महिला के दिमाग में गांठ थी, ऑपरेशन कर निकाली: सिर पर जूड़े जैसी दिखती थी, दर्द भी नहीं होता था

27 मिनट पहले

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इस MRI स्कैन में महिला के दिमाग में हुई गांठ दिख रही है। - Dainik Bhaskar

इस MRI स्कैन में महिला के दिमाग में हुई गांठ दिख रही है।

बेंगलुरु के डॉक्टर्स ने एक 52 साल की महिला के सिर पर उग रही जूड़े जैसी दिखने वाली गांठ को निकाल दिया है। ये गांठ 6 इंच लंबी, 4 इंच चौड़ी और 5 इंच मोटी थी। इसमें फैटी मॉलिक्यूल्स (वसायुक्त जैसे अणुओं) बाल और तरल पदार्थ भरा हुआ था।

डॉक्टरों के मुताबिक, इसमें अलग-अलग साइज की केराटिन बॉल भी मौजूद थीं। केराटिन प्रोटीन बालों, नाखूनों और त्वचा की बाहरी परत बनाने में मदद करता है।

साइंस की भाषा में इस गांठ को डर्मोइड सिस्ट कहा जाता है। यह भ्रूण कोशिकाओं से विकसित होते हैं और इनमें बाल, दांत या नर्व्स हो सकती हैं। ये दिमाग, गले, ओवरी के अलावा शरीर में कहीं भी हो सकते हैं।

ये महिला के ऑपरेशन के दौरान लिए गए MRI स्कैन की तस्वीर है। 80% से ज्यादा डर्मोइड सिस्ट सिर और गर्दन पर होते हैं।

ये महिला के ऑपरेशन के दौरान लिए गए MRI स्कैन की तस्वीर है। 80% से ज्यादा डर्मोइड सिस्ट सिर और गर्दन पर होते हैं।

बचपन से मौजूद थी गांठ
श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों ने हाल ही में रेडियोलॉजी जर्नल में इस मामले के बारे में जानकारी दी।

डॉक्टरों ने बताया कि महिला को ये गांठ बचपन से ही हो रही थी। इसमें दर्द नहीं होता। ये वक्त के साथ बढ़ती जाती है। इस वजह से महिला ने अब तक इलाज नहीं करवाया था। हालांकि, महिला इतने समय बाद इलाज करवाने क्यों गई, इस बारे में नहीं बताया गया।

डॉक्टरों के मुताबिक, अगर गांठ में दर्द नहीं है तो लोगों को सिर्फ इस मॉनिटर करवाते रहना चाहिए। लेकिन अगर गांठ दर्द का कारण बन जाए, रंग बदलने लगे या फिर फट जाए तो खतरा हो सकता है। ऐसे में सर्जरी करवा लेनी चाहिए।

धीरे-धीरे बढ़ते हैं डर्मोइड सिस्ट
डॉक्टर्स का कहना है कि डर्मोइड सिस्ट शरीर में कहीं भी विकसित हो सकते हैं। लेकिन गर्दन, चेहरे, सिर या पीठ के निचले हिस्से में उनके बनने की संभावना ज्यादा होती है। ये ओवरी में भी पाए जा सकते हैं। आम तौर पर ये कैंसरमुक्त होते हैं और धीरे-धीरे बढ़ते हैं।

5 तरह के डर्मोइड सिस्ट

  • पेरिऑरबिटल डर्मोइड सिस्ट

इस तरह का सिस्ट आमतौर पर बाईं या दाईं भौंहों के बाहरी किनारे के पास बनता है। अक्सर जन्म के समय मौजूद, ये सिस्ट जन्म के कई महीनों या सालों बाद स्पष्ट हो भी सकते हैं और नहीं भी। इनके शायद ही कोई लक्षण दिखते हैं और इनसे कोई खतरा नहीं होता।

  • ओवेरियन डर्मोइड सिस्ट

ओवेरियन डर्मोइड सिस्ट ओवरी में या उसके आसपास विकसित होते हैं। अन्य तरह के ओवेरियन के सिस्ट के उलट, ये सिस्ट आमतौर पर हिला के मासिक धर्म चक्र (मेंस्ट्रुअल साइकिल) से संबंधित नहीं होते हैं।

ओवेरियन डर्मोइड सिस्ट जन्मजात होता है। हालांकि, सालों बाद तक इसका पता नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि इसके कोई लक्षण नहीं होते, न ही कोई खतरा होता है।

  • स्पाइनल डर्मोइड सिस्ट

स्पाइनल डर्मोइड सिस्ट रीढ़ की हड्डी में होते हैं। ये काफी धीमी गति से होते हैं। ये सिस्ट फैलते नहीं हैं और कैंसर रहित होते हैं। हालांकि, ये रीढ़ की हड्डी को संकुचित (श्रिंक) करके समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

  • एपिबलबर डर्मोइड सिस्ट

ये डर्मोइड सिस्ट गुलाबी या पीले रंग के हो सकते हैं। इनका आकार कुछ मिलीमीटर से लेकर एक सेंटीमीटर से ज्यादा तक हो सकता है।

  • इंट्राक्रैनील डर्मोइड सिस्ट

इंट्राक्रैनील डर्मोइड सिस्ट घाव की तरह होते हैं। ये दिमाग में धीमी गति से बढ़ने वाले जन्मजात सिस्ट होते हैं। इनके फटने के बाद समस्या पैदा हो सकती है।