महाराष्ट्र में पैर की जगह प्राइवेट पार्ट की सर्जरी: 9 साल का लड़का खेलते समय जख्मी हुआ था; मेडिकल ऑफिसर बोले- दिक्कत थी इसलिए ऑपरेशन किया

मुबंई11 घंटे पहले

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बच्चे को 15 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने हाल ही में जख्मी पैर की जगह उसके प्राइवेट पार्ट की सर्जरी की। - Dainik Bhaskar

बच्चे को 15 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने हाल ही में जख्मी पैर की जगह उसके प्राइवेट पार्ट की सर्जरी की।

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के शाहपुर स्थित सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही उजागर हुई है। यहां एक कपल अपने 9 साल के बेटे के पैर का इलाज करवाने पहुंचे थे। हालांकि, डॉक्टरों ने पैर की जगह उसके प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन कर दिया।

कपल ने इसकी शिकायत की तो मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि डॉक्टरों ने कुछ भी गलत नहीं किया है। बच्चे के प्राइवेट पार्ट में दिक्कत थी। इसलिए सर्जरी की गई है। हो सकता है कि डॉक्टर ऑपरेशन के बारे में माता-पिता को बताना भूल गए होंगे या उन्होंने गलती से किसी दूसरे मरीज के रिश्तेदार को बता दिया होगा।

हालांकि, बच्चे के माता-पिता ने डॉक्टरों की सफाई को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने शाहपुर ​​​​​​पुलिस से मामले की शिकायत की है। हालांकि, अभी मामला दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जिला सिविल सर्जन डॉ. कैलाश पवार ने मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया है।

मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि एक ही दिन एक उम्र के दो बच्चों की सर्जरी हुई थी। इसलिए पेरेंट्स को बताने में कन्फ्यूजन हुआ होगा।

मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि एक ही दिन एक उम्र के दो बच्चों की सर्जरी हुई थी। इसलिए पेरेंट्स को बताने में कन्फ्यूजन हुआ होगा।

15 जून को अस्पताल में भर्ती हुआ था बच्चा
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, बच्चे के पेरेंट्स ने बताया कि उनका बेटा पिछले महीने अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान उसके पैर में चोट लग गई। बच्चे को 15 जून को शाहपुर के उप-जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों ने हाल ही में घायल पैर की जगह उसके प्राइवेट पार्ट की सर्जरी कर दी। बाद में डॉक्टरों को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने बच्चे के घायल पैर की सर्जरी की।

मेडिकल ऑफिसर बोले- उसी दिन एक और लड़के की सर्जरी हुई थी
अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर गजेंद्र पवार ने मीडिया को बताया कि पैर में चोट के अलावा बच्चे को फिमोसिस (चमड़ी में कसाव) की समस्या भी थी। इसलिए डॉक्टरों ने उसका दो ऑपरेशन किया। डॉक्टरों ने जो किया वह सही था। इसमें कुछ भी गलत नहीं था।

मेडिकल ऑफिसर से जब पूछा गया कि इसके बारे में माता-पिता को जानकारी क्यों नहीं दी गई। इस पर मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि हो सकता है कि डॉक्टर उन्हें बताना भूल गए होंगे या उन्होंने किसी दूसरे मरीज के रिश्तेदार को बता दिया होगा। क्योंकि उसी दिन अस्पताल में उसी उम्र के एक और लड़के की सर्जरी की गई थी।

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