यूपी में शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस पर रोक: 2 महीने में कमेटी फैसला लेगी, 6 लाख शिक्षक लगातार कर रहे थे विरोध – Lucknow News

योगी सरकार डिजिटल अटेंडेंस को लेकर बैकफुट पर आ गई है। डिजिटल अटेंडेंस पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। मुख्य सचिव मनोज सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जो 2 महीने में जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इसके बाद योगी सरकार इस पर फैसला लेगी।

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मुख्य सचिव ने आज शिक्षक संगठनों के साथ बैठक की। इसमें प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा शानमुगम, डीजी स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा और महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्या मौजूद रहीं। बैठक के बाद डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने का आदेश जारी हुआ।

मुख्य सचिव ने बैठक के बाद डिजिटल अटेंडेंस पर 2 महीने की रोक लगाने का फैसला लिया।

मुख्य सचिव ने बैठक के बाद डिजिटल अटेंडेंस पर 2 महीने की रोक लगाने का फैसला लिया।

8 जुलाई को जारी हुआ था आदेश, 6 लाख शिक्षक कर रहे थे विरोध प्रदर्शन
योगी सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में 8 जुलाई से शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाजिरी का आदेश जारी किया। इसके बाद शिक्षक सड़क पर उतर गए। धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। सरकार ने आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया।

तकनीकी दिक्कत आने पर कभी भी हाजिरी लगाने की छूट दी, लेकिन शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इसके बाद योगी सरकार ने यह फैसला लिया है। यूपी में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा मित्र से लेकर टीचर तक की संख्या 6 लाख 9 हजार 564 है।

ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में जौनपुर में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था।

ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में जौनपुर में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया था।

क्यों बैकफुट पर आई सरकार
भाजपा के कई सांसदों और विधायकों ने डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने के लिए सरकार को पत्र लिखा था। कहा था- इससे माहौल खराब हो रहा है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और शिक्षकों के हित में फैसला लेना चाहिए।

बरेली सांसद छत्रपाल गंगवार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। कहा- शिक्षकों की गरिमा और विश्वसनीयता को ध्यान में रखते हुए डिजिटल अटेंडेंस पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।

भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने भी सीएम को चिट्ठी लिखी। उन्होंने पूछा- आखिर दिन-ब-दिन सरकार की छवि क्यों खराब हो रही है?

मीटिंग से पहले शिक्षक संघ के लोगों ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा था।

मीटिंग से पहले शिक्षक संघ के लोगों ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा था।

शिक्षक विरोध क्यों कर रहे थे?

  • टीचरों को टैबलेट चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है।
  • गांवों में अक्सर नेटवर्क की समस्या रहती है। इससे अटेंडेंस लगाने में परेशानी आएगी।
  • टैबलेट अगर खराब हो गया तो उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा।
  • कई शिक्षक दूर से स्कूलों में पढ़ाने के लिए आते हैं। वे ट्रैफिक जाम में फंस जाएंगे तो क्या होगा?
  • शिक्षकों पर टैबलेट में हाजिरी लगवाने का दबाव बना रहेगा, इसलिए जल्दबाजी में स्कूल पहुंचने में हादसे का भी डर रहेगा।

बायोमेट्रिक अटेंडेंस क्या है?
बायोमेट्रिक्स जैविक माप (बायोलॉजिकल मेजरमेंट) है। इससे किसी भी व्यक्ति की पहचान की जा सकती है। इसके लिए फिंगर प्रिंट, फेस रिकग्निशन, रेटिना स्कैन किया जाता है। शिक्षकों के मामले में फेस रिकग्निजेशन के जरिए हाजिरी लगाने का प्रावधान है।

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यूपी के प्राइमरी स्कूलों में 8 जुलाई से शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाजिरी का आदेश जारी हुआ। शिक्षक इसके विरोध में उतर आए। धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद सरकार ने आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया। पढ़ें पूरी खबर