बांग्लादेश से हर महीने 200 से ज्यादा रोहिंग्या ​​​​​​​घुस रहे: इन्हें भारत के 14 राज्यों में बसाया जा रहा; त्रिपुरा से गिरोह चला रहा आरोपी गिरफ्तार

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नई दिल्ली6 मिनट पहलेलेखक: पवन कुमार

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भारत सरकार एक ओर जहां देश में अवैध रूप से बसे 40 हजार से अधिक रोहिंग्या घुसपैठिए मुसलमानों को वापस उनके देश में भेजने के प्रयास कर रही है। वहीं, बांग्लादेश की सीमा में घुसपैठ कर हर महीने 200 से अधिक रोहिंग्या भारत लाए जा रहे हैं।

इसके बाद इन रोहिंग्या मुसलमानों को फर्जी पहचान देकर देश के 14 राज्यों असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और केरल में बसाया भी जा रहा है। यह सब कार्य एक अंतरर्राष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह द्वारा किया जा रहा है।

हाल ही में NIA की टीम ने इस मानव तस्कर गिरोह के मास्टरमाइंड जलील मियां को गिरफ्तार किया है। उसने पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। NIA जलील से उसके गिरोह के अन्य संदिग्धों के बारे में पूछताछ कर रही है।

त्रिपुरा से गिरोह चला रहा आरोपी, 10 से 20 लाख में कराता था घुसपैठ
आरोपी जलील मियां त्रिपुरा का रहने वाला है। उस पर NIA ने एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। जलील मियां पकड़े गए गिरोह के मुखिया जिबोन रूद्र पाल उर्फ सुमन का पार्टनर है, जिसे NIA ने पहले गिरफ्तार किया था।

जलील मियां के सहयोगी जज मियां और शंतो अभी भी फरार हैं। NIA उनकी तलाश कर रही है। ये सभी मानव तस्करी के गिरोह को त्रिपुरा से ही ऑपरेट करते थे। जलील को पहले भी NIA ने 8 नवंबर 2023 तो उसके घर पर गिरफ्तार करने का प्रयास किया था, मगर वह फरार होने में कामयाब रहा था।

इसके बाद NIA ने उसके गिरोह के 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। जांच में सामने आया है कि बांग्लादेश में मौजूद गिरोह के लोग भारत में बसने की चाह रखने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को 10 से 20 लाख रुपए (14 से 28 लाख बांग्लादेशी टका) में उन्हें सीमा पार करा कर भारत पहुंचाने और यहां पर फर्जी पहचान के जरिये बसाने का पैकेज दे रहे हैं।

भारतीय लहजे में हिंदी बोलने की ट्रेनिंग, ताकि राज न खुले
NIA के सूत्र बताते हैं कि मानव तस्करी गिरोह की जांच के दौरान जांच एजेंसियों को एक चौंकाने वाला तथ्य भी पता चला है। सामने आया है कि रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में घुसपैठ कराने से पूर्व या बाद में उन्हें भारतीय एक्सेंट में हिंदी, असमी और अन्य भारतीय भाषाओं का ज्ञान और ट्रेनिंग भी दी जाती है। जिससे जब रोहिंग्या घुसपैठिए जब भारत पहुंचे तो उसके बोलने के लहजे से उसकी पहचान न हो सके। इसके अलावा, घुसपैठिए द्वारा जो भाषा सीखी जाती है, वह तय करती है कि उसे अवैध रूप से भारत के किस राज्य में बसाया जा सकता है।

भूमिगत सुरंगों से रोज 5 से 10 रोहिंग्याओं की भारत में घुसपैठ
यह गिरोह हर रोज बांग्लादेश से 5 से 10 लोगों को भारत में घुसपैठ कराता था। इसके लिए बांग्लादेश की सीमा के साथ लगते असम, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा राज्यों में भूमिगत सुरंगें बना रखी है।

घुसपैठ के जरिए भारत में आने के बाद घुसपैठियों का हुलिया बदल दिया जाता है। जिससे कि कोई उन पर शक न कर सके। इसके बाद उन्हें किसी अज्ञात जगह पर कुछ दिनों के लिए रखा जाता है। इस दौरान घुसपैठियों की फोटो लेकर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें दिए जाते हैं।

देश में रोहिंग्या मुस्लिमों की आबादी 18 हजार
गृह मंत्रालय ने UNHRC के हवाले से बताया कि भारत में दिसंबर 2021 तक 18 हजार रोहिंग्या मुस्लिमों के होने की जानकारी मौजूद है। सरकार के मुताबिक, देश में रोहिंग्या विशेषकर जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, दिल्ली-NCR, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मणिपुर में हैं।

भारत-बांग्लादेश समेत 6 देश रोहिंग्याओं से परेशान
रोहिंग्या मुस्लिम संकट बांग्लादेश, भारत समेत 6 एशियाई देशों की परेशानी का सबब बन गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहिंग्याओं के चलते इन देशों में अपराध बढ़ रहे हैं। भारत में इनके तार घुसपैठ से लेकर आतंकी गतिविधियों तक जुड़े हुए हैं। भारतीय पुलिस ने खुलासा किया था कि कट्टरपंथी पीएफआई अपने संगठन में भर्ती करने के लिए रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए जरूरी आधार कार्ड बनवा रहा है।

पुलिस के मुताबिक, पीएफआई नई पहचान बनाने के लिए रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों को कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में दिहाड़ी मजदूरों के रूप में भेज रहा है। रोहिंग्याओं से सबसे ज्यादा परेशान बांग्लादेश की सरकार है। रोहिंग्या बहुल कॉक्स बाजार क्षेत्र में पिछले 5 साल में चोरी, हत्या, डकैती, दुष्कर्म, नशीले पदार्थों की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियां 7 गुना हो चुकी हैं।

बांग्लादेश की स्थानीय आबादी वृद्धि दर 1% फीसदी है, जबकि रोहिंग्या की आबादी वृद्धि 5% है। इनकी बढ़ती आबादी के कारण सरकार द्वारा इनके लिए सुविधाएं जुटाने में परेशानी आ रही है।

उधर, थाईलैंड में रोहिंग्याओं के लिंक मानव तस्करी से जुड़े पाए गए। वहां के रास्ते मानव तस्करी मलेशिया तक हो रही है। आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान रोहिंग्याओं को भी इसी रास्ते पर ले जा रहा है। इंडोनेशिया भी अपराधों में लिप्तता, खाने-रहने की परेशानी को देखते हुए अपने यहां रोहिंग्याओं को रखना नहीं चाहता।

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केंद्र बोला- रोहिंग्या रिफ्यूजियों को देश में रुकने नहीं दे सकते, भारतीय नागरिकों को प्राथमिता देने की जरूरत

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रोहिंग्या मुसलमान मृतकों के आधार-पहचान चुरा रहे, मृतकों के अन्य दस्तावेज अपने नाम पर ट्रांसफर-अपडेट कर रहे​​​​​​​

रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश से अवैध रूप से घुसपैठ कर भारत में बसने के लिए मृतक लोगों के आधार कार्ड और उनकी पहचान से जुड़ी जानकारी चुरा रहे हैं। बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत के अलग-अलग राज्यों में खुद की पहचान छिपाने के लिए ऐसे लोगों की ID अपना रहे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। पूरी खबर पढ़ें…

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