भारत ने नॉर्दर्न सेक्टर में तैनात किए हमलावर ड्रोन्स: लॉन्ग रेंज मिसाइलों से अटैक कर सकेंगे; एक ही उड़ान में चीन-पाकिस्तान की निगरानी करेंगे

9 मिनट पहले

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ये ड्रोन्स एक बार में 36 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं। इनसे एक ही उड़ान में कई मिशनों को अंजाम दिया जा सकता है। - Dainik Bhaskar

ये ड्रोन्स एक बार में 36 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं। इनसे एक ही उड़ान में कई मिशनों को अंजाम दिया जा सकता है।

भारत ने नॉर्दर्न सेक्टर के फॉरवर्ड एयरबेस पर एडवांस्ड हेरोन मार्क-2 ड्रोन तैनात किए हैं। ये ड्रोन्स लॉन्ग रेंज मिसाइलों से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम हैं। इसके अलावा एक ही उड़ान में चीन-पाकिस्तान दोनों सीमाओं की निगरानी भी कर सकते हैं।

ड्रोन स्क्वाड्रन के कमांडिग ऑफिसर विंग कमांडर पंकज राणा ने बताया कि ये ड्रोन्स एक बार में 36 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं। इनसे एक ही उड़ान में कई मिशनों को अंजाम दिया जा सकता है और एक साथ कई सेक्टरों पर निगाह रखी जा सकती है।

एक दिन पहले ही इंडियन एयरफोर्स ने श्रीनगर एयरबेस पर एडवांस्ड मिग-29 फाइटर जेट की स्क्वाड्रन तैनात की है। नॉर्थन सेक्टर में मिग-29 और हेरोन मार्क-2 ड्रोन तैनात होने से सेना की ताकत बढ़ेगी।

मॉर्डन एवियोनिक्स और इंजन की वजह से ड्रोन का ऑपरेशनल टाइम बढ़ा है। ये सैटेलाइट कम्युनिकेशन से भी लैस हैं।

मॉर्डन एवियोनिक्स और इंजन की वजह से ड्रोन का ऑपरेशनल टाइम बढ़ा है। ये सैटेलाइट कम्युनिकेशन से भी लैस हैं।

टारगेट की 24 घंटे निगरानी कर सकता है ड्रोन
विंग कमांडर पंकज राणा ने बताया- हेरोन मार्क-2 बहुत सक्षम ड्रोन है। यह लंबे समय तक टिकने में सक्षम है और बड़े इलाके में निगरानी कर सकता है। मॉर्डन एवियोनिक्स और इंजन की वजह से ड्रोन का ऑपरेशनल टाइम बढ़ा है। ये सैटेलाइट कम्युनिकेशन से भी लैस हैं।

ये ड्रोन्स टारगेट की 24 घंटे निगरानी करने में सक्षम हैं। ये किसी भी मौसम में और किसी भी इलाके में अपने टारगेट को तबाह कर मिशन पूरा कर सकते हैं। ये ड्रोन फाइटर जेट्स की भी मदद करते हैं। ये अपने टारगेट पर लेजर लाइट डालते हैं, जिससे फाइटर एयरक्राफ्ट टारगेट को पहचान कर उसपर सटीक निशाना साध सकें।

श्रीनगर में एडवांस्ड फाइटर मिग-29 तैनात
इंडियन एयरफोर्स ने श्रीनगर एयरबेस पर मिग-29 फाइटर जेट के स्क्वाड्रन को तैनात किया है। ये मिग-29 अपग्रेड किए गए हैं और मॉर्डन फीचर्स से लैस हैं। इनमें लंबी दूरी की एयर-टु-एयर मिसाइलें, नाइट विजन, एयर-टु-एयर रिफ्यूलिंग समेत कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं।

मिग-29 इस साल जनवरी में श्रीनगर एयरबेस पर पहुंचे थे। यहां तैनाती से पहले इन्होंने कश्मीर घाटी में उड़ान की लंबी प्रैक्टिस की।

मिग-29 इस साल जनवरी में श्रीनगर एयरबेस पर पहुंचे थे। यहां तैनाती से पहले इन्होंने कश्मीर घाटी में उड़ान की लंबी प्रैक्टिस की।

स्क्वाड्रन लीडर विपुल शर्मा ने बताया कि श्रीनगर घाटी में है। इसका एलिवेशन मैदानों की तुलना में ज्यादा है। यहां पर तैनात किए जाने वाले फाइटर जेट्स का वेट-टु-थ्रस्ट रेश्यो ज्यादा होना चाहिए। रिस्पॉन्स टाइम कम होना चाहिए और उसमें लंबी दूरी की मिसाइलें होनी चाहिए। मिग-29 इन सभी जरूरतों को पूरा करता है। पूरी खबर पढ़ें…

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