यूपी पुलिस पेपर लीक की 900 पेज में कहानी: 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट; अखिलेश बोले-गुजरात जाकर संपत्ति जब्त की जाए – Lucknow News

पेपर लीक होने के बाद छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया था।

यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में STF ने शुक्रवार को चार्जशीट कोर्ट में पेश की। यूपी STF की मेरठ यूनिट ने मास्टरमाइंड रवि अत्री समेत 18 आरोपियों के खिलाफ 900 पेज की चार्जशीट दाखिल की।

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चार्जशीट में रवि अत्री और राजीव नयन मिश्रा के साथ लॉजिस्टिक्स कंपनी TCI एक्सप्रेस के कर्मचारी शिवम गिरी, रोहित पांडे, अभिषेक शुक्ला और दिल्ली पुलिस के सिपाही विक्रम पहल का भी नाम है।

वहीं पेपर प्रिंट करने वाली कंपनी एजुटेस्ट के मालिक विनीत आर्य और उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम भी लीक कांड से जुड़े हैं। विनीत आर्य ने कोर्ट में डिक्लेरेशन देकर कहा कि पेपर छापने का टेंडर मिलने से पहले उन्हें किनारे कर दिया गया।

STF की जांच में सामने आया है कि जिन लोगों के पास कंपनी का मालिकाना हक था वह भी विनीत आर्य के पारिवारिक सदस्य हैं। STF चार बार विनीत आर्य को नोटिस भेज चुकी है। पेपर छापने वाली कंपनी एजुटेस्ट को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।

विनीत आर्य ने बिहार में पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी के बाद एजुटेस्ट नाम की नई प्रिंटिंग कंपनी खोली थी।

विनीत आर्य ने बिहार में पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी के बाद एजुटेस्ट नाम की नई प्रिंटिंग कंपनी खोली थी।

केस डायरी में विनीत आर्य संदेह के घेरे में
STF की जांच में पता चला है कि विनीत आर्य का अभी तक किसी गैंग से कोई कनेक्शन तो नहीं है, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। STF ने सबूत जुटाए हैं। इसी के आधार पर STF कोर्ट में पैरवी करेगी।

18 आरोपियों के खिलाफ 900 पन्ने की चार्टशीट
18 आरोपियों के खिलाफ 900 पन्ने की रिपोर्ट CJM कोर्ट में दाखिल की गई है। आरोपियों में पेपर लीक के मुख्य आरोपी रवि अत्री, राजीव नयन मिश्रा, लॉजिस्टिक्स कंपनी TCI एक्सप्रेस के कर्मचारी शिवम गिरी, रोहित पांडे, अभिषेक शुक्ला और दिल्ली पुलिस में सिपाही विक्रम पहल का नाम शामिल है।

STF का दावा है कि मानेसर के एक रिसॉर्ट में 1000 से ज्यादा अभ्यर्थियों को UP पुलिस भर्ती का पेपर पढ़कर सुनाया गया था।

STF का दावा है कि मानेसर के एक रिसॉर्ट में 1000 से ज्यादा अभ्यर्थियों को UP पुलिस भर्ती का पेपर पढ़कर सुनाया गया था।

18 आरोपियों की हुई है गिरफ्तारी
STF ने कंकरखेड़ा थानाक्षेत्र में 5 मार्च 2024 को छह आरोपियों दीपक उर्फ दीप, बिट्टू, प्रवीण, रोहित उर्फ ललित, साहिल और नवीन को गिरफ्तार किया। कंकरखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद खुलासा हुआ कि गुरुग्राम मानेसर और मध्यप्रदेश के रीवा स्थित रिसोर्ट में कुल 1200 अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया गया।

12 मार्च को महेंद्र निवासी जींद, हरियाणा को दबोचा गया। अभिषेक शुक्ला, रोहित पांडेय और शिवम गिरी को भी गिरफ्तार किया गया। मानेसर के रिसॉर्ट मालिक सतीश धनखड़ को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया। खुलासा हुआ पेपर रवि अत्री गैंग ने अहमदाबाद स्थित कंपनी के वेयरहाउस से लीक कराया था।

एसटीएफ ने रवि अत्री, विक्रम पहल, राजीव नयन मिश्रा, डॉ शुभम मंडल, शिवम गिरी, रोहित, अभिषेक शुक्ला समेत कुल 18 आरोपियों की गिरफ्तार की।

अब आपको बताते हैं कैसे हुआ पेपर लीक

कंपनी के वेयर हाउस तक थी जालसाजों की पहुंच
यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल परीक्षा के पेपर लीक के मुख्य आरोपी रवि अत्री ने राजीव नयन मिश्रा के माध्यम से पता लगाया था कि पेपर छपाई का काम किस कंपनी को दिया जाएगा। उसने पहले एजुटेस्ट प्रिंटिंग प्रेस के एक कर्मचारी को पैसे देकर अपने साथ मिलाया। फिर उससे ये पता लगाया कि पेपर को यूपी तक पहुंचाने का जिम्मा किस कंपनी के पास है। उसका वेयर हाउस कहां है, जहां पेपर के बॉक्स रखे जाएंगे।

ट्रांसपोर्ट कंपनी का पता लगते ही बिछाया जाल
रवि अत्री को पता चल गया कि अहमदाबाद के प्रिंटिंग प्रेस से छपाई के बाद पेपर को ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (TCI) के द्वारा यूपी भेजा जाएगा। उससे पहले इसे कंपनी के वेयर हाउस में रखा जाएगा। इसके लिए रवि अत्री ने TCI के कर्मचारी प्रयागराज के अभिषेक शुक्ला से संपर्क किया। लेकिन अभिषेक ने कुछ समय पहले ही वहां से नौकरी छोड़ दी थी। उसने वहां काम करने वाले 2 कर्मचारी शिवम गिरि और रोहित पांडे को पैसे का लालच दिया और रवि अत्री से मिलवाया। रवि ने उनके साथ मिलकर पूरा प्लान तैयार किया।

बिहार से भेजा गया था बॉक्स खोलने वाला एक्सपर्ट
ट्रांसपोर्ट कंपनी के वेयर हाउस में सेटिंग होने के बाद रवि अत्री ने अपने साथी राजीव नयन मिश्रा से संपर्क किया। बॉक्स खोलने वाले एक्सपर्ट की तलाश शुरू की। दोनों के पहले से ही बिहार के पेपर लीक माफिया संजीव सिंह उर्फ मुखिया से संबंध थे। संजीव के बेटे डॉ. शिवकुमार ने अपने दोस्त डॉ. शुभम मंडल से पेपर के बॉक्स खोलने की बात की। 15 लाख में सौदा तय हुआ और डॉ. शुभम पेपर बॉक्स खोलने के लिए राजी हो गया।

फ्लाइट से पहुंचा अहमदाबाद, वहां से लीक हुआ पेपर
डॉ. शुभम मंडल फ्लाइट से अहमदाबाद पहुंचा और वहां उसे अभिषेक शुक्ला ने एयरपोर्ट से कंपनी के वेयर हाउस तक पहुंचाया। कंपनी के वेयर हाउस में काम करने वाले दो कर्मचारी शिवम गिरि और रोहित पांडे वहां पहले से ही मौजूद थे। दोनों ने शुभम को अंदर पहुंचाया।

डॉ. शुभम मंडल ने पेचकस की सहायता से बॉक्स से पेपर निकाला और मोबाइल से फोटो खींच कर रवि अत्री को भेज दिया। इसके बाद सावधानी से बॉक्स बंद कर दिया, ताकि किसी को उसका शक न हो।

अखिलेश ने X पर लिखा- गुजरात जाकर कंपनी की संपत्ति जब्त की जाए
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X पर लिखा- ये आरोप बेहद गंभीर हैं कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करवाने वाली गुजरात की कंपनी का ही, पेपर लीक करवाने में हाथ है। उसका मालिक जब विदेश भाग गया। इसके बाद ही उप्र सरकार ने उसके बारे में जनता को बताया। जनता के गुस्से से बचने के लिए दिखाने भर के लिए उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया।