भागवत बोले-आप भगवान बने या नहीं, इसका फैसला लोग करेंगे: खुद न कहें कि ईश्वर बन गए हैं; मणिपुर पर कहा- यहां सुरक्षा की गारंटी नहीं

पुणे2 मिनट पहले

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मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव के बाद कहा था कि लोगों को अहंकार नहीं पालना चाहिए। (फाइल) - Dainik Bhaskar

मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव के बाद कहा था कि लोगों को अहंकार नहीं पालना चाहिए। (फाइल)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा- अपने कर्मों में सफल होने के बाद आप भगवान बन गए हैं या नहीं, इसका फैसला लोगों को करना चाहिए। आप को खुद नहीं बोलना चाहिए कि आप भगवान बन गए हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शंकर दिनकर काने की सौंवीं जयंती पर पुणे में आयोजित कार्यक्रम में भागवात ने कहा- हमें जितना हो सके उतना अच्छा काम करना चाहिए।

अपने अच्छे काम के जरिए, हर कोई एक सम्मानित व्यक्ति बन सकता है, लेकिन हम उस स्तर तक पहुंचे हैं या नहीं, यह फैसला हम नहीं, बल्कि दूसरे लोग करेंगे। हमें कभी यह ऐलान नहीं करना चाहिए कि हम भगवान बन गए हैं।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भगवान ने मुझे किसी उद्देश्य से भेजा है। मैं जो भी करता हूं, परमात्मा ही मुझसे करते हैं। एक बार उद्देश्य पूरा हो जाए तो मेरा काम खत्म हो जाएगा।

भागवत बोले- मणिपुर में सुरक्षा की गरंटी नहीं
शंकर दिनकर 1971 तक मणिपुर में बच्चों को शिक्षित करने के अभियान में जुटे थे। मणिपुर को लेकर हो रही चर्चा के दौरान भागवत ने कहा- संगठन के कार्यकर्ता तमाम चुनौतियों और सुरक्षा की गारंटी न होने के बावजूद संघर्षग्रस्त उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में डटे हैं।

भागवत ने कहा- मणिपुर में परिस्थितियां कठिन बनी हुई हैं। स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित हैं। वहां कारोबार या सामाजिक सेवा के लिए गए लोगों के लिए माहौल अधिक चुनौतीपूर्ण है।

इस सबके बावजूद संघ के कार्यकर्ता दोनों गुटों की मदद और माहौल सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। न ही वे वहां से भागे, न ही हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। वे जनजीवन सामान्य करने, गुस्सा कम करने और राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इसका नतीजा है कि वे स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने में सफल रहे।

भागवत बोले- NGP सब कुछ नहीं संभाल सकते
भागवत ने कहा- मणिपुर में NGO सब कुछ नहीं संभाल सकते। संघ स्थिति सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। संघ सभी पक्षों से बातचीत कर रहा है। स्वयं सेवकों ने लोगों का विश्वास हासिल कर लिया है। स्थानीय लोगों ने सालों से संघ के काम को देखा है, इसलिए विश्वास किया है।

भारत के सपने को पूरा करने में दो पीढ़ियां लगेंगी
भागवत ने कहा- लगभग 40 साल पहले यहां की स्थिति और बदतर थी। इसके बावजूद लोग वहीं रहे, काम किया और स्थिति को बदलने में मदद की। संघ के स्वयंसेवक और प्रचारक मणिपुर लगातार जाते रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र का हिस्सा बनकर बदलाव लाने के लिए काम किया।

भारत के जिस सपने का सपना देखा गया है, उसे हासिल करने में दो और पीढ़ियां लगेंगी। रास्ते में हमें उन लोगों से बाधाओं का सामना करना पड़ेगा जो भारत के उत्थान से ईर्ष्या करते हैं। हमें इन बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

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