भास्कर ओपिनियन- लोकसभा चुनाव: तब कुल 36 करोड़ आबादी थी, अब 97 करोड़ वोटर्स हैं

1 घंटे पहले

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लोकसभा चुनाव शनिवार को घोषित होने वाले हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में क़रीब 97 करोड़ लोग वोटिंग करेंगे। इस बार 18 से 29 साल तक की उम्र के तक़रीबन दो करोड़ नए वोटर्स जुड़े हैं। 1951-52 में जब आज़ाद भारत की पहली लोकसभा के चुनाव हुए, तब देश की आबादी कुल 36 करोड़ ही थी। वोटर्स तो मात्र 17.3 करोड़ ही थे। तब वोट करने की न्यूनतम उम्र 21 साल थी। फ़िलहाल यह न्यूनतम उम्र 18 साल है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में वोट देने की उम्र 21 से घटाकर 18 की गई थी।

पहले चुनाव में लोकसभा में 489 सीटें हुआ करती थीं। अब 543 सीटें हैं। लोकसभा के पहले दो चुनावों में कोई आदर्श आचार संहिता नहीं थी। तब नेता- राजनेता नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति काफ़ी सजग थे। वे आज के नेताओं की तरह उकसाने वाले भाषण नहीं देते थे। वे आज के नेताओं की तरह आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली बातों से बचते थे।

समय की ज़रूरत के हिसाब से कुछ राजनीतिक दलों ने 1962 में खुद ही एक आदर्श आचार संहिता बनाई और चुनाव आयोग से कहा था कि आप इसका पालन करवाइए। आज के नेता तो चाहते ही नहीं कि कोई आचार संहिता हो या बननी चाहिए। वे तो खुले मन से हर वक्त घोषणाओं के तीर चलाने को लालायित रहते हैं।

पहली बार 1982 में केरल के विधानसभा चुनाव के दौरान EVM का ट्रायल रन हुआ था।

पहली बार 1982 में केरल के विधानसभा चुनाव के दौरान EVM का ट्रायल रन हुआ था।

ख़ैर, समय रहते चुनावों में कई तरह के विकार भी आए और चुनाव प्रक्रिया में कई तरह के सुधार भी किए गए। पहले पर्चियों के ज़रिए वोट डाले जाते थे और उन्हें गिनने में हफ़्ता लग ज़ाया करता था। अब तो ईवीएम के ज़रिए वोटिंग होती है। बुजुर्ग मतदाताओं को घर बैठे वोट करने की सहूलियत दी जा रही है। अब वोटों की गिनती इतनी आसान हो गई है कि मतगणना के दिन दोपहर तक ही स्थिति साफ़ हो ज़ाया करती है। गिनती शुरू होने के चार- पाँच घंटों के भीतर ही पता चल जाता है कि कौन सा राजनीतिक दल कितने पानी में है। किसकी सरकार बनेगी और कौन हार रहा है!

ख़ैर देर से ही सही, चुनाव आयोग में आयुक्तों के दो ख़ाली पद भर लिए गए हैं। 15 मार्च को दोनों नए चुनाव आयुक्तों ने अपना पद संभाल लिया है। अब तक तारीख़ों का अता- पता नहीं था लेकिन अब घोषणा कर दी गई है कि शनिवार, 16 मार्च को दोपहर तीन बजे मतदान की तारीखें घोषित कर दी जाएंगी और इसी दिन से देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी।

जहां तक राजनीतिक दलों की तैयारियों का सवाल है, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अब तक अपने- अपने प्रत्याशियों की दो- दो सूचियाँ जारी कर चुकी हैं। प्रत्याशियों की घोषणा में अब तक तो भाजपा सबसे आगे चल रही है। उसने ढाई सौ से ज़्यादा प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं जबकि कांग्रेस के घोषित प्रत्याशियों की संख्या सौ के भीतर ही है।

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