मणिपुर में 5 मैतेई युवा गिरफ्तार: इन पर पुलिस की वर्दी पहनने और हथियार लूटने पर UAPA का मामला दर्ज; रिहाई के लिए प्रदर्शन शुरू

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इंफाल8 मिनट पहले

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पुलिस ने 18 सितंबर को पांचों मैतेई युवकों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने आंसू गैस के गोले दागे। - Dainik Bhaskar

पुलिस ने 18 सितंबर को पांचों मैतेई युवकों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने आंसू गैस के गोले दागे।

मणिपुर पुलिस ने शनिवार 16 सितंबर की रात राज्य पुलिस कमांडो की वर्दी में पांच मैतेई युवाओं को गिरफ्तार किया। पुलिस को इनके पास आधुनिक हथियार और गोला-बारूद का जखीरा भी मिला।

इंफाल के पोरम्पट थाने में दर्ज FIR के मुताबिक पुलिस ने 1 इंसास राइफल, 78 राउंड वाली 4 मैगजीन, 1 SLR, 50 राउंड वाली 3 मैगजीन, दो 3 नॉट 3 राइफल और एक बोलेरो बरामद की है।

राज्य पुलिस ने एक बयान में कहा कि मणिपुर पुलिस इस तरह की छापेमारी/अभियान चलाने और राज्य में शांति बहाल के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

राज्य में 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद से 175 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।

एक युवक पहले भी कई बार पकड़ा गया
कुछ युवाओं के प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े होने की पुष्टि भी हुई। दरअसल, गिरफ्तारी के बाद जारी बयान में पुलिस ने मोइरंगथेम आनंद सिंह का नाम लिया, जो केसीपी के एक गुट में जाने से पहले ट्रेंड पीएलए कैडर था। इस व्यक्ति को पहले भी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है।

मणिपुर के सिपाही सर्टो थांगथांग कॉम, जिनकी हत्या की गई थी, उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को चंदेल में उनके पैतृक गांव लितान में किया गया।

मणिपुर के सिपाही सर्टो थांगथांग कॉम, जिनकी हत्या की गई थी, उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को चंदेल में उनके पैतृक गांव लितान में किया गया।

600 युवाओं के पास हैं हथियार
टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे हथियारबंद युवाओं की संख्या 500 से 600 के बीच है। जून में उन बाजारों के बारे में भी खबर आई थी, जहां दर्जियों को पुलिस कमांडो की वर्दी सिलने का काम सौंपा गया था। साथ ही उन क्षेत्रों के नाम भी बताए गए थे जिन्हें मैतेई हथियारबंद युवाओं ने टागरेट पर रखा था।

फिलहाल ये लोग काकचिंग, थौबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में हैं। और जबरन वसूली कर रहे हैं। इसके अलावा कभी-कभार पहाड़ों और घाटी के बीच के बफर जोन से भी चुपचाप निकल जाते हैं।

हथियारबंद युवा काकचिंग, थौबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों के विभिन्न इलाकों में स्थित हैं और जबरन वसूली को अंजाम दे रहे हैं, इसके अलावा कभी-कभार पहाड़ों और घाटी के बीच के बफर जोन से भी चुपचाप निकल जाते हैं। पुलिस के कुछ हिस्से हमले और घात लगाने के लिए कुकी गांवों में प्रवेश कर रहे हैं।

वीडियो में पता चला वर्दी में मैतेई युवक थे
हाल ही में सामने आए वीडियो फुटेज से पता चला है कि पिछले दिनों पल्लेल और कांगपोकपी के कुकी गांवों में हमले करने वाले युवक राज्य पुलिस कमांडो के भेष में मैतेई उग्रवादी थे। मैतेई युवा फर्जी आईडी कार्ड ले जा रहे थे, तभी पता चला कि ये फर्जी पुलिस कर्मी हैं। इनके कारण राज्य में तैनात 15000 सैनिक, 12500 पैरामिलिट्री फोर्स और 3000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को ड्यूटी करने में परेशानी हो रही थी।

मणिपुर के अतिरिक्त गृह सचिव महाराबम प्रदीप ने इन पांचों की गिरफ्तारी के बारे में बताया।

मणिपुर के अतिरिक्त गृह सचिव महाराबम प्रदीप ने इन पांचों की गिरफ्तारी के बारे में बताया।

मैतेई उग्रवादियों के पास अभी भी 4 हजार हथियार
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि एके-सीरीज वाली बंदूकें, लाइट मशीन गन, मोर्टार, इंसास और एसएलआर जैसे कम से कम 4000 अत्याधुनिक हथियार अभी भी इम्फाल घाटी में मैतेई आतंकवादियों के पास हैं। हिंसा शुरू होने के बाद स्टेट आर्टिलरी से भारी मात्रा में गोला-बारूद और पांच लाख से ज्यादा कारतूसलूटे गए। जब तक ये सब ठीक नहीं हो जाता, मणिपुर में शांति एक दूर का सपना बनी रहेगी।

इतना ही नहीं मैतेई युवाओं ने म्यांमार में स्थित प्रतिबंधित मैतेई आतंकी संगठनों से स्नाइपर राइफल और मोर्टार जैसे लंबी दूरी के हथियार भी हासिल करना शुरू कर दिया है। एक वायरल वीडियो में पुलिस कमांडो की वर्दी में एक उग्रवादी को स्नाइपर ड्रैगुनोव ले जाते हुए दिखा था। जबकि मणिपुर पुलिस के पास ऐसे हथियार नहीं हैं। इसलिए, यह स्पष्ट है कि उन्हें म्यांमार से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार भी समर्थन मिल रहा है।

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