मणिपुर हिंसा के अब 27 केस CBI के पास: इनमें 19 मामले महिलाओं पर अत्याचार के; संदिग्धों और पीड़ितों से पूछताछ जारी

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इंफाल6 घंटे पहले

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राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा में 160 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। - Dainik Bhaskar

राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा में 160 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।

मणिपुर हिंसा के 27 केस अब CBI के पास हैं। इनमें महिलाओं पर अत्याचार से जुड़े 19 मामले हैं। इसके अलावा जांच एजेंसी के पास थानों से हथियारों की लूट से जुड़े 3 और हत्या के दो मामले हैं।

न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि CBI अफसरों की जांच जारी है। उन्होंने कई संदिग्धों और पीड़ितों से पूछताछ की है।

मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जारी हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। वहीं हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग बेघर हैं। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मणिपुर में 6,523 FIR दर्ज की गई हैं।

CBI को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा
अधिकारियों ने कहा कि राज्य में समाज जातीय आधार पर बंटा हुआ है, ऐसे में जांच एजेंसी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। CBI पर पक्षपात का आरोप भी लग सकता है कि वो एक समुदाय से मिली हुई है। ऐसे में बेहद गंभीरता के साथ आगे की जांच की जा रही है।

आदिवासी एकता समिति ने भी PM मोदी के नाम लिखी एक चिट्‌ठी में AFSPA लागू करने और कुकी समुदाय के कुछ लोगों के खिलाफ की गई FIR रद्द करने की मांग की है।

आदिवासी एकता समिति ने भी PM मोदी के नाम लिखी एक चिट्‌ठी में AFSPA लागू करने और कुकी समुदाय के कुछ लोगों के खिलाफ की गई FIR रद्द करने की मांग की है।

मणिपुर हिंसा की जांच CBI के 53 अफसर कर रहे
मणिपुर हिंसा के मामलों की जांच CBI के 53 अफसर कर रहे हैं, जिनमें 29 महिलाएं शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यह अपनी तरह का पहला मोबिलाइजेशन है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में महिला अधिकारियों को एक साथ सर्विस में तैनात किया गया है।

SIT की 42 टीमें हिंसा के मामलों की जांच करेंगी
सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त को कहा था कि मणिपुर में हिंसा से जुड़े मामलों की 42 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमें (SIT) जांच करेंगी। इन SIT के काम की निगरानी DIG रैंक का अफसर करेगा। ये अफसर मणिपुर के बाहर का होगा। DIG रैंक का एक अफसर 6 SIT की निगरानी करेगा। इन SIT की जिले के आधार पर नियुक्ति होगी।

यह तस्वीर 13 जून की है। इस दिन मणिपुर में कई जगहों पर कुकी लोगों ने मैतई अफसरों और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था।

यह तस्वीर 13 जून की है। इस दिन मणिपुर में कई जगहों पर कुकी लोगों ने मैतई अफसरों और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था।

मणिपुर में मैतेई महिला से 3 मई को गैंगरेप, 9 अगस्त को FIR
मणिपुर के चुराचांदपुर की एक मैतेई महिला ने कुकी समुदाय के लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। घटना 3 मई की है, पुलिस ने 9 अगस्त को FIR दर्ज की है। महिला ने पुलिस को बताया कि उपद्रवियों ने उसके घर में आग लगा दी थी। विरोध करने पर गैंगरेप किया। समाज के डर से उसने अब तक अपने साथ हुई हैवानियत के बारे में किसी से बात नहीं की थी।

मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा मौतें
मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 3-5 मई के बीच 59 लोग, 27 से 29 मई के बीच 28 लोग और 13 जून को 9 लोगों की हत्या हुई थी। 16 जुलाई से लेकर 27 जुलाई तक हिंसा नहीं हुई थी।

4 पॉइंट्स में जानिए, मणिपुर हिंसा की वजह…
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतेई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नगा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।

नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।

सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।

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