राजभर सीएम की मीटिंग में नहीं गए…केशव से मिलने पहुंचे: सरकार में खींचतान के बीच अब मंत्रियों में गुटबाजी के संकेत – Lucknow News

ओपी राजभर ने केशव मौर्य से सोमवार देर शाम लखनऊ में मुलाकात हुई।

यूपी में सीएम योगी और केशव मौर्य के बीच खींचतान बढ़ती दिख रही है। मामला अब मंत्रियों के बीच भी गुटबाजी तक पहुंच गया है। सोमवार को सीएम योगी ने आजमगढ़ में अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की। इसमें पंचायती राजमंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ​​​​​को भ

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राजभर सोमवार शाम को डिप्टी सीएम केशव मौर्य से मिलने पहुंच गए। लखनऊ में दोनों नेताओं की बीच करीब 30 मिनट तक मुलाकात हुई। राजभर ने इस मुलाकात की 2 फोटो X पर पोस्ट की। एक फोटो में दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़े मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं।

राजभर ने फोटो के साथ कैप्शन लिखा-लखनऊ में डिप्टी सीएम केशव मौर्य से आत्मीय भेंट की। विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। राजभर और केशव की इस मुलाकात को सियासी गलियारे में लामबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है।

ओपी राजभर ने X पर केशव मौर्य के साथ मुलाकात की ये फोटो पोस्ट की है।

ओपी राजभर ने X पर केशव मौर्य के साथ मुलाकात की ये फोटो पोस्ट की है।

योगी और केशव में खींचतान…दो दिन में दो नए मामले
14 जुलाई को लखनऊ में भाजपा कार्य समिति की बैठक हुई थी। उसके बाद से दोनों नेताओं के बीच खींचतान खुलकर सामने आई। अगले दिन केशव दिल्ली चले गए। वहां राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मुलाकात की। माना जा रहा था कि केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद दोनों के बीच दूरियां कुछ कम होगी। हालांकि, दो दिन में दो मामले में दोनों के बीच खींचतान दिखी।

1- केशव ने योगी के विभाग से आरक्षण पर पूछा सवाल डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष की तरह अपनी ही सरकार से सवाल भी पूछा। उन्होंने सरकारी विभागों में संविदा और आउटसोर्सिंग से हुई नियुक्तियों की रिपोर्ट मांगी है। पूछा- इसमें रिजर्वेशन के नियम का कितना पालन किया गया? केशव ने संविदा भर्ती में रिजर्वेशन के 2008 के शासनादेश का पालन करने के भी निर्देश दिए। यह विभाग सीएम योगी के पास है।

इसको लेकर केशव ने 15 जुलाई को नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग (डीओएपी) के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा- विधान परिषद के प्रश्नों की ब्रीफिंग के दौरान कार्मिक विभाग के अधिकारियों से आउटसोर्सिंग और संविदा पर कार्यरत कुल अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। लेकिन यह जानकारी कार्मिक विभाग के पास नहीं थी।

यह फोटो सोमवार की है। केशव से जब आरक्षण से जुड़े पत्र को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।

यह फोटो सोमवार की है। केशव से जब आरक्षण से जुड़े पत्र को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।

2- मंत्री नंदी के बेटे का रिसेप्शन, योगी के प्रयागराज पहुंचने से पहले केशव रवाना हुए
शनिवार को प्रयागराज में कैबिनेट मिनिस्टर नंद गोपाल गुप्ता नंदी के बेटे की शादी का रिसेप्शन था। सीएम योगी और केशव मौर्य कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे। सीएम ने कार्यक्रम में जाने से पहले प्रयागराज सर्किट हाउस में अफसरों के साथ बैठक की, लेकिन केशव बैठक में शामिल नहीं हुए।

वह योगी के प्रयागराज पहुंचने से पहले ही कौशांबी के लिए निकल गए। केशव से जब मीडिया कर्मियों ने पूछा- सरकार और संगठन में क्या चल रहा है? कुछ अफवाहें आ रही हैं? इस पर क्या कहेंगे? केशव ने मुस्कराते हुए कहा- कुछ नहीं, कोई अफवाह नहीं है…धन्यवाद।

सोमवार को सीएम योगी ने आजमगढ़ में मंडलीय समीक्षा बैठक की। इसमें मंत्री राजभर नहीं शामिल हुए।

