रामलला की नई मूर्ति का नाम ‘बालक राम’ होगा: प्राण प्रतिष्ठा में शामिल पुजारी बोले- प्रभु बच्चे की तरह दिखते हैं, उनकी उम्र 5 साल

अयोध्या4 मिनट पहले

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अयोध्या में 22 जनवरी को जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई है, उसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है।  - Dainik Bhaskar

अयोध्या में 22 जनवरी को जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई है, उसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है। 

अयाेध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई रामलला की नई मूर्ति को ‘बालक राम’ के नाम से जाना जाएगा। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल रहे पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया- नई मूर्ति का नाम ‘बालक राम’ रखने का कारण यह है कि प्रभु एक बच्चे की तरह दिखते हैं, जिनकी उम्र 5 साल है।

अयोध्या में स्थापित की गई प्रतिमा करीब 4.5 फीट ऊंची है। यह सोने के सिंहासन पर विराजमान है।

अयोध्या में स्थापित की गई प्रतिमा करीब 4.5 फीट ऊंची है। यह सोने के सिंहासन पर विराजमान है।

वाराणसी के रहने वाले अरुण दीक्षित ने बताया कि पहली बार जब मैंने मूर्ति देखी, तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मेरी आंखों में खुशी के आंसू बहने लगे। उस समय मुझे जो अनुभूति हुई, उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।

उन्होंने आगे कहा कि अब तक मैं 50-60 बड़े अभिषेक में शामिल रहा, लेकिन मेरे जीवन का यह सबसे अलौकिक, दिव्य और सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रम रहा। दीक्षित ने कहा कि उन्हें मूर्ति की पहली झलक 18 जनवरी को मिली थी।

प्राण-प्रतिष्ठा में 6 यजमान शामिल हुए
सोमवार यानी 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पूजा में PM मोदी और RSS चीफ मोहन भागवत समेत 6 यजमान शामिल हुए। इसके बाद मोदी ने करीब 35 मिनट का भाषण दिया। PM ने कहा- कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है।

22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान पूजा की।

22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान पूजा की।

पुरानी मूर्ति नई मूर्ति के सामने रखी गई
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार, रामलला की पुरानी मूर्ति, जो पहले एक अस्थायी मंदिर में रखी गई थी। उसे भी नई मूर्ति के सामने रखा गया है। मूर्ति के लिए आभूषण अध्यात्म रामायण, वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस और अलवंदर स्तोत्रम जैसे ग्रंथों के गहन शोध और अध्ययन के बाद तैयार किए गए हैं।

मूर्ति को बनारसी कपड़े से सजाया गया
मूर्ति को बनारसी कपड़े से सजाया गया है, जिसमें एक पीली धोती और एक लाल ‘पताका’ या ‘अंगवस्त्रम’ है। ‘अंगवस्त्रम’ को शुद्ध सोने की ‘जरी’ और धागों से सजाया गया है, जिसमें शुभ वैष्णव प्रतीक-शंख, पद्म, चक्र और मयूर शामिल हैं।

रामलला ने पहने 5 किलो सोने के आभूषण
5 साल के बालक रूप में विराजमान रामलला का सोने के आभूषणों से श्रृंगार देख लोग भाव-विभोर हो गए। ट्रस्ट सूत्रों के मुताबिक, 200 किलो की प्रतिमा को 5 किलो सोने के जेवरात पहनाए गए हैं। नख से ललाट तक भगवान जवाहरातों से सजे हुए हैं। रामलला ने सिर पर सोने का मुकुट पहना है।

मुकुट में माणिक्य, पन्ना और हीरे लगे हैं। बीच में सूर्य अंकित हैं। दायीं ओर मोतियों की लड़ियां हैं। वहीं, कुंडल में मयूर आकृतियां बनी हैं। इसमें भी सोना, हीरा, माणिक्य और पन्ना लगा है। ललाट पर मंगल तिलक है। इसे हीरे और माणिक्य से बनाया है। कमर में रत्न जड़ित करधनी है। इसमें छोटी-छोटी पांच घंटियां भी लगाई हैं। दोनों हाथों में रत्न जड़े कंगन हैं। बाएं हाथ में सोने का धनुष और दाहिने में सोने का बाण है।

तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनी मूर्ति
मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तराशी गई 51 इंच की मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है। नीले रंग की कृष्णा शिला की खुदाई मैसूर के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी। यह एक महीन से मध्यम दाने वाली आसमानी-नीली मेटामॉर्फिक चट्टान है, जिसे आम तौर पर इसकी चिकनी सतह की बनावट के कारण सोपस्टोन कहा जाता है।

कृष्ण शिला रामदास (78) की कृषि भूमि को समतल करते समय मिली थी। इसके बाद एक स्थानीय ठेकेदार ने पत्थर की गुणवत्ता का आकलन किया था। इसके बाद अयोध्या में मंदिर के ट्रस्टियों से बात की थी।

2 लाख से ज्यादा भक्तों ने रामलला के दर्शन किए
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंगलवार 23 जनवरी को मंदिर में आम लोगों का दर्शन शुरू हो चुका है। रात 3 बजे से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रामलला के दर्शन के लिए कई राज्यों से लोग आए हुए हैं। जैसे ही मंदिर के गेट खुले तो लोगों में अंदर जाने के लिए होड़ सी मच गई।

दर्शन के लिए उमड़े हुजूम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोपहर में शयन के लिए बंद किए गए भगवान रामलला के कपाट एक घंटे पहले ही खोल दिए गए। रामलला के शयन के लिए पट दोपहर 12.30 बजे से 2 बजे तक बंद रहने थे, लेकिन भीड़ के चलते 1 बजे ही खोल दिए गए। लोगों को दर्शन के लिए छोटे-छोटे ग्रुपों में भेजा जा रहा है। एक बार तो लोग सिक्योरिटी तोड़कर ही भाग निकले।

प्रशासन के मुताबिक, दोपहर दो बजे तक ढाई लाख लोगों ने दर्शन कर लिए। भीड़ को काबू करने के लिए 8 मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। वहीं, राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित नई प्रतिमा को बालक राम नाम दिया गया है। पूरी खबर पढ़ें …

प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज प्रभु श्री रामलला की पहली मंगला आरती हुई। राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। लोग सिक्योरिटी तोड़कर दर्शन करने भाग निकले।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज प्रभु श्री रामलला की पहली मंगला आरती हुई। राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। लोग सिक्योरिटी तोड़कर दर्शन करने भाग निकले।

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