राजकोट का फन जोन कैसे बन गया डेड जोन: कंक्रीट की जगह लकड़ी-टीन का बना था, काफी संख्या में रखे टायरों ने आग फैलाई – Gujarat News

पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव के मुताबिक, यह पूरा गुंबद ही लोगों पर ढह गया था, जिससे लोग बाहर नहीं भाग सके।

गुजरात के राजकोट शहर के कालावड रोड पर स्थित TRP गेम जोन में शनिवार शाम 4.30 बजे भीषण आग लग गई। हादसे में 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई। 25 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। राज्य सरकार ने मामले की SIT जांच का आदेश दिया है।

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राजकोट में कालावाड रोड का इलाका तेजी से डेवलप हो रहा है। TRP गेम जोन के लिए कालावाड रोड पर फाइव स्टार होटल सयाजी के बगल में एक विशाल अस्थायी ढांचा खड़ा किया गया था। इसके संचालकों का दावा है कि यह शहर का सबसे बड़ा गेम जोन था। अत्याधुनिक उपकरणों के साथ इनडोर और आउटडोर गेम्स वाले एक गेम जोन का विज्ञापन भी जारी किया गया था। साल 2021 से यह स्थान बच्चों और युवाओं के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र था।

फन जोन देखते-देखते कैसे डेड जोन में तब्दील हो गया, 5 पॉइंट में समझें

1. कंक्रीट की जगह लकड़ी और टीन शीट से बना था
गेम जोन के लिए यहां भारी संख्या में टायर और फर्नीचर से लेकर लकड़ियों का भी काफी मटेरियल मौजूद था और यही सामान भीषण आग का कारण बना। खास बात यह है कि ईंट, कंक्रीट के बजाय पूरे गेम जोन का स्ट्रक्चर लकड़ियों और टीन शीट से बनाया गया था।

2. ज्यादातर मशीनें बिजली से चलती थीं
इस प्रकार की संरचना के निर्माण का उद्देश्य यह था कि भविष्य में इस जगह का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही गेम जोन में इस्तेमाल होने वाले फाइबर और टायरों की ज्यादा संख्या के कारण आग तेजी से फैलती चली गई। इसके अलावा गेम जोन की ज्यादातर मशीनें बिजली से चलने वाली थीं।

3. टायरों पर पेंट किया था, जिससे तेजी से आग फैली
गो-कार्ट रेसिंग कारों को चलाने के लिए डिजाइन किया गया एक विशेष ट्रैक है। राजकोट का सबसे बड़ा गो-कार्ट रेसिंग ट्रैक इसी TRP गेम जोन में बनाया गया था। रेसिंग के लिए ट्रैक को बैरिकेड करने के लिए केवल टायरों का इस्तेमाल किया जा रहा था। इन टायरों को भी पेंट किया गया था। आमतौर पर टायर बहुत जल्दी आग पकड़ लेते हैं। टायरों पर ऊपर से पेंट लगा होने के कारण आग फैलने की संभावना और बढ़ गई।

4. गुंबद ही लोगों पर ढह गया
गेम जोन में आमतौर पर शनिवार और रविवार को ज्यादा भीड़ रहती है। यहां पहुंचे लोगों को कभी भी इस तरह की दुर्घटना का अंदाजा नहीं था। TRP गेम जोन की छतें और दीवारें टीन की चादरों से बनी थीं।

खूबसूरत दिखने के लिए गुंबद को भी चादरों से बनाया गया था। पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव के मुताबिक, यह पूरा गुंबद ही लोगों पर ढह गया था, जिससे लोग बाहर नहीं भाग सके।

5. ऐक्रेलिक के पोस्टर लगे थे
दीवारों, फर्श पर लगा पूरा मटेरियल भी लकड़ी और ऐक्रेलिक से बना था। यहां बनी सबसे बड़ी बॉलिंग एली में, गो-कार्ट ट्रैक की तरह काफी ऐक्रेलिक और लकड़ी का इस्तेमाल किया गया था। इससे भी आग तेजी से फैली।

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