मराठा आरक्षण के लिए जरांगे का विरोध मार्च नवी-मुंबई पहुंचा: मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल की तैयारी; पुलिस ने इजाजत देने से इनकार किया

मुंबई2 घंटे पहले

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मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल का विरोध मार्च शुक्रवार (26 जनवरी) को नवी मुंबई पहुंचा। जरांगे सुबह 5 बजे 4 लाख मराठा ​​​​​कार्यकर्ताओं के साथ नवी मुंबई के एपीएमसी बाजार पहुंचे। यहां उन्होंने ध्वजारोहण किया। जरांगे इसके बाद मुंबई जाएंगे।

उन्होंने 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक के लिए पदयात्रा शुरू की थी। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में जरांगे ​​​​​​​भूख हड़ताल करने वाले हैं। हालांकि, मुंबई पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है। जरांगे ने मुंबई के आजाद मैदान या शिवाजी पार्क में प्रदर्शन की परमिशन मांगी थी।

पुलिस ने प्रदर्शन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी
मुंबई पुलिस ने जरांगे को नवी मुंबई के इंटरनेशनल कॉरपोरेट पार्क में प्रदर्शन करने का सुझाव दिया था। पुलिस ने गुरुवार (25 जनवरी) को जरांगे को नोटिस जारी किया था। इसमें कहा गया कि आजाद मैदान की कैपेसिटी 5 से 6 हजार प्रदर्शनकारियों को बैठाने की है। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के आने से वहां जगह कम पड़ जाएगी।

वहीं शिवाजी पार्क में गणतंत्र दिवस को लेकर कई कार्यक्रम होंगे। पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि अगर प्रदर्शनकारी नहीं माने तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, जरांगे मुंबई में प्रदर्शन पर अड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए आगे आकर चर्चा करनी चाहिए। इस बीच सरकार के प्रतिनिधि भी लगातर जरांगे के संपर्क में हैं।

ग्राफिक्स के जरिए जरांगे के विरोध प्रदर्शन का रूट समझिए ….

पिछले आंदोलन में 29 लोगों ने सुसाइड की थी
इससे पहले 25 अक्टूबर 2023 को मनोज जरांगे ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल शुरू की थी। मांग वही, मराठा समुदाय को OBC का दर्जा देकर आरक्षण दिया जाए। 9 दिनों में आंदोलन से जुड़े 29 लोगों ने सुसाइड कर लिया।

इसके बाद राज्य सरकार के 4 मंत्रियों धनंजय मुंडे, संदीपान भुमरे, अतुल सावे, उदय सामंत ने जरांगे से मुलाकात कर भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की। उन्होंने स्थायी मराठा आरक्षण देने का वादा किया। इसके बाद 2 नवंबर 2023 को मनोज जरांगे ने अनशन खत्म कर दिया। साथ ही सरकार को 2 जनवरी 2024 तक का समय दिया।

2 नवंबर 2023 को राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते मनोज जरांगे।

2 नवंबर 2023 को राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते मनोज जरांगे।

मंत्रियों ने आरक्षण देने का वादा किया था
कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने 2 नवंबर 2023 को कहा था कि विधानमंडल सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा। इस सत्र में 8 दिसंबर को मराठा आरक्षण पर चर्चा की जाएगी। जरांगे ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को स्थायी आरक्षण देने का वादा किया है। उन्होंने इसके लिए कुछ समय मांगा है। हम सबकी दिवाली मीठी बनाने के लिए सरकार को समय देंगे। अगर सरकार तय समय में आरक्षण नहीं देगी तो 2024 में हम फिर मुंबई में आंदोलन करेंगे।

सर्वदलीय बैठक में फैसला- मराठा आरक्षण मिलना चाहिए
महाराष्ट्र में CM एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में 1 नवंबर 2023 को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सहमति जताई कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना ही चाहिए। इस बैठक में शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे।

बैठक के बाद CM शिंदे ने कहा था- यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए। आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जरांगे से अपील है कि वो अनशन खत्म करें। हिंसा ठीक नहीं है।

ओबीसी समुदाय मराठाओं को कुनबी सर्टिफिकेट देने के खिलाफ
मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। इसके बाद मनोज जरांगे पाटिल समेत कई लोग दावा कर रहे हैं कि मराठा समाज मूल रूप से कुनबी जाति से है। यानी मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाता है तो आरक्षण मिलने पर उसे ओबीसी कोटे से लाभ मिल जाएगा।

फिलहाल राज्य में ओबीसी कोटे से आरक्षण 19 फीसदी है। ओबीसी समुदाय के संगठनों का मानना ​​है कि अगर इसमें मराठा समुदाय को भी शामिल किया गया तो आरक्षण का फायदा नए लोगों को मिलेगा। हमारा विरोध मराठा आरक्षण से नहीं बल्कि उन्हें ओबीसी से आरक्षण देने को लेकर है।

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