राजकोट आग मामले में नगर निगम के दो कर्मचारी गिरफ्तार: दस्तावेजों से छेड़छाड़ का आरोप; गेमिंग जोन हादसे में 30 लोगों की मौत हुई थी

राजकोट24 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
गुजरात में राजकोट शहर के कालावड रोड पर स्थित टीआरपी गेम जोन में 25 मई को आग लगी थी। - Dainik Bhaskar

गुजरात में राजकोट शहर के कालावड रोड पर स्थित टीआरपी गेम जोन में 25 मई को आग लगी थी।

गुजरात के राजकोट स्थित टीआरपी गेम जोन में 25 मई को लगी आग मामले में नगर निगम (RMC) के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। इनकी पहचान असिस्टेंट टाउन प्लानिंग ऑफिसर राजेश मकवाना और असिस्टेंट इंजीनियर जयदीप चौधरी के रूप में हुई है। दोनों पर गेम जोन से जुड़े दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ का आरोप है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, दोनों कर्मचारियों ने सबूत मिटाने और गिरफ्तारी से बचने के लिए घटना के एक दिन बाद 26 मई को गेम जोन के रजिस्टर में फर्जीवाड़ा किया। उन्होंने रजिस्टर में बेक डेट एंट्री की और फर्जी दस्तावेज बनाने की साजिश रची।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी कर्मचारी यह दिखाना चाहते थे कि गेम जोन मैनेजमेंट ने सुविधा को नियमित करने के लिए आवेदन किया था और निगम ने इस पर सवाल उठाए थे। इसके लिए आरोपियों ने फर्जी डिटेल्स वाला एक नया रजिस्टर बनाया और पुराना रजिस्टर नष्ट कर दिया।

राजकोट के टीआरपी गेम जोन में 25 मई की शाम आग लग गई थी। इस हादसे में 12 बच्चों समेत 30 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में अब तक 6 सरकारी कर्मचारियों सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गुरुवार (13 जून) को गेम जोन के सह-मालिक अशोकसिंह जाडेजा ने सरेंडर किया था। जडेजा गेम जोन के 6 मालिकों में से एक हैं। इनमें 5 गिरफ्तार हो चुके हैं। एक मालिक प्रकाश हिरन (जैन) की 25 मई को आग में मौत हो गई थी। गेम जोन के एक मैनेजर को भी गिरफ्तार किया गया है।

सभी शवों के डीएनए टेस्ट हुए
हादसे में शव इतनी बुरी तरह जले थे कि उनकी पहचान मुश्किल थी। इसके चलते सभी शवों के DNA टेस्ट कराए गए थे। जांच के दौरान पता चला कि गेम जोन के सह-मालिकों में से एक प्रकाश हिरन (जैन) हादसे के बाद से लापता था।

पुलिस ने उसका नाम भी FIR में दर्ज किया था। घटनास्थल पर मिले एक शव का DNA सैंपल अहमदाबाद में रहने वाली प्रकाश की मां विमला देवी के DNA सैंपल से मैच हुआ। इसके बाद प्रकाश हिरन की मौत की पुष्टि हुई।

राजकोट गेम जोन बिना परमिट के चल रहा था

दैनिक भास्कर को मिली यह तस्वीर करीब दो साल पुरानी है। इसमें राजकोट के तत्कालीन कलेक्टर अरुण महेश बाबू, SP बलराम मीणा, नगर निगम कमिश्नर अमित अरोड़ा, DCP जोन-1 प्रवीण मीणा गेमिंग जोन पहुंचे थे। तस्वीर में दिखाई दे रहे ये सभी अधिकारी गेम जोन के गो-कार्टिंग का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान टीआरपी गेम जोन के मालिकों ने अफसरों का जोरदार स्वागत किया था।

वेल्डिंग से निकली चिंगारी 2 मिनट में भड़की
राजकोट के TRP गेम जोन में 25 मई की शाम को हुए हादसे का एक CCTV फुटेज सामने आया। इस वीडियो में शाम 5.33 मिनट पर गेम जोन के एक हिस्से में वेल्डिंग का काम होता दिखा। इसी से निकलने वाली चिंगारी थोड़ी देर में भड़क जाती है। जिसे वहां मौजूद कर्मचारी बुझाने की कोशिश करते हैं।

गेम जोन से आने-जाने का एक ही रास्ता था। महज 2 मिनट के अंदर आग भयानक रूप ले लेती है, जिसके कारण पूरा गेम जोन उसकी चपेट में आ जाता है। फायर ब्रिगेड की 8 टीमें करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझा पाईं। 25 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया। 12 बच्चों समेत 30 लोग मारे गए।

देखिए गेमजोन में आग कैसे लगी…

1. वेल्डिंग से निकलती चिनगारी…

2. चिनगारी से वहां पड़े सामान में आग लगी

3. आग तेजी से फैलती गई

4. गेमजोन के कर्मचारियों ने इसे बुझाने की कोशिश की

राजकोट गेम जोन हादसे पर एक नजर

  • आग कैसे लगी: किराए की 2 एकड़ जमीन पर तीन मंजिला गेम जोन 2020 में बनाया गया था। इसका स्ट्रक्चर लकड़ी और टीन शेड पर खड़ा था। कई जगह रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम भी चल रहा था। एक जगह सीढ़ी पर वेल्डिंग के दौरान निकली चिनगारी से ब्लास्ट हुआ और आसपास आग लग गई।
  • आग तेजी से क्यों फैली: गेम जोन का डोम कपड़े और फाइबर से बना था। स्ट्रक्चर लकड़ी, टीन और थर्मोकोल शीट से बनाया गया था। फर्श पर भी रबर, रेग्जीन और थर्मोकोल लगा था। इसके अलावा गेमजोन में 2 हजार लीटर डीजल और 1500 लीटर पेट्रोल भी स्टोर किया गया था। इसलिए आग कुछ मिनटों में ही तेजी से फैल गई।
  • ज्यादा नुकसान की वजह: चश्मदीद के मुताबिक​​​​, आग नीचे से ऊपर तक कुछ ही मिनटों में फैल गई थी। तीन मंजिला स्ट्रक्चर में नीचे से ऊपर जाने के लिए केवल एक सीढ़ी थी। दूसरी और तीसरी मंजिल के लोगों को भागने का मौका नहीं मिला।
  • अधिकारी क्या बोले: कलेक्टर आनंद पटेल ने कहा, शव इतनी बुरी तरह जले हैं कि पहचान मुश्किल है। DNA टेस्ट कराना होगा। राजकोट के सभी गेम जोन बंद कर दिए गए हैं। पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव के मुताबिक, टीआरपी गेम जोन के पास फायर NOC तक नहीं थी। सरकार ने जांच के लिए SIT बनाई है।

खबरें और भी हैं…