भोले बाबा बोला- होनी को कौन टाल सकता है: जो आया है उसे एक दिन जाना ही है; हाथरस हादसे के बाद पहली बार कासगंज आश्रम पहुंचा – Kasganj News

सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि ने न्यूज एजेंसी से बात की।

हाथरस हादसे के बाद सूरजपाल उर्फ भोले बाबा बुधवार को पहली बार अपने कासगंज आश्रम पहुंचा। उसके साथ पत्नी प्रेमवती और वकील एपी सिंह भी थे। भोले बाबा ने 2 जुलाई की घटना पर कहा- मैं बेहद दुखी हूं। लेकिन, होनी को कौन टाल सकता है? जो आया है, उसे एक दिन जाना

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भोले बाबा ने आगे कहा- हमारे वकील डॉ. एपी सिंह और प्रत्यक्षदर्शियों ने हमें एक ज़हरीले स्प्रे के बारे में बताया है। यह सच है कि इसमें कोई साज़िश है। हमें एसआईटी और न्यायिक आयोग पर भरोसा है और हमें उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी। अभी मैं अपनी जन्मभूमि बहादुर नगर, कासगंज में हूं।

कासगंज आश्रम में न्यूज एजेंसी से बात करता भोले बाबा।

कासगंज आश्रम में न्यूज एजेंसी से बात करता भोले बाबा।

भोले बाबा के आने की सूचना पर आश्रम पहुंची भीड़
हाथरस में हुए हादसे के बाद बाबा ने सत्संग करना बंद कर दिया था। वो लोगों के बीच भी नहीं जा रहे थे। हादसे के 15 दिन बाद वो फिर से सत्संग करने अपने कासगंज वाले आश्रम पहुंचा। आश्रम में पुलिस टीम तैनात थी।बाबा के आने की सूचना पर तमाम भक्त आश्रम पर पहुंच गए।

अपने सत्संग के दौरान बाबा ने भक्तों से कहा- हादसा होने के बाद चरण रज की बात का झूठा प्रचार किया गया। सिकंदराराऊ समेत किसी भी सत्संग में मैंने मंच से इस तरह की बात कभी नहीं कही है। मेरे खिलाफ भ्रामक प्रचार करने वालों की अपनी सोच है। जिन परिवारों की हानि हुई है, मेरे सहित आश्रम परिवार संकट की घड़ी में उनके साथ है।

देखिए आश्रम की 2 दो फोटो

ये भोले बाबा के कासगंज आश्रम की फोटो है। बाबा के तमाम अनुयायी पहुंचे हैं।

ये भोले बाबा के कासगंज आश्रम की फोटो है। बाबा के तमाम अनुयायी पहुंचे हैं।

बाबा के अनुयायी आश्रम के बाहर झुककर प्रणाम करते दिखे।

बाबा के अनुयायी आश्रम के बाहर झुककर प्रणाम करते दिखे।

बाबा का नाम सुनते ही उसके भक्त आश्रम पर पहुंच गए

हाथरस में हुए हादसे के बाद बाबा ने सत्संग करना बंद कर दिया था। वो लोगों के बीच भी नहीं जा रहे थे। हादसे के 15 दिन बाद वो फिर से सत्संग करने अपने कासगंज वाले आश्रम पहुंचा। जिसके बाद भारी पुलिस टीम मौके पर पहुंची। बाबा का नाम सुनते ही उसके भक्त आश्रम पर पहुंच गए।

अपने सत्संग के दौरान बाबा ने भक्तों से कहा, हादसा होने के बाद चरण रज की बात का झूठा प्रचार किया गया। सिकंदराऊ समेत किसी भी सत्संग में मैंने मंच से इस तरह की बात कभी नहीं कही है। मेरे खिलाफ भ्रामक प्रचार करने वालों की अपनी सोच है। जिन परिवारों की हानि हुई है, मेरे सहित आश्रम परिवार संकट की घड़ी में उनके साथ है।

बाबा के वकील ने घटना को बताया था सुनियोजित

बता दें, दो जुलाई को हाथरस में सिकंदराराऊ के गांव फुलरई में भोले बाबा के सत्संग में हुई घटना में 123 लोगों की जान चली गई थी। कई लोग घायल भी हो गए थे। इस मामले में साकार हरि ऊर्फ भोले बाबा के वकील डॉ. एपी सिंह ने मामले की जांच कर रही कमेटी को शिकायत की कॉपी दी है।

वकील एपी सिंह ने घटना को सुनियोजित बताया था। इसके साथ ही वकील एपी सिंह ने दावा किया था कि हाथरस घटना में जो लोग घायल हुए हैं और जो भी लोग वहां मौजूद थे, उसमें से कुछ लोगों ने साजिशकर्ताओं और उनकी गाड़ी को पहचान लिया है।

ये भोले बाबा और उनकी पत्नी की फोटो है।

ये भोले बाबा और उनकी पत्नी की फोटो है।

पढ़िए कौन है..साकार हरि बाबा-

भोले बाबा उर्फ सूरज पाल एटा जिले के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई एटा जिले में हुई। वह कांशीराम नगर में पटियाली गांव के रहने वाले हैं। बचपन में पिता के साथ खेती-किसानी करते थे। जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए। उनकी पोस्टिंग यूपी के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही।

भोले बाबा अपने समागम में दावा करते हैं- 18 साल की नौकरी के बाद उन्होंने 90 के दशक में VRS ले लिया। हालांकि, सच इससे बिलकुल अलग है। यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान 28 साल पहले बाबा इटावा में भी पोस्टेड रहे।

नौकरी के दौरान यौन शोषण का मुकदमा लिखे जाने के बाद उन्हें पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया। जेल से छूटने के बाद उन्होंने अपना नाम और पहचान बदल लिया। और बाबा बन गए।

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जिस बाबा के सत्संग में 122 मौत, वो कौन हैं: सफेद सूट-बूट पहचान, खुद की आर्मी; यूपी पुलिस से बर्खास्त हुए तो बाबा बने

उनकी पत्नी भी समागम में साथ रहती हैं। वह किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनते। वह अपने सत्संग में सफेद सूट और सफेद जूते में नजर आते हैं। कई बार कुर्ता-पैजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करने पहुंचते हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर