भास्कर ओपिनियन: पोते प्रज्वल के मामले में एक महीने की नींद के बाद जागे देवगौडा

7 मिनट पहले

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राजनीति में जितना लम्पट कोई हो सकता है, उतना किसी और प्रोफ़ेशन में संभव तक नहीं है। राजनीति में न उम्र का कोई बंधन है और न ही नैतिकता के किसी आधार पर कोई रोक- टोक। कई महिलाओं का बलात्कार करने और उनका वीडियो बनाने के बाद एक युवा सांसद विदेश भाग जाता है और उसके दादा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा चुप्पी साधे बैठे रहते हैं।

न इस मामले में उन्होंने कोई नैतिकता दिखाई और न ही ज़िम्मेदार राजनीतिज्ञ होने का परिचय दिया। पोते प्रज्वल रेवन्ना के विदेश भाग जाने के लगभग एक महीने के बाद अब देवगौडा ने मुँह खोला है कि मैं प्रज्वल से कहना चाहता हूँ कि तुरंत देश लौटें और जाँच का सामना करें।

26 अप्रैल को कर्नाटक में हासन सीट पर वोटिंग थी, इसके बाद ही प्रज्वल देश छोड़कर चले गए।

26 अप्रैल को कर्नाटक में हासन सीट पर वोटिंग थी, इसके बाद ही प्रज्वल देश छोड़कर चले गए।

अगर प्रज्वल ने मेरी बात नहीं मानी तो उसे पूरे परिवार के ग़ुस्से का सामना करना पड़ेगा। देवगौडा ने यह भी कहा कि हमारा परिवार जाँच के कार्य में किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। अगर देवगौडा साहब को क़ानून और जाँच और न्याय व्यवस्था पर इतना ही भरोसा है तो पोते को देश से भागने ही क्यों दिया?

सवाल यह है कि परिवार की दुहाई देने वाले नेताजी से क्या भागने से पहले प्रज्वल ने सलाह- मशविरा नहीं किया होगा? ज़रूर किया ही होगा लेकिन इसके किसी के पास कोई सबूत तो हो नहीं सकते। लगता तो यह भी है कि कोई बड़ा आश्वासन मिलने पर ही देवगौडा ने पोते से देश लौटने की अपील की होगी। वर्ना एक महीने से मुँह में दही जमाए क्यों बैठे रहते?

मामला यह है कि सांसद रहते हुए प्रज्वल ने घर में काम करने वाली युवती सहित कई महिलाओं के साथ ग़लत काम किया। किसी के साथ ज़बर्दस्ती और किसी के साथ मर्ज़ी से रिश्वत के रूप में। दरअसल रिश्वत में अस्मत का यह देश का सबसे बड़ा और अनोखा मामला है। महिलाओं की अस्मत लूटकर उन्हें अलग- अलग विभागों में नौकरी दी गई।

सांसद रहते हुए प्रज्वल ने घर में काम करने वाली युवती सहित कई महिलाओं के साथ ग़लत काम किया।

सांसद रहते हुए प्रज्वल ने घर में काम करने वाली युवती सहित कई महिलाओं के साथ ग़लत काम किया।

पहचान उजागर होने के डर से कई महिलाएँ अपना मुँह खोलने को तैयार नहीं है। इसके अलावा कर्नाटक के सबसे बड़े इस राजनीतिक परिवार का डर भी उन्हें सता रहा है।

यह मामला पहली बार तब उजागर हुआ जब देवगौडा परिवार के घर काम करने वाली एक महिला ने प्रज्वल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। इस बीच कर्नाटक सरकार लगातार केंद्र सरकार से माँग कर रही है कि कई महिलाओं का यौन शोषण करने वाले प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट तुरंत रद्द किया जाए।