बाद अब तक 8,500 परिसंपत्तियों के लिए करीब 1,200 ठेके दिए जा चुके हैं. आवंटित अनुबंधों का कुल मूल्य 844 करोड़ रुपये है.’’

सबसे ज्यादा अनुबंध रेलवे स्टेशन परिसरों एवं रेल डिब्बों में विज्ञापन अधिकार से संबंधित हैं. इस मद में आवंटित 374 अनुबंधों से रेलवे को 155 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसी तरह पार्किंग स्थल के 374 अनुबंधों से 226 करोड़ रुपये, पार्सल जगह के पट्टे वाले 235 अनुबंधों से 385 करोड़ रुपये और भुगतान वाले शौचालयों के लिए आवंटित 215 अनुबंधों से 78 करोड़ रुपये मिलेंगे.

रेलवे के तमाम खंडों में बेंगलुरु मंडल ने एक पार्सल जगह की ई-नीलामी से सर्वाधिक 34.52 करोड़ रुपये जुटाए हैं. दिल्ली मंडल ने अपनी परिसंपत्तियों को पट्टे पर देने के लिए अब पूरी तरह ई-नीलामी का तरीका अपना लिया है. हालांकि इस प्रक्रिया को लेकर सवाल भी उठाये गये हैं.

सभार नवभारत