ब्रिगेडियर और ऊपर के अफसर अब एक जैसी वर्दी पहनेंगे: कर्नल और नीचे के रैंक के अफसरों की यूनिफॉर्म में कोई बदलाव नहीं

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नई दिल्ली6 मिनट पहले

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सेना के नए फैसले के तहत सीनियर अधिकारियों की टोपी, कंधे के बैज, गोरगेट पैच (कॉलर पर लगने वाले पैच), बेल्ट और जूते एक जैसे होंगे। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

सेना के नए फैसले के तहत सीनियर अधिकारियों की टोपी, कंधे के बैज, गोरगेट पैच (कॉलर पर लगने वाले पैच), बेल्ट और जूते एक जैसे होंगे। (फाइल फोटो)

सेना में ब्रिगेडियर और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारियों के लिए मंगलवार (1 अगस्त) से एक जैसी वर्दी कर दी गई है। हाल ही में सेना के कमांडरों ने सम्मेलन में चर्चा के बाद यह फैसला लिया था। यह नियम सभी अफसरों पर लागू होगा चाहे उनका कैडर कुछ भी हो और कभी भी भर्ती (नियुक्ति) हुई हो। वहीं, कर्नल और नीचे की रैंक के अधिकारियों की वर्दी में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, सेना के सूत्रों ने बताया कि इस फैसले के तहत सीनियर अधिकारियों की टोपी, कंधे के बैज, गोरगेट पैच (कॉलर पर लगने वाले पैच), बेल्ट और जूते एक जैसे होंगे। वहीं, फ्लैग रैंक के अधिकारी अब बाएं कंधे पर कोई डोरी नहीं पहनेंगे।

क्यों लिया गया ये फैसला

यह फैसला रेजीमेंट की सीमाओं से परे, सीनियर लीडरशिप के बीच सेवा मामलों में सामान्य पहचान और नजरिए को बढ़ावा देने के लिए लिया गया। ये एक निष्पक्ष और न्यायसंगत संगठन होने के लिए भारतीय सेना के चरित्र को और मजबूत करेगा। एक जैसी वर्दी सभी सीनियर रैंक के अधिकारियों को समान पहचान देगी।

सेना में सबसे ऊंची रैंक फील्ड मार्शल
सेना में सबसे ऊंची रैंक फील्ड मार्शल है। इसके बाद जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, कैप्टन, लेफ्टिनेंट, सूबेदार मेजर, सूबेदार, नायब सूबेदार, हवलदार, नायक लांस, नायक के पद होते हैं। देश में अब तक दो ही फील्ड मार्शल हुए हैं, पहले जनरल सैम मानेकशॉ, दूसरे जनरल केएम करिअप्पा।

15 जनवरी 2022 को पूर्व सेना प्रमुख ने सेना की इस वर्दी को लॉन्च किया था।

15 जनवरी 2022 को पूर्व सेना प्रमुख ने सेना की इस वर्दी को लॉन्च किया था।

इससे पहले जनवरी 2022 में भारतीय सेना ने नए डिजिटल पैटर्न वाली छलावरण लड़ाकू वर्दी तैयार की थी। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने 15 जनवरी यानी सेना दिवस पर लड़ाकू अभियानों के लिए भारतीय सेना की नई वर्दी को लॉन्च किया था।

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