सोमवार को सीएम योगी ने आजमगढ़ में मंडलीय समीक्षा बैठक की। इसमें मंत्री राजभर नहीं शामिल हुए।

संजय निषाद ने भी की थी केशव से मुलाकात
केशव मौर्य से कुछ दिन पहले निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने भी मुलाकात की थी। संजय निषाद ने मौर्य के साथ मुलाकात करने के बाद सरकार और संगठन पर दिए गए बयान का समर्थन किया था। निषाद पार्टी भाजपा की सहयोगी दल है। संजय निषाद योगी सरकार में मंत्री हैं।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निशान ने बीते दिनों केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की थी।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निशान ने बीते दिनों केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की थी।

केशव ने कहा था- संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और हमेशा रहेगा
14 जुलाई को लखनऊ में भाजपा कार्य समिति की बैठक में केशव ने तेवर दिखाए थे। उन्होंने कार्य समिति की बैठक के बाद देर रात ‘X’ पर लिखा- संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और हमेशा रहेगा। मैं उपमुख्यमंत्री बाद में हूं, पहले कार्यकर्ता हूं। मेरे घर के दरवाजे सबके लिए खुले हैं।

केशव के इस बयान को योगी को संदेश देने से भी जोड़ कर देखा गया। राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि लोकसभा चुनाव में सीट कम आने के बाद सीएम योगी और केशव में दूरियां बढ़ गई हैं। इसीलिए वह किसी भी बैठक में शामिल नहीं हो रहे।

14 जुलाई को कार्यसमिति की बैठक में केशव ने तेवर दिखाए थे। कहा था- संगठन सरकार से बड़ा है।

14 जुलाई को कार्यसमिति की बैठक में केशव ने तेवर दिखाए थे। कहा था- संगठन सरकार से बड़ा है।

नड्डा से मिले केशव, बगावती तेवर बरकरार
केशव मौर्य ने नाराजगी की खबरों के बीच ही 16 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मुलाकात की। आलाकमान ने नसीहत दी कि सरकार-संगठन में तालमेल बनाकर रखें, बयानबाजी से भी बचें। इसके बावजूद उनके बगावती तेवर बरकरार हैं। नड्डा से मिलने के 15 घंटे बाद मौर्य ने फिर से X पर लिखा- संगठन सरकार से बड़ा होता है।

आखिर क्यों नाराज हैं केशव?

  • 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के समय केशव मौर्य भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष थे। पार्टी को बंपर चुनावी कामयाबी मिली, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी योगी आदित्‍यनाथ को मिल गई। केशव को डिप्‍टी सीएम बनकर संतोष करना पड़ा। इसके बाद अक्सर केशव और योगी के बीच मन-मुटाव की खबरें आती रहीं।
  • 2022 के विधानसभा चुनाव में केशव अपनी विधानसभा सीट सिराथू से भी हार गए। इस चुनाव से पहले भी योगी और केशव के बीच अनबन की खबरें सामने आती रहीं। इन चर्चाओं को रोकने के लिए योगी खुद केशव के घर गए और साथ में भोजन किया।
  • 2022 के विधानसभा चुनावों में केशव की हार को उस वक्‍त भी पार्टी में दबी आवाज में कहा गया कि वो हारे नहीं, साजिश के तहत हराए गए। इसके बाद पार्टी में केशव की स्थिति कमजोर मानी गई। अब लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पार्टी के अंदरखाने योगी की स्थिति कमजोर मानी जा रही है। इसके चलते फिर से योगी और केशव के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं।
  • केशव ने 14 जुलाई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में यह कहकर सियासी हलचल बढ़ा दी कि सरकार से बड़ा संगठन है। उन्‍होंने कहा था- संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और हमेशा बड़ा रहेगा। मैं उपमुख्यमंत्री बाद में हूं, पहले कार्यकर्ता हूं।
  • ऐसा पहली बार नहीं है, जब मौर्य ने संगठन को सरकार से बड़ा बताया। 2 साल पहले 21 अगस्त, 2022 को भी मौर्य ने यही बयान दिया था। उस समय कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव हारने के 5 महीने बाद उनका ये पहला बयान था। तब भी योगी और सरकार के प्रति मौर्य की नाराजगी की चर्चा थी।

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